STORYMIRROR

Priyanka Saxena

Inspirational

3  

Priyanka Saxena

Inspirational

पीरियड्स धब्बा नहीं!

पीरियड्स धब्बा नहीं!

4 mins
254

"नमस्ते आंटी, आइए अंदर आइए। मम्मी अभी बाजार गईं हैं।" सम्यक ने अभिवादन करते हुए मोनालिसा को घर में आदरपूर्वक बिठाया, किचन से दौड़कर पानी ट्रे में ले आया।

मोनालिसा ने उससे उसकी पढ़ाई के बारे में पूछा। सम्यक बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाला कुशाग्र बुद्धि का बच्चा है।

सम्यक ने बताया कि अभी उसकी अर्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं।

मोनालिसा ने फिर नूपुर के बारे में पूछा, नूपुर सम्यक की बहन है जो आठवीं कक्षा में पढ़ती है।

मोनालिसा ने पूछा," लगता है नूपुर भी निर्मला के साथ बाज़ार गई है।"

सम्यक बोला," नहीं आंटी, नूपुर अंदर अपने रूम में है।"

इतने में नूपुर की आवाज आई," भैया, मेरी हाॅट वाॅटर बाॅटल ले आओ, बहुत दर्द हो रहा है।"

सम्यक ने कहा," आंटी , मैं नूपुर को हाॅट वाॅटर बाॅटल देकर आता हूँ । आप आराम से बैठिए।"

मोनालिसा ने चिंता से पूछा," क्या परेशानी है बेटा? मैं कुछ मदद करूं?"

सम्यक बोला," आंटी , नूपुर को पीरियड्स में पीठ में बहुत दर्द होता है। मैं उसे हाॅट वाॅटर बाॅटल देकर आता हूँ ।"

मोनालिसा आश्चर्य से सम्यक को जाते देखती रही।

बाहर गाड़ी की आवाज से वह चौंकी। निर्मला ड्राइंग रूम में आई तो मोनालिसा को देखकर खुशी से बोली," अरे मोनालिसा! तुम कब आईं? "

मोनालिसा बोली," पंद्रह बीस मिनट हो गए मुझे आए हुए। तुम बाजार गई थीं, सम्यक ने बताया।"

"हां ऐसे ही थोड़ा घर का सामान लाना था। वैसे सम्यक कहां है? "

मोनालिसा ने कहा," सम्यक नूपुर को हाॅट वाॅटर बाॅटल देने गया है।"

निर्मला बोली," हां, नूपुर को दर्द हो रहा था तो मैंने ही कहा था सम्यक को। तुम बैठो, मैं फटाफट कुछ चाय-नाश्ता लेकर आती हूँ ।"

मोनालिसा ने कहा," वैसे यह सब क्या सिखा रखा है सम्यक को ,कह रहा था नूपुर को पीरियड्स में पेन‌ होता है, कुछ और ही कारण बता देती नूपुर के दर्द का, लड़कों को ऐसी बातों से दूर रखा जाता है और तुमने तो ढिंढोरा पीट रखा है।"

निर्मला बोली," मोनालिसा, इसमें गलत क्या है? सम्यक भाई है नूपुर को, अगर वह अपनी बहन की परेशानी को समझकर उसकी मदद करता है तो इसमें ढिंढोरा वाली कोई बात नहीं है। फिर यह न भूलो कि लड़कों को लड़कियों की माहवारी या पीरियड्स के बारे में जानकारी होने से वो लड़कियों के पीरियड्स का मजाक नहीं बनाते अपितु उनको पता रहता है कि ऐसे में लड़कियों को परेशानी होती है।

मैंने मेरे बेटे को माहवारी के समय होने वाले दर्द के बारे में बताया, वो अब इतना तो समझ गया है कि जब भी मुझे या नूपुर को जरूरत होती है तो पीछे नहीं हटता।"

मोनालिसा ने व्यंग्य से पूछा," फिर तो उसे सेनेटरी नेपकिन के बारे में भी बता दिया होगा, तुमने?"

"सही समझा तुमने, मोनालिसा। पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है । इसके बारे में छिपाकर क्या हासिल होगा? मैंने सम्यक को सेनेटरी नेपकिन के बारे में, पीरियड्स की प्रक्रिया के बारे में बता रखा है। सम्यक मेडिकल शॉप से सेनेटरी नेपकिन भी ले आता है।"

"तुमने तो सम्यक को लड़की बना दिया, निर्मला।" मोनालिसा अभी भी बाज नहीं आई

"मोनालिसा, इसे केयर करना कहते हैं! जब सम्यक आज अपनी माँ और बहन की केयर करता है, उनकी परेशानी समझता है तो वह किसी भी लड़की का इसके लिए कभी मजाक नहीं बनाएगा। ये केयर वो आगे चलकर अपनी पत्नी और बेटी को भी देगा साथ ही सभी लड़कियों के लिए सम्मान का भाव रहेगा उसके मन में। मैं माॅ॑ हूँ , मुझे पता है कि मुझे अपने बच्चों की परवरिश कैसे करनी है, अपने बेटे और बेटी को मैं उचित प्रकार से पाल रही हूँ ।" निर्मला ने सहज शब्दों में अपनी बात दमदार और वजनी ढंग से रखी। 

मोनालिसा के पास अब कोई तर्क नहीं बचा था। सिर हिलाते हुए वह भी सोच रही थी कि अनीता की सोच सही है।


दोस्तों, होने को यह एक छोटी सी कहानी है पर संदेश यदि दिल में उतर जाए तो काम बड़ा कर जाए। पीरियड्स कोई बीमारी या काला धब्बा या छिपाने वाली बात नहीं है। अब समय आ गया है कि बेटों को भी माॅ॑-बहन की इस परेशानी के दिनों के बारे में मालूम होना चाहिए। घरों में विरोध भी होगा परन्तु हर सही बात को पहले दिन से समर्थन नहीं मिलता है, प्रयास तो करके देखिए! कोशिश करें कि लड़कें, लड़कियों का पीरियड्स के दौरान मदद करें न कि मजाक बनाएं।

आपको मेरी यह सोच कैसी लगी, कमेंट सेक्शन में बताइएगा जरूर। आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा। ब्लाॅग यदि पसंद आया हो तो कृपया लाइक, कमेंट और शेयर कीजिएगा।

आपकी अमूल्य राय और सुझाव का इंतजार रहेगा।

ऐसी ही अन्य रचनाओं लिए आप मुझे फॉलो कर सकते हैं।

धन्यवाद।

(मौलिक व स्वरचित)



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational