प्रेम विवाह
प्रेम विवाह
आज बड़े दिनों बाद सुबह पूजा का फ़ोन आ गया, कहने लगी दीदी आप मेरी शादी के बाद मुझसे मिलने ही नहीं आये। मैंने कहा हां जरूर मिलूंगी किसी दिन।
बातों बातों में उसने बताया कि उसके परिवार वाले अब भी उससे बात नहीं करते वजह थी उसका प्रेम विवाह करना।
शायद उनके परिवार को जाति से सम्बंधित कुछ समस्या थी। लेकिन किसी ने भी ये नहीं सोचा कि जिससे उनकी बिटिया इतना प्यार करती है जिसे इतना चाहती है , वो उसके मन में बसा है यदि वो उसकी जाति का नहीं तो क्या हुआ पर उसे छोड़ किसी और को तो वो अपना नहीं पाएगी।
उसकी व्यथा सुनकर मन सोचने को विवश हो गया प्रेम विवाह में ऐसा क्यों होता है जबकि प्रेम तो सबसे पवित्र होता है इसमें छल कपट नहीं होता।
प्रेम विवाह में प्रेम तो होता ही है, लेकिन सच्चा प्रेम विवाह वह है जो परिवार के मध्य भी प्रेम स्थापित करे एवं परिवार सहित प्रेम पूर्वक जीवन व्यतीत करे।
