नया बसंत
नया बसंत
जाने कितने बसंत बिताए उन्होंने। सिंह जी ने राधा के जाने के बाद शादी नहीं की। टीना और तपन को पाल पोस कर बड़ा किया। दोनों भाई बहन इस लायक हो गए कि पापा के लिए उन्होंने मैट्रिमोनियल ऐड देखकर उनके लिए शारदा जैसे जीवनसंगिनी चुनी।
रिश्तेदारों के ताने और समाज की परवाह न करते हुए आज अपनी मां का गृह प्रवेश करने के लिए भाग रहे हैं।
सिंह जी की और शारदा जी की जिंदगी में एक नए बसंत की शुरुआत हो गई है। क्योंकि बच्चों कि अपनी जिम्मेदारियां हो गई है। और वो समझते हैं कि एक साथी की हमेशा जरूरत होती है। अपने पापा को नया बसंत प्रदान किया।