लेखक- अलेक्सांद्र रास्किन ; अनुवाद - आ. चारुमति रामदास लेखक- अलेक्सांद्र रास्किन ; अनुवाद - आ. चारुमति रामदास
यार क्लास में दो-तीन दिन से मजा ही नहीं आ रहा है ,राधिका जो नहीं आ रही है । यार क्लास में दो-तीन दिन से मजा ही नहीं आ रहा है ,राधिका जो नहीं आ रही है ।
भारतीय परंपरा और संस्कार में महिला मित्र की कोई सम्भावना नहीं है। भारतीय परंपरा और संस्कार में महिला मित्र की कोई सम्भावना नहीं है।
एक लड़का था दीवाना सा... अपनी धुन में रेहता था... प्यार का भूखा सा था... पर कोई मिल नही रही थी... क्... एक लड़का था दीवाना सा... अपनी धुन में रेहता था... प्यार का भूखा सा था... पर कोई ...
सुमन क्या तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हारे जन्मदिन की तारीख कभी भूल से भी भूल सकता हूँ? सुमन क्या तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हारे जन्मदिन की तारीख कभी भूल से भी भूल सकत...
जैसे उन्होने सौ साल की तपस्या करके भगवान से वरदान में उसे माँगा हो। जैसे उन्होने सौ साल की तपस्या करके भगवान से वरदान में उसे माँगा हो।