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PRATAP CHAUHAN

Comedy

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PRATAP CHAUHAN

Comedy

पीके गिरपड़े

पीके गिरपड़े

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 यह बात है 1995 की जब नेवी बेस चिलका में मेरी ट्रेनिंग चल रही थी। कुल मिलाकर 623 सेलर ट्रेनिंग करने आए थे। उनमें से हमारे एक साथी का नाम पीके गिरपड़े वह अत्यधिक लंबा और पतला था। हम सब अपने आप को उसके सामने बौना महसूस करते थे ,वह बहुत ही शांत स्वभाव का था मगर बेचैन आत्मा था।

वह ट्रेनिंग से बहुत परेशान था क्योंकि ट्रेनिंग के दौरान बहुत सारे नियमों का पालन करना पड़ता था। एक व्यक्ति नियम को तोड़ना था तो सभी को सजा मिलती थी। इन नियमों की वजह से गिरपड़े बहुत परेशान था ,उसको ट्रेनिंग के रूल्स एंड रेगुलेशन में कोई इंटरेस्ट नहीं था ।अक्सर वह गलती करता ही रहता था।

डॉरमेट्री से बाहर आते समय दौड़ कर चलना पड़ता था। फिर चाहे वेट कैंटीन जाना हो,परेड ग्राउंड जाना हो या क्लासरूम सभी जगह दौड़डकर जाना पड़ता था "धीरे चल" का तो कोई कॉलम नहीं था, लेकिन "गिरपड़े" तो मौका मिलते ही स्लो मोशन में चलने लगता था।

एक दिन कैप्टन सर नाइट में राउंड पर निकले हुए थे। और इसी दौरान वह वेट कैंटीन की तरफ गए वेट कैंटीन में हम 20-25 साथी पहले से मौजूद थे। उनमें से कुछ नाश्ता करके वापस भी जा रहे थे,वेट कैंटीन वाले रास्ते पर पेड़ बहुत थे स्ट्रीट लाइट पेड़ों में गुम हो जाती थी। इस वजह से रास्ते पर अंधेरा रहता था, वेट कैंटीन इनलिविंग ब्लॉक से 500 मीटर की दूरी पर थी।

कैप्टन सर कैंटीन की तरफ आ रहे थे, वह बीच रास्ते में पहुंचे ही थे कि उनको कोई दिखाई दिया जो अपना सिर झुका कर चल रहा था, यह देख कर कैप्टन सर क्रोधित हुए और बोले-

कैप्टन सर -" ऐ..यू....स्टॉप...हु आर यू??"

गिरपड़े- "मैं रिक्रूट हूं सर ।"

कैप्टन सर- "तुम जान बूझकर अपने कैप्टन को इग्नोर कर रहे हो!"

गिरपड़े :- "नहीं सर...ऐसा नहीं है।"

कैप्टन सर : - "तुमने मुझे सलाम क्यों नहीं किया? तुमको दिखता नहीं कैप्टन साहब आ रहे हैं?"

गिरपड़े :- "अंधेरे में कुछ दिखा नहीं पता नहीं चला कैप्टन साहब है..."

कैप्टन सर :- "तुम अपने कप्तान को नहीं पहचान सकते? कभी देखा नहीं ?"

कैप्टन सर :- "क्या नाम है तुम्हारा?"

पी.के.गिरपड़े :- "पीके गिरपड़े...सर"

कैप्टन सर :- "कहां गिर पड़े?और पीना तो अलाउड नहीं है?"

पी.के.गिरपड़े :- "नहीं सर.. यह मेरा नाम है।पी.के. मतलब पाशवा कुर्की और गिरपड़े...मेरा सरनेम।"

कैप्टन सर:- "ओके..ओके....ठीक है !"यू रिपोर्ट टू माय केबिन आफ्टर हाफ एन अवर"

पीके गिरपड़े :- "ओके सर (सलूट करते हुए)"

आधे घंटे बाद "पी.के.गिरपड़े" कैप्टन के ऑफिस में पहुंचा और बोला:- "मे आई कम इन सर"

कैप्टन सर :- ""कम-इन""

पीके गिरपड़े :- "पीके रिपोर्टिंग..सर"

कैप्टन सर :- "हां तो तुमको अपना कैप्टन नहीं दिखता!"

पीके गिरपड़े :- "सर अंधेरा सा था इसलिए साफ-साफ दिखा नहीं !"

कैप्टन सर :- "आज के बाद से तुमको कुत्ता भी दिखता है तो तुम उसकी परछाई को भी सलूट करोगे....इट्स माय आर्डर....ओके... यू गोट इट ?"

पीके गिरपड़े :- "ओके सर"

फिर क्या था...जब तक ट्रेनिंग बेस में गिरपड़े रहा वह कुत्ते की परछाई को भी सलूट करता था.


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