पैराडाइज़ लाॅस्ट

पैराडाइज़ लाॅस्ट

1 min
396


पैराडाइज़ सुपरस्पेशालिटी अस्पताल के मालिक डाॅक्टर रमेश बत्रा अत्यंत गुस्से में हाथ पैर पटकते हुए अपने सुसज्जित चैम्बर में दाखिल होते हैं और फिर अचानक जैसे हताश होकर सिर पकड़कर अपनी आरामदायक कुर्सी पर बैठ जाते हैं। उनकी मुखमंडल से भयानक पीड़ा टपक रही थी! मालूम होता था कि अब रोए, तब रोए!


"सालों ने खुद को समझ क्या रखा है?"


"दो रोज के लिए शहर से बाहर क्या चला गया था कि इन्होंने मेरे बेटे की, किडनी निकालकर बेच दी???"


"एक बार मुझसे बात करने की जरूरत भी न समझी।"


"एक एक को देख लूंगा!"


गुस्से में डाॅक्टर साहब का मन हुआ कि उन डाॅक्टरों का मुॅंह झुलसा दें।

परंतु उनके मन में एक बार भी यह खयाल न आया कि बुरे काम की परिणति हमेशा बुरी ही होती है।


लाचार और अनजान मरीजों की चोरी छुपे किडनी बेचकर विशाल सुपर स्पेशालिटी अस्पताल खड़ा करनेवाले डाॅक्टर बत्रा इस वक्त बिलकुल वैसा ही महसूस कर रहे थे जैसे कि उनके मरीज और उनके घरवाले किडनी खोने के अहसास होने पर करते थे!!


अस्पताल के अन्य डाॅक्टरों को कहां पता था कि कार्तिक नाम से उनका कोई दूसरा बेटा भी है। कार्तिक, उनकी महिला मित्र, (गर्लफ्रेंड) कृत्तिका का गर्भजात था!


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama