फिर भी मैं पराई हूँ!
फिर भी मैं पराई हूँ!
लेखा! कल बेटी दामाद और उनका परिवार खाने पर आ रहे है। अभी से तैयारियाँ शुरु कर दो।
जी माँ!
तुम्हारे हाथ के बने दही भल्ले उन लोगों को बहुत पसंद हैं तो थोड़े ज्यादा ही बनाना। उनके लिये पैक भी कर देंगे।
जी माँ!
और सुनो राजमा और शाही पनीर भी थोड़े ज्यादा बना लेना! वो भी साथ ही पैक करके दे देंगे !
जी माँ!
अरे भई स्नेहा को रसोई से थोड़ा आराम हो जाएगा दो एक दिन के लिये!
जी माँ!
अच्छा मैं सामान ली लिस्ट बना देती हूँ तब तक तुम मेरे लिये एक कप बढ़िया सी चाय बनाकर ले आओ!
जी माँ!
लेखा ! ओ लेखा ! कहाँ रह गई!
जी माँ लीजिए चाय!
ये ले लिस्ट ! इसमें मिठाईयाँ, ड्राई फ्रुट्स, फल, सब्जी सब लिख दिया है कि कितना क्या लाना है ।
जी ठीक है!
और अच्छे से मोल भाव कर लेना सामान का! कहीं लुट कर न चली आना!
जी !
मैं तो खुद ही जाती तेरे साथ पर ये मुआ घुटनों में दर्द...!
आप चिंता न करें माँ! मैं सब ठीक से ले आऊंगी ।
अच्छा ठीक है। और सुन जरा जल्दी आना ! आकर मेरी टाँगों की मालिश भी कर देना!
जी !
जा अब जल्दी जा ! ले ये हजार रुपये है कम पड़े तो खुद से खर्च कर लेना। बाद में लौटा दूँगी!
जी ठीक है अब चलती हूँ।
करीब दो घंटे बाद लेखा पसीने से तर बतर और थैलों से लदी फदी घर वापिस आई तो आते ही सुनाई पड़ा-
इतनी देर कहाँ लगा दी! कोई सहेली मिल गयी होगी। लग गयी होगी गप्पें मारने! यहाँ मैं दर्द से तड़प रही हूँ ।
माँ सामान ही इतना ज्यादा था कि देर लग गयी ।
बहस न कर! जा जल्दी से तेल गर्म करके आ और आकर मालिश कर ! ओ माँ! दर्द सहन नहीं हो रहा!
जी.... !
अरे इतनी देर क्यूँ लग रही है तेल गर्म करने में!
गर्मी के मारे जान निकले जा रही थी तो पानी पीने लग गयी थी।
और यहाँ जो दर्द के मारे मेरी जान निकल रही है उसकी कोई चिंता नहीं तुझे! भला पराये घर से आई लड़की मेरा दर्द क्या समझेगी भला!
बस एक मिनट में आई!
मालिश करके दूध उबाल लेना और थोड़ा ठंडा होते ही दही जमा लेना! हरी और लाल चटनी भी आज ही बना लेना! राजमा भिगो लेना ! सुबह जल्दी उठकर खीर बना लेना.....!
मालिश करवाते हुए पराई लड़की को सारी हिदायतें देते देते कब उनकी आँख लग गई उन्हें पता ही न चला!
पराई लड़की उठी और कल की तैयारियों के लिये रसोई की ओर चल दी!