Kameshwari Karri

Romance

4.5  

Kameshwari Karri

Romance

पहला प्यार

पहला प्यार

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शारदा जबलपुर में होमसाइंस कॉलेज में बी एस फस्टियर पढ़ रही थी । अपने बड़े भाई के साथ मिलकर उनके घर में रहती थी । एक दिन बड़े भाई के घर प्रतीक नामक लड़का आया जो शारदा के सबसे छोटे भाई का क्लासमेट था और यहीं पर डॉक्टर की पढ़ाई पूरी करके वह इंटर्नशिप कर रहा था । दोनों ने अपने बचपन में कभी एक-दूसरे को देखा था । परंतु अब जब वे बड़े हो गए और उन्होंने एक-दूसरे को देखा तो पहली नज़र में ही उन दोनों को प्यार हो गया था । अब तो प्रतीक हर हफ़्ते इनके घर आने लगा । वह हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करता था ।इसलिए वीकेंड यहीं पर खाना खाकर देर रात तक रहकर अपने हॉस्टल चला जाता था । दोनों चुपके चुपके बातें करते थे । किसी को कानों कान ख़बर भी नहीं हुई थी कि दोनों प्यार है । प्रतीक की पढ़ाई पूरी होते ही उसने शारदा के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था । शारदा ने अपने घर वालों के डर से उसके प्मरस को ठुकरा दिया । इसी बीच प्रतीक की नौकरी दूसरे शहर में लग गई थी ।उसने जाते समय भी बहुत मिन्नतें की कि मैं बड़े भाई से बात करूँगा शारदा परंतु शारदा ने मना कर दिया था क्योंकि प्रतीक उत्तर प्रदेश से था और वे आँध्र प्रदेश से थे ।उसे पक्का मालूम था कि घर में तो कोई भी नहीं मानेगा । इसलिए उसने कहा प्रतीक हम अपने प्यार को भूल जाते हैं । अब प्रतीक भी कुछ नहीं कर सकता था क्योंकि वह जमाना भी पुराना था और माता-पिता से बच्चे डरते भी थे । 

प्रतीक जाने से पहले शारदा के घर आया था । उनके परिवार में सबसे मिला और बहुत ही उदास मन से विदाई ले कर चला गया । कुछ दिन दोनों में पत्र व्यवहार चला फिर शारदा की शादी भाइयों ने आर्मी में मेजर से तय कर दी । शारदा ने बिना किसी विरोध के प्रभात से शादी कर ली । कुछ सालों में उसके बच्चे हो गए और वह अपने जीवन में व्यस्त हो गई । एकबार जब मायके आई तो प्रतीक भी आया था भाई से मिलने के लिए शादी तो उसने भी कर लिया था । वह बहुत बड़ा सर्जन बन गया था । शादी के बाद भी दोनों का पहला प्यार ज़िंदा था । मन में एक टीस सी उठती थी कि काश हम आज के ज़माने में पैदा हुए होते थे या थोड़ी सी हिम्मत दिखा दी होती थी तो शायद आज हम साथ होते थे । पर होनी को कौन टाल सकता है । 



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