पढ़ने के लिए निराशा नहीं केवल इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है
पढ़ने के लिए निराशा नहीं केवल इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है
एक गांव में एक किसान परिवार रहता था ।उस परिवार में खेतीबाड़ी होती थी ।उस किसान के दो बेटे एवं एक बेटी थी सभी खेती में हाथ बढ़ाते थे लेकिन उस किसान का एक बेटा पढ़ना चाहता था क्योंकि उस परिवार में उससे पहले कोई पढ़ा लिखा नहीं था ।अत सभी चाहते थे कि वह खेती बाड़ी में हाथ बटाएं लेकिन वह तो पढ़ना चाहता था ।अत उसने पास के स्कूल में पढ़ाई शुरू की ।प्राइमरी एजुकेशन के बाद उसने पास के इंटर कॉलेज में प्रवेश लिया तथा खेती-बाड़ी के साथ साथ पढ़ाई भी शुरू की ।
कक्षा 10 में पहुंचकर वह बच्चा बहुत खुश हुआ लेकिन वह कक्षा 10 की परीक्षा पास नहीं कर पाया उसे निराशा तो हुई लेकिन उसने सोचा कि मुझे पढ़ना है आगे बढ़ना है इसी सोच के साथ उसने पुन परीक्षा दी लेकिन वह पुन फेल हो गया फिर भी वह निराश नहीं हुआ उसने सोचा कि कोई बात नहीं इस बार तो मैं परीक्षा को पास ही करूंगा उसने अपने दृढ़ निश्चय के साथ पुनः परीक्षा दी तथा वह कक्षा 10 की परीक्षा में तृतीय श्रेणी से पास हो गया ।उसका हौसला बढ़ा उसने सोचा कि नहीं मैं आगे की पढ़ाई भी कर सकता हूं उसके बाद उसने कक्षा 11 पास की तथा कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा दी तथा पहले ही प्रयास में उसने कक्षा 12 पास की पुन तृतीय श्रेणी से उसने यह परीक्षा भी कक्षा 10 की तरह पास की उसके बाद उसने सोचा कि क्यों न अब मैं उच्च शिक्षा प्राप्त करू ।उसके बाद उसने विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन के कोर्स में प्रवेश लिया तथा ग्रेजुएशन की परीक्षा द्वितीय श्रेणी से पास की उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा आगामी प्रवेश उसने एलएलबी में लिया वह लॉ की परीक्षा पास कर वकील बनना चाहता था उसने विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में लॉ की परीक्षा पास की उसके बाद उसने उच्च शिक्षा के लिए दूसरे विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया तथा वहां से उसने लॉ मे उच्च शिक्षा की परीक्षा पास की तथा वही से उसने डॉक्टरेट की परीक्षा पास कर शिक्षण शुरू किया ।उसने अनेक जगह पर शिक्षण का कार्य किया अनेक उच्च पदों को सुशोभित कर वह सेवानिर्वत हो गया ।इस कहानी को कहने का अर्थ यह है कि यदि हमारी इच्छाशक्ति प्रबल है तो हम जो चाहे वह कर सकते हैं ।साधारण शिक्षार्थी से जीवन शुरू कर हम एक विशिष्ट शिक्षार्थी भी बन सकते हैं ।हम यदि जीवन की असफलताओं से निराश हो जाए तो फिर हम सफल नहीं हो सकते है ।प्रत्येक असफलता हमे सफलता की सीख देती है ।हमे उससे सीखना है आगे बढ़ना है हमे हार नहीं माननी है जैसा इस कहानी में हुआ वैसा किसी के भी साथ हो सकता है । असफलता सफलता की सीढ़ी है जो प्रत्येक व्यक्ति को मिलती है लेकिन कुछ उससे सीख लेकर आगे बढ़ते है कुछ निराश होकर अपना लक्ष्य छोड़ देते है अत हमे इससे सीख लेने की जरूरत है आगे बढ़ने की जरूरत है!