पर्यावरण योद्धा
पर्यावरण योद्धा
आज में आपको एक पर्यावरण योद्धा की कहानी बताना चाहता हूं जिसने पर्यावरण संरक्षण के लिए अद्वितीय कार्य किया है तथा यह पर्यावरण योद्धा अभी भी उसी लगन से पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहा है. यह कहानी एक ऐसे पर्यावरण योद्धा की है जो समाज के लिए एक प्रेरणा श्रोत है. मेरी मुलाकात अचानक इस योद्धा से 4 वर्ष पूर्व हुई. यह योद्धा एक साइकल पर चलता है इसकी साइकल पर हमेशा पोधे रखे मिलते हैं . मैने देखा कि यह व्यक्ति स्थान देखता रहता है कि कहां पोधे लगाए जा सकते हैं जहा भी जगह मिलती है वहीं वह पोधे लगा देता है. उनकी देखभाल करता है सारे दिन साइकल पर घूम घूम कर पोधे लगाना व उनकी देखभाल करना हो इसका कार्य है. इसने पौधों को ही अपना परिवार मान लिया है। इस व्यक्ति का कोई परिवार नहीं है यह बहुत ही गरीब व्यक्ति है इसको जो भी पैसा कहीं से भी मिलता है यह उस पैसे से अपने सुविधा के सामान न खरीद कर केवल पौधे खरीद कर लाता है. तथा जगह-जगह पौधारोपण करता है.
यह पिछले 20 वर्षों में रुड़की में लाखों पौधे लगा चुका है तथा इसने अपने साथ अनेक लोगों को जोड़ रखा है. इस व्यक्ति का कार्य जगह स्वच्छता कार्यक्रम चलाना, पौधारोपण करना, व स्वच्छता संदेश देना है। यह साधारण सा दिखने वाला व्यक्ति एक पर्यावरण योद्धा है जो पर्यावरण के लिए एक अद्वितीय कार्य कर रहा है. यह व्यक्ति सभी का प्रेरणा स्रोत है इसके साथ छात्र-छात्राएं एवं अनेक लोग लग गए हैं जो इसके इस कार्य में भागीदारी निभा रहे हैं. रुड़की में जितने भी स्कूल हैंं उन सभी में इस व्यक्ति ने पौधारोपण किया है तथा अन्य जगहों पर भी इस व्यक्ति ने पौधारोपण किया है इस व्यक्ति ने छात्रों को पौधारोपण के लिए प्रेरित किया है तथा प्रत्येक स्कूल में वृक्षारोपण इसी के द्वारा कराया गया है. इसकी योजना अधिक से अधिक छात्रों को पर्यावरण के साथ जोड़ने के लिए भी है और पर्यावरण योद्धा बनाने के लिए भी है. इसका कार्य न केवल वृक्षारोपण बल्कि स्वच्छता में भी अद्वितीय है यह नहर के घाट पर व अन्य जगह पर जहां भी इस व्यक्ति को गदगी दिखाई देती है वह वहीं पर सफाई करने लग जाता है. सफाई करता जाता है इतनी गरीबी के बावजूद इस व्यक्ति की पर्यावरण संरक्षक के रूप में कार्य करने की क्षमता अद्वितीय है. हम सभी को ऐसे व्यक्ति से सीख लेने की आवश्यकता है कि किस प्रकार से पैसे के अभाव मेंं एवम् अन्य संसाधनों के अभाव में भी यदि कोई व्यक्ति चाहे तो वह कितना भी बड़ा काम कर सकता है। यह छात्रों को प्रेरणा भी देता है बच्चे भी इससे सीखते हैं हम सभी को भी ऐसे व्यक्ति से सीखने की आवश्यकता है. जो एक मिशन के रूप में पौधारोपण चला रहा है तथाा रात दिन पौधोंं की देखभाल करने में ही उसका दिन बीत जाताा है ऐसेेेेे व्यक्तियों की हमे आवश्यकता है हम सभी ऐसे लोगों से प्रेरणा लेकर आगेे बढ़े और आगे बढ़ते जाएं सफल हो।
