STORYMIRROR

Anju Kharbanda

Children Stories

3  

Anju Kharbanda

Children Stories

सपने

सपने

3 mins
262


"क्या सूझी तुम्हें इस उम्र में स्कूटी सीखने की !" शेखर ने श्रेया को स्कूटी सीखते देख कहा ।


"कुछ सीखने की कोई उम्र होती है क्या ! और फिर मेरी कौन सी उम्र निकल गई !" श्रेया ने हंसकर कहा ।


"एक बार मुझसे पूछा तो होता कि स्कूटी चलाना सीख लूँ !" शेखर थोड़े तैश से बोले ।


"पूछने से कौन सा आप हाँ कर देते ! और एक बात बताइए जब आप कुछ करते है तो क्या हम औरतों से पूछ कर करते हैं !! " श्रेया ने भी तुनक कर जवाब दिया ।


"तुम्हारा कुछ जाना नही और सामने वाले का रहना नहीं ! मार मूर दोगी दो चार को !" शेखर तंज कसते हुये बोले ।


"मेरा स्कूटी सीखना इतना नागवर लग रहा है तो सीधा कह दीजिये कि मत सीखो ! " श्रेया थोडा रुंआसी सी हो आई ।


"मेरे कहने से कौन सा तुम मान जाओगी ! ठान लिया है सीखने का तो सीख कर ही रहोगी !" शेखर ने श्रेया को घूरते हुये कहा ।


"अरे वाह !!! आप तो खूब जानते है मेरे बारे में !" श्रेया ने हाथ नचाते हुये तल्खी से जचाब दिया ।


"किसी को मार आओगी तो भरना तो मुझे ही पडे़गा ना !"

शेखर ने ऐसे कहा मानो कोई कांड कर आई हो श्रेया ।


"ये जो सारी औरतें स्कूटी चलाती है वो क्या एक्सीडेंट करती फिरती हैं !" अब श्रेया का पारा भी हाई हो चला ।


"हां तुम खुद ही देख लो ! ज्यादातर एक्सीडेंट औरतें ही करती है । लेफ्ट राइट कुछ देखती नही ! बस हर काम की जल्दी होती है इन्हें ! " लगा शेखर आज सारी भड़ास निकाल कर ही छोड़ेगें ।


"एक्सीडेंट किसी की लापरवाही से होता है ना कि इस से कि वाहन आदमी चला रहा है या औरत !" श्रेया ने स्वयं को संयत करते हुये शेखर को समझाने की कोशिश की ।


"तुमसे कौन उलझे सुबह सुबह !!! जाओ अब और सीखो जाकर स्कूटी चलाना !" शेखर जाने किस रौ में बोले ही चले जा रहे थे ।


श्रेया उठकर चली तो आई पर मन मे बार बार यही विचार उमड़ घुमड़ रहें है कि इस पुरूष प्रधान समाज मे हम महिला सशक्तिकरण की बड़ी बड़ी बातें तो करते है पर क्या उस पर हमारे पुरूष खरे भी उतरते है कहीं !!!!


स्कूटी मुद्दा नहीं ! मुद्दा है - कुछ भी करो - पुरूषों की बहुत बड़ी " ना " सबसे पहले आगे आकर खड़ी हो जाती है । अहम् आड़े आ जाता है उनका शायद ! जैसे औरतें आगे निकल जायेंगी तो जाने पुरूष प्रधान समाज कौन से रसातल मे जा गिरेगा !


श्रेया ने नकारात्मक विचारो को तेजी से झटका, अपने सपनों की उड़ान को पूरा करने का दृढ़ निश्चय कर स्कूटी उठाई और खुली हवा मे निकल गई !




Rate this content
Log in