गहरे पानी पैठ
गहरे पानी पैठ
एक स्वप्न..
बस एक सपना ..
मन के अंधेरे में छिपे स्वभाव को एकदम नंगा दिखा देता हैं ..
आप इतना सीधा देखने के आदी नहीं हैं , झीना पर्दा तो कम से कम होना ही चाहिए..
आप देख पाते हैं .......
अपने डर को साफ साफ..
आप देख पाते हो कि एक आज्ञाकारी व्यक्ति
गहरे में कितनी अवहेलना होती है या होना चाहता है ..
आप कितने गहरे में सम्मान चाहते हैं उससे ,जिसे आप अपना मानते हैं
या समाज ने जिसको आपका कहा हैंl.. ..
आपकी जड़े हिल जाती हैं जब जिसे आप अपना मानते हैं ,
वो बिना आपकी इजाज़त के या आपसे छिपा के कुछ कर लेता हैं
या करने को आतुर हैं..
आप कितने डरे हुए होते हैं उन सब हालातों से जो सामने खड़े हो सकते हैं ..
आप भविष्य की घटना को भी अपने हिसाब से चाहते हैं ,
नहीं तो आपके डर फन फैलाए खड़े रहते हैं ..
आप देख पाते हैं .......
हमारे समाज , संस्कार का कितना गहरा प्रभाव हम पर रहता हैं ..
हम कुछ लोगो से कभी संबंधित हुए ही नही ,बस ऊपरी बोलचाल रखी हैं..
क्योंकि उनकी जाति या धर्म हमारे विरोधी के रूप में ही हमेशा रहे ..
भले आप प्रेम में यकीन रखते हो , लेकिन उसमे विरोधी जाति या धर्म के व्यक्ति को देख पाना बड़ा कष्टदायक हैं ..
आपके डर राजनीति करने लग जाते हैं और आप तर्क तलाशने लगते हैं..
आप देख पाते हैं .......
वो सब भी जो आप नहीं देख पा रहे थे ..
आप जिस बात को पूर्णतया सही मानते हैं ,
उस बात से भी ,आप के सही गलत से भी ,
आपके किसी अपने को कितनी गहरी तकलीफ हो सकती हैं..
आप उसके कष्ट को महसूस कर पाते हैं..
तब पूरे प्राणों से उससे माफी मांगने की इच्छा होती हैं ..
इसलिए नहीं की सही गलत क्या हैं ?
इसलिए कि अपने सही गलत में आप उसके कष्ट को देख नही पाए..
उसको अकेला छोड़ दिया , उसकी तकलीफ के साथ..
उसे भी आपसे सम्मान की चाह थी, वो भी आपको अपना मानते हैं,
उनको वही कष्ट है , वही तकलीफ है ..
और आप समझ पाते हैं ..
कि , मन(बुद्धि ) से परे रहना, मूल अस्तित्व में रहना ..
ये मार्ग ….
बस एक स्वप्न....