बौनी उड़ान
बौनी उड़ान
राधिका और मोहिनी.... एक ही स्कूल, एक ही कक्षा में पढ़ने वाली, हमउम्र होने के नाते अच्छी सहेलियां भी। पढ़ाई के मामले में राधिका किताबी कीड़ा और मोहिनी नाम अनुसार बेहद चंचल और बरबस ही मोह लेनी वाली।
वक्त के साथ साथ दोनों आगे बढ़ती गई। राधिका ने कॉलेज में टॉप किया और आगे की पढ़ाई के लिए मुम्बई चली गई। मोहिनी ने अपने शहर माधोपुर में रह कर ही आगे की पढ़ाई जारी रखी। कुछ समय तक दोनों में पत्र व्यवहार रहा लेकिन ये सिलसिला ज्यादा न चल पाया।
राधिका ने उँची डिग्री प्राप्त कर अच्छा ओहदा पाया तो दूसरी ओर मोहिनी ने घर की माली हालत देखते हुए आगे की पढ़ाई का विचार त्याग, नौकरी के लिये आवेदन भरने शुरु कर दिये। उसकी मेहनत रंग लाई और जल्दी ही क्लेरिकल पोस्ट पर उसकी नियुक्ति हो गई।
वक्त पंख लगाकर उड़ चला। बरसों बाद राधिका की नियुक्ति अपने ही शहर में हो गई। प्रमोशन की बात न होती तो शायद एक बार मना भी कर देती क्योंकि मुंबई जैसे महानगर में रहने के बाद अब वह वापिस छोटे शहर नहीं जाना चाहती थी पर नौकरी तो नौकरी है! तो जाना पड़ा!
माधोपुर पहुंच कर वह हक्की बक्की रह गई। शहर का रंग रूप बिलकुल बदल चुका था। बड़े बड़े मॉल खुल चुके थे। छोटे-छोटे बंगलेनुमा घर बिल्डिंग्स में परिवर्तित हो चुके थे। पक्की सड़कें और हरियाली देख राधिका को बहुत सुकून महसूस हुआ।
अगले दिन ही ज्वायनिंग थी। राधिका तैयार हो ऑफिस पहुँची। अचानक वहाँ मोहिनी को देख उसकी खुशी का ठिकाना न रहा, एक बार जी चाहा आगे बढ़ कर उसे गले लगा ले! पर अपने स्टेटस का ध्यान आते ही वह मोहिनी को अनदेखा कर अपने केबिन की ओर बढ़ गई।
कुछ ही देर में ऑफिशियल मीटिंग थी। सभी को मीटिंग हॉल में एकत्रित होना था। राधिका ने बड़ी ठसक के साथ हॉल मे प्रवेश किया। दर्प से उसका चेहरा दमक रहा था। अपनी लगन और मेहनत से उसे आज इतना उँचा मुकाम जो हासिल हुआ था।
हॉल मे प्रवेश करते ही सबकी निगाहें उसकी ओर उठी। वह सधे कदमों से चलती हुई आगे बढ़ी। ठीक सामने मोहिनी खड़ी थी। वह राधिका की ओर देख मुस्कुराई और आँखों में ढेर सारा प्यार भर कहा-
"आपका स्वागत है!"
चेहरे का दर्प और निखर उठा।
"धन्यवाद!"
राधिका ने गर्व से गर्दन उँची करते हुए औपचारिकता से जवाब दिया।
तभी मिस्टर सिंह अपनी कुर्सी से उठे। फूलों का गुलदस्ता राधिका की ओर बढ़ाते हुए बोले-
"स्टाफ़ मेम्बर्स! ये राधिका जी है, हमारी नयी सीनियर एकाऊन्टस ऑफिसर!"
सभी ने तालियाँ बजाकर उनका स्वागत किया। राधिका ने फिर औपचारिकता वश सिर्फ सिर हिलाया।
मिस्टर सिंह ने अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहा- "इनके आने की खुशी में आज हमारी एचओडी मोहिनी मैम ने शाम को अपने घर पर एक गेट टू गेदर रखी है जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं!
"एच ओ डी!"
पल भर में राधिका का सारा दर्प छन से बिखर गया।
गेट टू गेदर की बात सुन पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा।
तालियों की गड़गड़ाहट से बेखबर राधिका अपनी बौनी उड़ान पर शर्मिंदा थी!
