प्रकाश पुंज
प्रकाश पुंज


कल दीया, मोमबत्ती और टॉर्च का प्रकाश एक अदभुत नज़ारा पेश कर रहे थे। दूर दूर तक झिलमिलाती लौ। आपसी प्रेम और शक्ति का प्रतीक था। बहुत अच्छा लग रहा था इस अदभुत नज़ारे का हिस्सा बन कर। मैं ही नहीं देश के सभी लोग इसका हिस्सा थे। रिक्शा वाला, टेंट में रहने वाले, सड़क पर रहने वाले सब ने दिया जला कर एकता की शक्ति दिखाई। मैं अपने देश के लोगों की इस अदभुत अखंडता पर अभिभूत हूँ। कई अवसर आये जब देश ने एकता की शक्ति दिखाई। हमें अपने भारतीय होने पर गर्व है। आज भारत दुनिया भर के देशों का मिसाल बन गया। हमारी संस्कृति से दुनिया अभिभूत है। हमारे वैदिक मन्त्र दुनिया में गूंज रहे। हम लोग थोड़ा भटक गये थे पर अब जग गये और अपनी संस्कृति को फलता हुआ देखना चाहेंगे। प्रकृति का अनमोल तोहफ़ा अब नहीं खोएंगे। कटिबद्ध हैं अब। नीले आकाश को प्रदूषण मुक्त ही देखना हैं अब। सब कोशिश करेंगे तो पहली वाली खुशहाली वापस आ जाएगी।