पानी सा रिश्ता।
पानी सा रिश्ता।
पिता अपने बच्चे के जन्म से ही उसके लिए वो हर सपना देखता है, जिससे वह एक कामयाब इंसान बने और अपने देश का नाम रोशन करे। इस सपने को पूरा करने के लिए वह हर कोशिश करता है और अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा और अच्छा संस्कार देता है। बच्चे भी अपने पिता के दिए हुए सभी बातों का ख्याल रखते हैं। और उसका पालन भी अच्छी तरीके से करते हैं।
राहुल अपने पिता द्वारा दिए गए संस्कारों का पालन अच्छे से कर रहा था। और वह एक सच्चा और ईमानदार पुलिस बनना चाहता था। राहुल के पिता भी उसका साथ दे रहे थे। लेकिन इस भ्रष्टाचार के जमाने में वह ईमानदारी से काम कर रहे थे। इसलिए उन दोनों को इस बात का डर था, कि उन्हें भी इस भ्रष्टाचार में शामिल होना पड़ेगा। राहुल और उसके पिता दिन रात मेहनत करके अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते थे। और वह दिन दूर नहीं। जब राहुल पुलिस की वर्दी पहने अपने देश का नाम रोशन करेगा।
राहुल अपनी सभी परीक्षा को पार कर रहा था। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी थे, जो अपने ईमान को बेच कर पैसे कमा रहे थे। राहुल सभी परीक्षा में पास होने के बाद भी भर्ती नहीं हो पा रहा था। इस बात को लेकर राहुल और उसके पिता बहुत परेशान थे।
कुछ दिन बाद राहुल के घर एक खत आया जिसमें लिखा था कि उसे पुलिस की नौकरी मिल गई है। इस बात को सुनकर राहुल और उसके पिता की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। राहुल को पुलिस की वर्दी में देख कर उसके पिता का सर गर्व से ऊंचा हो गया।
राहुल के पिता ने राहुल के लिए एक सुंदर लड़की देखी और राहुल कि उससे शादी करा दी। राहुल और उसका परिवार बहुत अच्छे से एक साथ रहते थे। राहुल अपनी पुरी कमाई अपने पिता को देता था। यह बात उसकी पत्नी को खटकने लगी। उसने इस बारे में राहुल से बात की तो राहुल ने इस बात को टाल दिया। कुछ दिन बाद राहुल के पिता को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने ने राहुल से बात की।
राहुल ने उन्हें भी इस बात का सही तरीके से जवाब नहीं दिया। एक दिन राहुल अपनी पत्नी के साथ बाहर घूमने गया । उसने अपने जीवन के हर बात को अपनी पत्नी को बताया। उसने कहा कि मैं आज जो कुछ भी हुं अपने पिता के वजह से हुं। राहुल ने कहा कि मेरे पिता हर घड़ी मेरे साथ थे। जब मैं पुलिस में भर्ती नहीं हुआ तब मेरे पिताजी ने खुद जाकर इस बात का पता लगाया और उन्होंने ने मेरे लिए अपनी सारी जमा पूंजी उन लालची लोगों को दे दी। और फिर जाकर उन्होंने ने मुझे पुलिस में भर्ती किया। इस बात को आज तक मेरे पिताजी ने कभी नहीं बताया मुझे। जब पिताजी से मैंने पूछा कि आप को क्या चाहिए तो उन्होंने ने कहा कि मुझे कुछ भी नहीं चाहिए। बस एक वचन चाहिए कि तुम इस देश के साथ कभी गद्दारी नहीं करोगे। और इस देश की रक्षा करोगे। राहुल ने कहा कि ये केवल मेरी मेहनत ही नहीं थी मेरे पिताजी ने भी बहुत मेहनत की। हम दोनों ने मिलकर इस कामयाबी को पाया है। क्योंकि हम एक और एक मिलकर ग्यारह थे, इस शक्ति के बल बूते आज मैं इस मुकाम पर हूँ। मैं और मेरे पिताजी पानी की तरह हैं, जो कभी अलग नहीं हो सकतें।
