Vibha Rani Shrivastava

Inspirational

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Vibha Rani Shrivastava

Inspirational

प्रदूषण

प्रदूषण

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ट्रिन ट्रिन"...""हेल्लो !

तुम्हारा उद्देश्य यही था न, अपने प्रति विशेष ध्यान दिलवाना और हर किसी को तुम्हारे प्रति आकर्षित कराना?""...""बक नहीं रहा, चेता रहा हूँ । आज तुमने जो मंच से वक्तव्य दिया उससे तुम्हारे प्रति विश्वसनीय होने पर क्या सवाल नहीं उठ गया ? इसे ही कहते हैं, 'पेट का पानी न पचना'।""...""तुमने सत्य बात कही। लेकिन वो बात दो मित्रों के बीच चुहल मजाक की बात थी जिसके प्रत्यक्षदर्शी थे तुम..। तुम पर उनका पूरा विश्वास रहा होगा। पारितोषिक पाने के लिए इस हद तक गिरना?""...""हुआ कुछ नहीं। अब जबकि वे दोनों मित्र मोक्ष पा चुके हैं। उनकी कही बात को भरे सभागार के सामने उछालना... ख्याति के वृक्ष पर गिद्ध बन बैठ जाना।"


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