प्यार अनचाहा
प्यार अनचाहा
प्यार की कोई सीमा नहीं होती।
जीत ओर वीकी दोनों बहुत ही अच्छे दोस्त थे। दोनों पढ़ाई लिखाई में सब से तेज थे । दोनों एक दूसरे को स्कूल से जानते थे। दोनों ने एक ही कोलेज से पढ़ाई लिखाई पुरी की थी।
पढ़ाई लिखाई करते करते कब दोनों में प्यार हो गया पता ही नहीं चला। कोलेज के बाद आगे की पढ़ाई के लिए वीकी को विदेश जाना था ।
एक दिन वीकी जीत से मिला। दोनों बस एक दुसरे को देखते रहे। वीकी ने अपने दिल को थाम कर जीत का हाथ पकड़ कर आंखों में आंखें डाल कर कहा की में आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जा रहा हु। पता नहीं कब लोटूंगा । जीत ने हाथ पर हाथ रख कर कहा ठीक है मैं इन्तज़ार करूंगी। इतना कहकर वीकी चला गया।
दिन बीत रहे थे। यहां जीत के लिए उसके माता-पिता रिश्ते ढूंढ रहे थे पर हर बार की तरह कोई न कोई बहाना बनाकर वो रिश्ते से इन्कार कर दिया करती। यहां वीकी की कोई खबर नहीं थी।
एक दिन उसके पिता को बड़ा तेज हार्ट अटेक आया। तब उन्होंने जीत से वादा लिया कि वह अब शादी कर ले। जीत के पास कोई रास्ता नहीं था। उसने शादी कर ली। वीकी को यह बात बहुत देर से चली । वो बस अब विदेश में ही रहने लगा। और बडी सी कंपनी में अच्छी नोकरी करने लगा।
कैरी भी उसी ओफिस में काम करती थी। कैरी को वीकी से प्यार हो गया।
कैरी बहुत ही घमंडी ओर लालची थी । वीकी ने कैरी से शादी की बात की तो कैरी ने अपनी फरमाइश की पूरी लिस्ट थमा दी। वीकी ने कहा कैरी यह क्या है में तुम से प्यार करता हूं और अभी अभी तो मैंने कमाना शुरू किया है। इतना सारा खर्चा मैं अभी नहीं कर सकता पर में तुम्हें खुश रखुगा। कैरी ने कहा मुझे कुछ नहीं पता या तुम मेरी फरमाइश पूरी करो या मुझे भुल जाओ। इतना कहकर कैरी चली गई।
वीकी बहुत ही उदास था। उसने सोच लिया की वो अब कभी कीसी से प्यार नही करेगा। अब वीकी खुब जी जान से महेनत करने लगा। उसकी महेनत को देखते हुए उसके बोस ने उसको प्रमोशन दिया।
अब वीकी अच्छा खासा कमाने लगा था।
एक दिन जब वो घर जा रहा था तब वो शालीनी से टकरा गया । दोनों की एक दुसरे से नजरें मिली। सोरी कह कर वीकी वहां से चला गया। शालीनी उसके बोस की बेटी थी। उसकी शादी टुट चुकी थी।
अब शालीनी रोज ओफिस आने लगी । ओर रोज वीकी ओर शालीनी की मुलाकात होती। पर वीकी को कोई फर्क नहीं पड़ता था। उसने जैसे प्यार न करने की कसम खाली हो।
एक दिन वीकी का बहुत बड़ा एक्सिडेंट हो गया। तब उसके आसपास कोई नहीं था । शालीनी ने यह सब देख कर तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया। ओर उसकी देखभाल करने लगी । खाना बनाकर खाना खिलाना उसके लिए दवाओं का इंतजाम कर ना वगेरे । ओर उसका दिल। पिघल गया।
देखते-देखते दोनों में प्यार कब हो गया पता नहीं चला। अब वीकी की जिन्दगी में शालीनी आ गई थी। वीकी को फिर से प्यार हो गया। बोस से शालिनी का हाथ मागा। ओर फिर दोनों एक अटुट बन्धन में बंध गए।

