Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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Akanksha Gupta

Abstract

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Akanksha Gupta

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प्रेजेंटेशन

प्रेजेंटेशन

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आज भी करुणा ऑफिस के लिए लेट हो गई थी। उसे एक प्रेजेंटेशन तैयार करनी थी जिस पर उसकी पदोन्नति निर्भर करती थी।

वह कार से जल्दी ही ऑफिस पहुंच गई। वहां पहुंच कर उसने केबिन का दरवाजा बंद किया और लैपटॉप पर काम करने लगी। आज ऑफिस में सभी लोग कुछ लेट आने वाले थे क्योंकि नये साल की पार्टी के बाद सभी लोगों ने देर से आने की रिक्वेस्ट की थी सिवाय करुणा के।

उसे इस प्रेजेंटेशन से काफी उम्मीदें थी। करीब दो घंटे बाद जब प्रेजेंटेशन पूरी हो गई तो वह कॉफ़ी का कप लेकर लॉबी में आ गई। दो घंटे बाद सब लोगों के आने के बाद जब मीटिंग शुरू हुई तो प्रेजेंटेशन देते हुए करुणा काफी आत्मविश्वास से भरी हुई थी। उसे पूरी उम्मीद थी कि इसके बाद उसे अपनी जॉब में प्रमोशन जरूर मिलेगा लेकिन प्रेजेंटेशन के बाद जब इसके लिए किसी और का नाम लिया गया तो जैसे कोई सपना चकनाचूर हो गया। उसे कहा गया कि यह प्रेजेंटेशन कम्पनी मालिक के लिए बनवाई गई थी। अब उसे भूलना होगा कि उसके दिमाग में भी कभी इस प्रेजेंटेशन का ख्याल आया था और अगर वह यह नहीं कर सकती तो उसे यह जॉब छोड़ना होगा।

वह लौट आई इस जॉब पर अपने परिवार की जरूरतों के लिए। वह भूल गई थी कि उसने कभी कोई सपना देखा था, कोई प्रेजेंटेशन बनाई थी।


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