Jeetal Shah

Others

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एक फर्ज

एक फर्ज

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बंगाल का एक गांव  श्रीरामपुर में रहता है ये एक परिवार ।अजय और उसकी मां बीना।   अजय बहुत ही  अच्छी नोकरी  करता है.  अजय की मां मानसिक रूप से बीमार थी।  


 उसकी मां बीना। अजय ऐमजोन में  नोकरी करती है। एक हादसे ने अजय की मां बीना की पुरी जींदगी बदल डाली। 


एक बार जब बीना और अजय के पीता आशित दोनों घुम्ने जाते है तब एक हादसे में आशित की मौत हो जाती है। और इस हादसे का बीना के मन पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है। और ये हादसे के बाद बिना चुप सी और शांत सी रहने लगती है। बात बात पे घबरा जाती है।


अजय आये दिन अपनी मां के इलाज के लिए इन्टर नेट पर कुछ न कुछ ठुठता रहता। अजय की ओफिस में टिया नाम की एक लड़की काम कर ती थी।

एक दिन अजय को परेशान देखकर उसने अजय से पुछ ही लिया अजय तुम्हे क्या परेशानी सताती है । अपने दोस्तों से छुपाते नही।

 

 क्या पता परेशानी का हल मिल जाए!तब अजय ने उसे बताया की वो अपनी मां की वज़ह से परेशान है।


Part. 2.

बस इतनी सी बात तुम उसे कोई ऐसी जगह ले जाओ जहां वो खुल कर किसी से बाते कर सके। अजय ने फोरन नेट पर सर्च करना शुरू कर लिया। सब जगह को देखते हुए उसकी नजर राजस्थान में स्थित माउंट आबू पर गइ। उसने सोचा कि मां के इलाज के लिए इससे बेहतर और कोई जगह नहीं। उस ने सारी तैयारियां शुरू कर दी माउंट आबू जाने के लिए। अजय अपनी मां बीना को लेकर माउंट आबू के लिए निकल गया।


अजय ने ओन लाइन सारी बुकिंग कर रखी थी। हरे भरे पेड़, ऊंचे ऊंचे पहाड़ ,धरा नदी की सब नजारा बहुत ही प्यारा था। ये नजारा आश्रम का ही था । ये आश्रम का नाम भृममाकुमारी है। यहां पर सब सुख सुविधाएं हैं। अजय ने रिसेपशन से घुमने फिरने की सारी इन्फोर्मेशन ले और फिर अजय अपने रूम की तरफ बढ़ने लगा। चलते चलते एक बात ही उसे खाई जाती थी की आखिर मां के मन की उलझन क्या हो सकती है? 


बस अजय अपने कमरे तक आ गया उसने अपनी मां से कहा कि "मां चलो हम आज यहा घुम्ने जाते हैं। तुम जल्दी से तैयार हो जाओ"।   बीना तैयार हो गई।  अजय और बीना साइट सीन के लिए निकले। बडे बड़े पर्वतों चारो तरफ हरियाली मानो जैसे कोई नई नवेली दुल्हन सजी हो। 

नज़ारे इतने सुंदर की सब घर, रास्ते,सब पेड़ पौधे छोटे छोटे खिलौने से लग रहे थे।सब नजारा देखकर बीना खुब हंसने लगी , मानों जैसे कि उसे कुछ याद आ रहा हो।  अजय ने अपनी मां को इतना खुश कभी नहीं देखा। अजय ने मां से कहा "मां तुम आज कितनी खुश लग रही हो। क्या बात है मुझे भी बताओ! "


बीना  मानों जैसे सब कुछ याद करने लगी। उसके सामने सब नजारा आने लगा और वो जोर से चिल्लाती हुई बेहोश हो गई।अजय थोडा घबरा गया,पर फिर तुरंत अपनी मां को लेकर आश्रम पहुंच गया। उसने अपनी मां को कमरे में बिस्तर पर लेटा दिया। डोकटर भी तुरंत आए। डोकटर ने बीना को एक इंजेक्शन दिया।   बीना थोड़ी देर में होश में आ गई। अजय उसके पास ही बैठा था।


"मां तुम ठीक हो। ऐसे अचानक क्या हो गया?"

" कुछ नहीं पर हम यहां कैसे!" बीना ने पूछा!

" कुछ नहीं मा मुझे कुछ दिनो की ओफिस में से छुट्टी थी।" अपनी मां को अच्छा देख कर अजय खुशी से रो पड़ा।  



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