Vimla Jain

Action Classics Inspirational

4.7  

Vimla Jain

Action Classics Inspirational

फिर से सजे रूठे ख्वाब

फिर से सजे रूठे ख्वाब

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आज समय जैसे ठहर गया था ।

पता नहीं कहां चूक हो गई उन दोनों से की, अपनी मंजिल के करीब आकर भी वे अपनी मंजिल नहीं पा सके।

उन्होंने सोचा अब क्या किया जाए ।

भावावेश मे आकर दोनों ने विवाह कर लिया। मंजिल इतनी करीब थी।

पोस्ट ग्रेजुएशन की फाइनल परीक्षा होने से कुछ ही समय पहले ,

दोनों के घरों में ऐसी परिस्थिति पैदा हुई ,कि उनको कोर्ट में जाकर विवाह करना पड़ा ।

दोनों ही जगह दोनों के घर वाले मान नहीं रहे थे। क्योंकि केतकी पिछड़ी जाति से थी ।

और सुकेतु उच्च जाति ब्राह्मण पुत्र था।

इतने समय से दोनों साथ पढ़ रहे थे।

जीने मरने की कसमें साथ खाई थी ।

साथ हॉस्पिटल खोलने सपना देखा था ।

और उनकी शादी के बाद दोनों के घरवालों ने आपस में एक दूसरे के दुश्मन हो जैसे झगड़े और फसाद चालू कर दिए थे।

दोनों को अपनी इस परीक्षा को छोड़ना पड़ा। और दोनों वह जगह छोड़ कर के किसी अनजान जगह चले गए ।और अब भविष्य का विचार करने लगे कि क्या करेंगे ।

बहुत विचारने के बाद सोचा कोई बात नहीं ,

अभी हॉस्पिटल नहीं खोलेंगे ।

पढ़ाई पूरी नहीं हुई है, तो एमबीबीएस के ऊपर जो सरकारी नौकरी मिलती है। 

पहले वह लेते हैं । तब उन्होंने बहुत कोशिश करके मेहनत करके नौकरी हासिल करी ।

और अपनी मेहनत और लगन से साथ में पढ़ाई भी करते रहे।

उस गांव में लोगों के दिल में जगह बना ली । इस इसी बीच उनके दोनों घरवालों की दुश्मनी थोड़ी कम हुई ।

तब उन्होंने वहां जाकर अपने कॉलेज में वापस बात करी उनके प्रिंसिपल हेड परीक्षा की मंजूरी देने में बहुत आनाकानी कर रहे थे।

मगर फिर भी मान गए ।

तब उन लोगों ने उस साल फाइनल परीक्षा उत्तीर्ण करी।

और वापस उस गांव ही चले गए ।

जहां वे जॉब करते थे और उसके साथ ही उन्होंने अपना एक छोटा सा दवाखाना खोला।

3 साल जॉब करने जरूरी होता है 3 साल उन्होंने जॉब करी।

पर गांव वालों का प्यार देख करके उन्होंने अपना दवाखाना गांव वालों को सुविधाएं देने के लिए और आसपास वालों को सुविधाएं देने के लिए वही खोला।

और वही के होकर रह गए। इस तरह से उन्होंने अपने रूठे ख्वाबों को फिर से सजा दिया।

और एक सफलतम डॉ बने सफलतम डॉ जोड़ी के रूप में प्रख्यात हुए।


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