दीपावली का त्योहार
दीपावली का त्योहार
दीपावली की रोशनी ने गांव को सजाया। घरों के द्वार-दरवाजों पर चिरागों ने चमक पैदा की, और सभी लोगों के चेहरे पर मुस्कानें फैल गई। यह त्योहार था कि सभी लोग अपने परिवार के साथ मनाते थे।
रवि, एक छोटे से गांव के लड़का, ने बड़े उत्साह से दीपावली के त्योहार का स्वागत किया। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर खिलौने खेले, मिठाइयाँ खाई, और फिर वे दीपावली के दिन मंदिर गए।
रवि के दादी-दादा ने उसे सिखाया कि दीपावली का त्योहार क्यों मनाया जाता है। वे बताए कि दीपावली भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने के दिन मनाया जाता है, जब उनके परिवार ने उनके आगमन का स्वागत किया था।
रवि ने अपने दादी-दादा से सुना कि दीपावली के दिन लक्ष्मी माता की पूजा भी की जाती है, ताकि घर में धन और समृद्धि का आगमन हो। उन्होंने अपने दादी-दादा के साथ मंदिर में जाकर लक्ष्मी माता की पूजा की और आशीर्वाद मांगा कि उनके घर में सुख-शांति बनी रहे।
दीपावली के बाद, रवि और उसके परिवार ने अपने दोस्तों और पड़ोसियों के साथ मिलकर आपसी मेल-जोल मनाया और साथ मिलकर खुशियों का त्योहार मनाया। यह दीपावली का सबसे खास और प्यारा पल था, जो रवि और उसके परिवार ने सदा याद रखा।
