प्यार एक खिलवाड़
प्यार एक खिलवाड़
संगीता बहुत ही खूबसूरत लडकी थी। जितनी वह सुंदर थी, उतनी ही ईमानदार। न किसी से झूठ बोलना, न किसी से फालतू की बातें करना।बस अपने काम से काम रखना।”उसी क्लास में एक लड़का संजय। वह मन ही मन उससे बहुत प्यार करता था। संजय अक्सर उसके छोटे-मोटे काम कर दिया करता था।बदले में जब संगीता मुस्करा कर थैंक्यू कहती थी, तो संजय की खुशी का ठिकाना नहीं रहती था।एक बार की बात है दोनों साथ-साथ घर जा रहे थे। तभी जोरदार बारिश होने लगी। दोनों को एक पेड़ के नीचे रुकना पडा पेड़ बहुत छोटा था,बारीस की बुन्दे छन-छनकर उससे नीचे आ रही थीं। ऐसे में बारिश से बचने के लिए दोनों एक दूसरे के बेहद करीब आ गये। संगीता को इतने करीब पाकर संजय अपने जज्बातों पर काबू न रख सका। संजय ने संगीता को प्रजोज कर दिया। संगीता भी मन ही मन उसको चाहती थी।इसलिए वह भी राजी हो गयी। और इस तरहदोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। एक बार की बात है संगीता उसी पेड़ ने नीचे संजय का इंतजार कर रही थी। संजय बहुत देर से आया।उसे देखकर संगीता नाराजगी से बोली,’तुम इतनी देर से क्यों आए? मेरी तो जान ही निकल गयी थी।’यह सुनकर संजय बोला, ‘जानेमन, मैं तुमसे दूर कहां गया था, मैं तो तुम्हारे दिल में ही रहता हूँ ।तुम्हें यकीन न हो तो अपने दिल से पूछ लो।' संजय की इस प्यारी सी बात को सुनकर संगीता अपना सारा गुस्सा भुल गयी और वह दौड़ कर संजय से लिपट गयी।एक दिन दोनों उसी पेड़ के नीचे बैठे बातें कर रहे थें। संगीता पेड़ के सहारे बैठी थी और संजय उसकी गोद में सर रख कर लेटा हुआ था।तभी संगीता बोली, ”जानू, अब तुम्हारी जुदाई मुझसे बर्दाश्त नहीं होती।
तुम्हारे बिना एकपल भी मुझे 100 साल के बराबर लगता है। तुम मुझसे शादी कर लो, नहीं तो मैं मर जाऊंगी।”संजय ने झट से संगीता के मुंह पर अपना हाथ रख दिया और बोला, ”मेरी जान, ऐसी बात मत किया करो, अगर तुम्हें कुछ हो गया, तो मैं कैसे जिंदा रहूँ गा।” फिर वह कुछ सोचता हुआ बोला,”तुम चिंता मत करो, मैं जल्द ही अपने घर वालों से बात करूंगा।”धीरे-धीरे काफी समय बीत गया। एक दिन की बात है। दोनों लोग उसी पेड़ के नीचे बैठे हुए थे।उस समय संजय का चेहरा उतरा हुआ था। संगीता के पूछने पर वह रूआंसा होकर बोला, ”जान,मैंने अपनेघर वालों को बहुत समझाया, पर वे हमारी शादी केलिए तैयार नहीं हैं।
उन्होंने मेरी शादी कहीं और पक्की कर दी है”यह सुन कर संगीता का कलेजा फट पड़ा।उसका मन हुआ कि वह जोर-जोर से रोए” लेकिन उसने अपने जज्बात पर काबू पा लि, और बोली, ”मैंने तुमसे सच्चा प्यार किया है, मैं तुम्हें कभी भुला नहीं सकती।””प्लीज मुझे माफ कर देना..!” संजय धीरे से बाेला,वैसे अगर तुम चाहो, तो अब से हम एक अच्छे दोस्त रह सकते हैं।" संगीता यह सुन कर ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी” संजय ने उसे समझाया और फिर दोनों लोग रोते हुए अपने-अपने घर चले गये।देखते ही देखते संजय की शादी का दिन आ गया। संजय को यकीन था कि उसकी शादी में संगीता जरुर आएगी। पर ऐसा नहीं हुआ।
हां, संगीता का भेजा हुआ एक गिफ्ट पैक उसे ज़रूर मिला। संजय ने कांपते हांथों से उसे खोला। उसे देखते हीवह बेहोश हो गया।गिफ्ट पैक में और कुछ नहीं खून से लथ पथ संगीता का दिल रखा हुआ था। और साथ ही एक चिट्ठी, जिसमें लिखा हुआ था- अरे पागल, अपना दिल तो लेते जा वरना अपनी पत्नी को क्या देगा ।
जिन्दगी का सबसे खुबसुरत एहसास प्यार ही है जो हमको आपको हर किसी को होता है पर क्या हम उसकोअपना पाते हैं कभी हम गलत तो कभी साथी गलत दोनो सही तो घरवाले गलत पर क्या प्यार गलत होता है नही”तो”मित्रों प्यार करो लेकिन खिलवाङ मत करो