प्रेम रोग
प्रेम रोग


नाटक।
प्रेम रोग
पर्दा उठता है।
एक आदमी कुर्सी पर बैठा किताब पढ़ रहा है.
उम्र करीब 45 साल,. शांत ,समझदार, ठहराव से युक्त व्यक्तित्व.
तभी उमंग की एंट्री होती हैं. असंतुष्ट और चिड़ा हुआ. 35 साल का युवा, 4 साल पहले ही शादी हुई है.
उमंग - यश भाई, अब में और नही निभा सकता. मुझे आज़ाद होना है. दीपिका की किटपिट अब नही झेल सकता. सास बहू में , में ही पिसता हूँ बस.
अब जिंदगी बोर हो गयी है.लाइफ में कोई उमंग, उत्साह, मस्ती है ही नही
काश में उस दिन इमोशनल न होता, रेणुका के साथ भाग जाता, घर परिवार की फिक्र न करता.
आज रेणुका का साथ होता तो जिंदगी कुछ और ही होती.
इंसान को उसी से शादी करनी चाहिए, जिससे प्यार हो.
यश - और तुम्हे कैसे पता लगेगा कि अब तुम प्रेम करने के लायक हो. पूरी उम्र ही निकल गयी तो?
उमंग - कैसे पता लगेगा क्या? एक नज़र में प्यार हो जाता है.
यश खड़ा होता है, उमंग को होल्ड करता है और आंखों में आंखे डाल, बोलता है
यश - उसे देखा और वक़्त रुक सा गया हो जैसे. उसकी आंखों की गहराई, उसी में डूब जाने का मन करता है.
उमंग - असहज होते हुवे - हां, हां वही
यश - उसके नर्म मुलायम होंठ, गुलाब से गाल, सुराही सी गर्दन, अपनी तरफ बुलाता जवान जिस्म..
उमंग - यश के हाथ हटाते हुवे - सिर्फ शरीर नही, प्यार भी तो होता है
ये सब छोड़ो, तुम बताओ, मेरी परेशानी का हल क्या है।
यश - देखो
उमंग - देखो?
यश - हां , देखो. तुम्हारे आस पास जो प्यार का बाजार है. कभी सिनेमा प्यार बेचता है. कभी कोई साधु संत बना व्यक्ति, प्रेम को भगवान का दर्जा देता है.
पर सत्य, सत्य ध्यान से, देखने से ही विदित होता हैं.
आओ तुम भी देखो, हम सब देखे.
उमंग और यश ,अपनी कुर्शियों पर बैठ जाते है. उनपे लाइट डिम हो जाती है. अंधेरे में बैठे दो दर्शक से दिखते है.
(प्रथम जोड़ा) लड़का ,लड़की. उम्र 19,20 साल.
लेफ्ट विंग से लड़की और राइट से लड़का , आते है. स्टेज के सेंटर में मिलते है.
पास से गुजरते हैं तो,लड़का रुक सा जाता है, उसकी नज़र लड़की पर से हटती ही नही. लड़की शरमा के हँस देती है.
वापस चलने को होते ही फ्रीज हो जाते है.
यश - अब इनका रोज मिलना हुआ. लड़की को ,कुछ ही दिन में पता लग गया कि लड़का बड़ा उतावला है. सौ जगह लड़की की बाते करने लगा. कई अनजान लोग लड़की को भाभीजी , भाभीजी कहने लगे. तो लड़की ने दूरी बना ली.
आगे देखो
लड़का, लड़की अनफ्रीज़ होते है.
लड़का चिल्लाते हुवे, लड़की के पास आता है.
लड़का - में तुमसे प्यार करता हूँ. तुम्हारे बिना जी नही सकता. या तो में खुद मर जाऊँगा या तुम्हे मार दूंगा.
लड़की - में जीना चाहती हूं. तुम्हे मरना हो तो मरो.
लड़का गुस्से में चाकू निकालता है. लड़की के पेट मे घोंप देता है.
लड़का डर के स्टेज के लेफ्ट विंग की तरफ भाग जाता है.
घायल लड़की भी लड़खड़ाते, राइट विंग से बाहर हो जाती है.
उमंग - हैरत से - ये क्या?
यश - अभी और भी देखो
(दूसरा जोड़ा) लड़का, लड़की, उम्र 27,28 साल.
लड़की लेफ्ट विंग से आती है, लड़का राइट विंग से. दोनों एक दूसरे को अच्छे से जानते है. पास आते है.
लडक़ी- तुम ऑफिस के नीचे ऐसे....., वैसे भी हमारी बाते ही हो रही है आजकल
लड़का- यार तुम रूम पे भी तो नही आ रही आजकल. (सिर खुजाते हुवे) वो अपने लिए सेफ्टी का सामान भी ले आया था. पूरा का पूरा बॉक्स ....
लड़की - हट.. तुम पहले ये बताओ, मुझमें क्या अच्छा लगता है.
लड़का - तुम बहुत सेक्सी हो.
लड़की - और
लड़का, लड़की को कामुकता से देखते हुवे
लड़का - कि, तुम बहुत सेक्सी हो.
