anuradha nazeer

Abstract

4.6  

anuradha nazeer

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नफरत

नफरत

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एक जंगल में एक बत्तख का परिवार रहता था। माँ ने अंडे दिए और चूजों को बाहर निकाल लिया। घने, बहु-रंग के बालों के साथ नवजात शिशु सभी सुंदर थे। लेकिन, इसमें केवल एक बत्तख सुंदर नहीं थी। अन्य चूजों के विपरीत इसकी आवाज भी अलग थी। भाई-बहन इस बदसूरत बत्तख को देखना पसंद नहीं करते। यहां तक कि उसकी मां भी इसे नफरत करती थी,। बदसूरत बत्तख का बच्चा बहुत पीड़ित था। मैं अकेला ही इतना दुखी क्यों पैदा हुआ ..?

दिन गुजरते गए। जैसे-जैसे वह बड़ी होती गई, अन्य बत्तख और अधिक सुंदर होते गए।पर वह बत्तख लंबा और अधिक बेरंग हो गया। एक या दो बाल सिर पर अन्य चिपक की तरह बढ़ते गए, जिससे यह और भी बदसूरत हो गया। वह रोज दर्द और आंसुओं के साथ अकेलेपन में रहती थी। कभी-कभी प्यार से माँ और भाई-बहनों के करीब आती है।लेकिन कुछ ही सेकंड में, वे इसे भगा देते। और थोड़ा दिन बीत गए। रंगहीन बाल, जो बदसूरत थे, चमकदार सफेद होने लगे। सिर पर लंबे बाल कलगी में बदल गए। पंखों में भी रंग आगए। अब वह बदसूरत बत्तख, ख़ूबसूरत हो गयी। माँ बतख और दूसरी बत्तखें जो पैदा हुईं थीं वो बहुत हैरान थीं। दरअसल क्या हुआ था , किसी फाउल ने गलती से बतख के घोंसले में अंडे रख दिए। उसके बारे में जाने-अनजाने, हंस ने सोचा कि यह उसका अपना अंडा था और हैटेड था। वह बदसूरत बत्तख का बच्चा है।एक दिन ऐसा आया किसी ने पक्षी के पंख में एक पल्शन था, जिसने बदसूरत बत्तख को नोंच डाला। उसने अपने पंख फड़फड़ाए, एक भयावह आवाज़ की, और मृत हो गया।


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