नियति - भाग 4
नियति - भाग 4
आकाश और नियति की शादी हुए अब छह महीने से ज्यादा का वक़्त बीत चुका था। ज़िंदगी की गाड़ी जैसे सही रफ़्तार से सही दिशा की ओर बढ़ रही थी। एक दिन शाम पाँच बजे नियति अपने कमरे में अपने किसी काम में व्यस्त थी। तभी आकाश का ऑफिस से फ़ोन आया,"अच्छा सुनो, आज शाम सात बजे हमें किसी पार्टी में जाना है, तो तुम तैयार रहना। मैं अभी ऑफिस से निकल रहा हूँ, घर आकर फ़्रेश हो जाऊँगा, फिर चलेंगे"।
इससे पहले की नियति उससे कुछ पूछती की हमें कहाँ और किस पार्टी में जाना है, आकाश ने फ़ोन काट दिया था। उसने भी सोचा, आने के बाद ही पूछ लुँगी। अपने बाकी के काम समेटकर नियति पार्टी के लिए तैयार होने लगी।
कई दिनों से उसका माँ की दी हुई लाल साड़ी पहनने का मन कर रहा था। आज तो उसे मौका भी मिल गया था। जब थोड़ी देर में डोर बेल बजी, तब तक नियति पार्टी के लिए एकदम रेडी हो चुकी थी। उसने मुस्कुराते हुए दरवाज़ा खोल आकाश का स्वागत किया।
आकाश ने नियति को देखते ही कहा, "यह क्या पहन लिया तुमने?? इतनी तो खूबसूरत साड़ियाँ है तुम्हारे पास, फिर यह ऐसा कलर???!!"
नियति - क्यूँ?? क्या मैं अच्छी नहीं लग रही हूँ??!!
आकाश - अच्छी तो लग रही हो, पर यह साड़ी.... !!! मेरा मतलब है, जिस पार्टी में हम जा रहे है, वो बहुत बड़े, बहुत अमीर लोग है। यह कलर तो देखो, तुम ऐसा करो, वो डिज़ाइनर साड़ी है ना येल्लो कलर की वो पहन लो!!! चलो, जल्दी करो, वरना हमें लेट हो जायेगा। मैं भी फ्रेश हो जाता हूँ।
इतना कहकर आकाश फ़्रेश होने बाथरूम में चला गया।
सच पूछो तो उस दिन नियति लाल रंग की साड़ी में बेहद ख़ूबसूरत लग रही थी। आकाश की बात का थोड़ा सा बुरा भी उसे लगा था, लेकिन वो उसकी शाम बर्बाद नहीं करना चाहती थी। वो जल्दी से रूम में गयी और साड़ी और मेकअप बदलकर दोबारा तैयार हो गई। इस बार भी वो इस डिज़ाइनर साड़ी में बहुत अच्छी लग रही थी। खूबसूरत तो वो थी ही लेकिन आकाश के प्यार और सुकून भरी ज़िंदगी का निखार भी उसके चेहरे से साफ़ झलकता था।
रास्ते में आकाश ने नियति को इस पार्टी के बारे में सब कुछ बता दिया था।
दरअसल आकाश को स्विमिंग का शौक़ था। उसके लिए उसने एक स्विमिंग क्लब जॉइन किया था। वही उसकी मुलाक़ात अयान वालिया से हुई थी। अयान वालिया दिल्ली के मशहूर बिज़नेसमैन का बेटा था। आकाश शुरू से ही अयान के रहनसहन से प्रभावित था और अमीर दोस्तों के फायदे भी बहुत होते है, नजाने कब-कौन काम आ जाये, बस यही सोचकर आकाश ने भी अयान से अच्छी दोस्ती कर ली थी।
नियति - आकाश, लेकिन तुमने तो कभी अपने इस दोस्त के बारे में कुछ बताया नही??!!
आकाश - पिछले कुछ महीनों से अयान लंदन गया हुआ था, बस अभी दो दिन पहले ही लौटा है। आते ही उसके पापा ने उसको ऑफिस की सारी ज़िम्मेदारी दे दी है, बस उसी ख़ुशी में यह पार्टी रखी है उसने। उसका जब मुझे पार्टी के लिए कॉल आया तो मैं हैरान रह गया। मुझे तो लगा था, वो मुझे भूल गया होगा, लेकिन इतनी बड़ी पार्टी में आने का इनविटेशन देकर उसने बता दिया की हम अभी भी अच्छे दोस्त है।
दोनों ठीक सात बजे दिल्ली के एक पॉश इलाके के बड़े से बंगले के सामने पहुँचे। आकाश ने रास्ते में ही फूलों का एक बड़ा सा गुलदस्ता ख़रीद लिया था।
गाड़ी पार्क करके दोनों जैसे ही पार्टी में जाने लगे, गेट पर उनसे एंट्री पास के लिए पूछा गया। आकाश ने अपने मोबाइल में सेव इनविटेशन गार्ड्स को दिखाया और उस इनविटेशन को देखने के बाद ही दोनों को अंदर जाने दिया गया।
उस बंगले की सजावट और वहाँ का माहौल देख नियति को भी अंदाज़ा हो चुका था, यह किसी बहुत बड़े रईस आदमी का घर का है। नियति पहली बार आकाश के साथ ऐसे किसी पार्टी में आई थी।
आकाश को देखते ही एक नौजवान आदमी उसकी ओर बढ़ा और उससे हाथ मिलाते हुए उसे गले लगा लिया। नियति जान गई थी, हो ना हो,यही अयान है। आकाश नियति और अयान की पहचान कराने के इरादे से कुछ कहने ही वाला था, की अयान नियति की ओर बढ़ते हुए कहने लगा, "ओह, यह ख़ूबसूरत लेडी कौन है?? लेट मी गेस, यह तुम्हारी बेटर हाफ है!!! क्यूँ, है ना??