लड़की - और
लड़का seduce होते हुवे
लड़का- तुम बहुत..... सेक्सी हो यार
लड़का लड़की दोनों फ्रीज
उमंग - एक्साइट होते हुवे - आगे क्या
यश - देखो
लड़का, लड़की अनफ्रिज
लड़की - आई एम प्रेग्नेंट, इडियट. बच्चा होने के बाद अपनी फैमिली से बात करोगे.
लड़का - अभी बच्चा क्यों, एबॉर्शन करवा लो, अभी तो तुम....
लड़की - हां, कि में ,सेक्सी हूं, इडियट,चिटर..
लड़का कंधे उचकाता हुवा, राइट विंग से आउट हो जाता है.
लड़की स्टेज के लेफ्ट तरफ जाती है और फंदा लगा लेती है. कुछ लोग उसे उतार, लेफ्ट विंग से लेके चले जाते है.
यश - और देखना है.
उमंग - कुछ नही बोलता. शांत खड़ा रहता है.
(तीसरा जोड़ा) आदमी जो कि बाप है और उसकी लड़की
लड़की गुस्से मे बाप की तरफ चल के आती है.
लड़की - डैडी, वो टैक्सी वाला है तो क्या, में उससे प्यार करती हूं.
मुझे आपकी होटल्स, फार्म हाउसेस नही चाहिए . आपकी इकलौती बेटी हूं, पापा.
मेरे लिए इतना भी नही कर सकते.
बाप - बेटा, में कैसे समझाऊं ?
बाप बेटी फ्रीज
उमंग - इसमे क्या गलत है. प्यार करती है.
यश - देखो
लड़की - पापा उसने मुझे धोखा दिया हैं. वो कोई प्यार व्यार नही करता. दिन भर दारू पीके पड़ा रहता हैं. बच्चो के सामने ,मुझे, मारता है पापा.
में उसे छोड़ आई पापा.
बाप - रुआंसा होते हुवे , बेटी को गले लगाता है- कोई बात नही बेटा.
बेटी का हाथ, पकडे हुवे, बाप बेटी लेफ्ट विंग की तरफ निकल जाते है.
उमंग- बेसब्र होते हुवे - अरे तो प्यार किधर है.
यश उसे स्टेज की तरफ देखने का इशारा करता है.
(चौथा जोड़ा) पति पत्नी
पती - अपनी बच्ची को गोद मे उठाए, उससे बाते कर रहा है
पति - अरे यार एक घंटा हो गया, आफिस भी जाना है, अभी तक शेव भी नही की. तुम्हारा काम ही खत्म नही होता.
पत्नी - हां तो छह बजे उठा करो. पड़े रहते हो 8 बजे तक तो.
चाय भी चाहिए, खाना भी चाहिए, बच्ची को भी रखलो.
पति - अरे ठीक ठीक हैं. अब गुड़िया का संभालो.
पत्नी बच्चे को लेफ्ट विंग की तरफ सुला आती है.
तभी पांच सेकंड के लिए फ्रीज , फिर रिलैक्स
पति- इस बार ना मनाली जाएंगे. कितना टाइम हो गया ना, कही गए ही नही.
पत्नी - कितना ख़र्चा आएगा.
पति - 40-50 हज़ार
पत्नी - इतनी सेविंग हैं, हमारे पास?
पति- अरे कर लेंगे, इधर उधर से, तुम्हारे लिए जान हाजिर है.
तभी बेटी की एंट्री होती है.
पापा, अब में बस से कॉलेज नही जाऊंगी. कैसे कैसे लोग होते है, घूरते हैं, गन्दे तरीके से.., मुझे स्कूटी चाहिए, नही तो कल से कॉलेज जाना बंद.
बाप बेटी के सिर पर हाथ फेरता है.
बाप - कितने की आती है ये स्कूटी
बेटी - 70 हज़ार की
एक पल को पति पत्नी एक दूसरे को देखते है.
बाप बेटी का हाथ पकड़ता है और मुस्कुरा के कहता है.
चल बेटा, स्कूटी लेके आते है.
बाप बेटी लेफ्ट विंग की तरफ निकलते है, पत्नी राइट विंग की तरफ निकलती है.
कुछ दूरी बाद ,पति पत्नी फ्रीज हो जाते है, बेटी आगे निकल जाती है.
5 सेकंड बाद रिलैक्स
बुजुर्ग आदमी को उसकी पत्नी दवाई व पानी का ग्लास देती है.
पति - अरे नही, नही
पत्नी - नही क्यों ? खाना खाने के बाद ,दवाई लेनी ह ना.
कल भी आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुवा था.
आदमी - बेटी का तो समझ आता है, शादी हो गयी है. तुम्हारा नालायक लड़का एक साल से घर नही आया.
पत्नी- बैंगलोर बड़ा शहर है. समय नही मिलता होगा उसको.
आओ आपको बाहर घूमा लाऊं.
पति, पत्नी को बड़े प्यार से देखता है. दोनों एक दूसरे को देखते हैं . पत्नी हाथ पकड़, पति के साथ लेफ्ट विंग की तरफ निकल जाती है.
उमंग और यश पे लाइट आती है.
उमंग - मुझे कुछ काम याद आया, में आता हूँ वापस.
यश अपनी किताब ले, हँसते हुवे, राइट विंग की तरफ निकल जाता है.
पर्दा गिरता है.