Amogh Agrawal

Tragedy

4.0  

Amogh Agrawal

Tragedy

पाँच कंधे

पाँच कंधे

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एक पिता के जन्मदिवस पर जब उसके बेटे ने उपहार के लिए पूछा तो उन्होंने कहा - "मुझे पाँच कंधे चाहिए।"

अपने जन्मदिवस पर कौन इस तरह की बात करता है, वह भी अपने बेटे से। पिता की इस बात ने मानो जैसे बेटे को पूरी तरह हिला दिया। पिता की बात को गंभीरता से लेते हुए बेटे ने भी आश्चर्य जनक स्थिति में पूछा - "पिताजी! पाँच कंधे?" पिताजी ने हाँ कहते हुए कहा कि "चार कंधे मेरी शवयात्रा हेतु और पाँचवा जिसके कंधे पर सिर रख कर रो सकूँ।"


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