फर्क
फर्क
आज कान्वेंट स्कूल में पढ़ने वाली चीनू अपनी मम्मा को एक हैंडबेग में बुक्स व अपना सारा सामान रखते बड़ी गौर से देख रही थी।जो खुद भी एक हिंदी माध्यम स्कूल में टीचर थी।
जब माँ ने अपना सारा सामान एक एक कर बेग में भर लिया तब चीनू बड़ी मासूमियत से अपनी माँ से बोली मम्मा हमारे स्कूल के सारे टीचर्स तो केवल सब्जेक्ट्स की बुक्स और पानी की एक बॉटल ही अपने साथ घर से लेकर आते है।और हाँ सिर्फ आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर ही अपने साथ ये सलाई व क्रोशिया आदि लिए होती है।