फिर अयान ने नियति की ओर हाथ बढ़ाते हुए कहा,"हैल्लो जी, आय एम अयान और आप??"
नियति ने एक बार आकाश की ओर देखा और अपने हाथ का गुलदस्ता अयान को देते हुए कहा,"जी,मैं नियति, यह आपके लिये"!!
अयान - ओह, थैंक यू सो मच नियति!!आप तो खूबसूरत है ही लेकिन आपका नाम भी काफ़ी खूबसूरत है। यार आकाश, यू आर रियली लकी!!!
अयान की बातें सुन आकाश और नियति दोनों एक दूसरे की ओर देखकर मुस्कुराने लगे।
अयान उन्हें अपने साथ ले गया और अपने बाक़ी दोस्तों से मिलवाया। आकाश तो सबसे बात करने में मसरूफ़ हो गया, लेकिन नियति उस माहौल में कुछ अलग महसूस कर रहीं थी।
जब अयान ने आकाश और नियति को ड्रिंक्स ऑफ़र किये, आकाश ने बियर का एक ग्लास उठाया तब नियति ने आकाश की ओर देखा,तो उसने धीरे से कहा,"डोंट वरी, यह बस फ्रूट बियर है"!!! नियति ने आगे कुछ नहीं कहा और उसने ख़ुद एक सॉफ्ट ड्रिंक का ग्लास उठा लिया।
पार्टी का माहौल तो अब अच्छा चल पड़ था, लेकिन नियति कुछ असहज महसूस कर रही थी। उसने ग़ौर किया, अयान थोड़ी थोड़ी देर में उसे देखते जा रहा था। शुरू में तो उसे लगा, वो उसका वहम है, लेकिन जब एक-दो बार अयान ने उसे ऊपर से नीचे तक निहारते हुए देखा तो नियति की असहजता बढ़ती चली गई।
अचानक तभी, पार्टी में चल रहा म्यूजिक चेंज हो गया और कपल डांस का म्यूजिक चल पड़ा। अयान ने आकाश से कहा, वो भी नियति के साथ डांस फ्लोर पर जाएं। पहले तो नियति ने मना कर दिया, लेकिन आकाश जिद करके उसे अपने साथ ले गया। दोनों रोमांटिक म्यूजिक पर कपल डांस करने लगे। नियति ने आकाश से कहा, "याद है, शादी के दूसरे दिन हमने घर पर ऐसे ही रोमांटिक म्यूजिक पर डांस किया था ???? "
आकाश - हाँ, बिल्कुल याद है। आज की तरह उस दिन भी तुम इतनी ही ख़ूबसूरत लग रही थी।
दोनों अपनी प्यारी भरी बातों में खोए हुए थे, तभी अयान उनके पास आया और उसने आकाश की ओर देखकर पूछा, "मे आय डांस विथ हर?? अगर तुम्हें कोई एतराज़ ना हो तो!!!
आकाश ने बड़ी ही सहजता से कहा,"यस, यस, ऑफ कोर्स"!! लेकिन नियति को शायद एतराज़ था, पर आकाश ने उसे नज़रअंदाज़ कर दिया। अयान ने नियति का हाथ अपने हाथ में लिया और उसे पकड़कर डांस करने लगा। नियति को अयान की नीयत कुछ ठीक नहीं लग रही थी। जब से वो पार्टी में आई थी, अयान की नज़रें उसे ही घूरे जा रही थी।
नियति ने अयान से "एक्सक्यूज़ मी" कहते हुए हाथ छुड़ाने की कोशिश भी की, लेकिन अयान ने कहा, "क्या हुआ नियति?? प्लीज फील रिलैक्स, अभी तो डांस शुरू किया है हमने"!!
नियति - अयान जी, प्लीज, लेट मी गो...
इतना कहकर नियति ने जबरदस्ती अयान से अपना हाथ छुड़ाया और वो आकाश को ढूंढते हुए इधर उधर देखने लगी। आकाश सामने बार में बैठ ड्रिंक कर रहा था। नियति उसके पास आई और कहने लगी, "आकाश, मुझे घर जाना है, चलो चलते है, वैसे भी हमें बहुत देर हो गयी है और यह तुम क्या कर रहे हो?? अब यह मत कहना कि यह बस एक अल्कोहल फ्री फ्रूट बियर है। मैं इतना तो समझती हूँ, की शराब और अल्कोहल फ्री फ्रूट बियर में क्या अंतर होता है"!!!
आकाश - इतना क्यूँ ओवर रियेक्ट कर रही हो यार, अगर कभी-कभार पार्टी में एक ड्रिंक पी भी लिया तो क्या हुआ???
नियति - अच्छा ठीक है अब चलो, घर चलते है।
वो जानती थी अभी आकाश से कुछ भी कहने का कोई मतलब ही नही था।
आकाश ने अयान से घर जाने की बात की, उसने उन्हें थोड़ी देर और रुकने के लिए कहा, लेकिन आकाश ने भी देर हो गई है, यह कहते हुए अयान से विदा ली। नियति ने एक बार भी अयान की ओर नहीं देखा, अयान की नज़रों का खौफ़ उसके मन में बैठ गया था।
घर आते वक़्त नियति ने आकाश को ड्राइव नहीं करने दिया, वो ख़ुद ही गाड़ी ड्राइव कर रही थी। उसने आकाश से गुस्से में पूछा, "तुम्हारा यह दोस्त किस क़िस्म का इंसान है???"
आकाश - क्यूँ?? ऐसा क्यूँ पूछ रही हो??
नियति - तुमने शायद देखा नहीं, पर वो पूरे पार्टी में बस मुझे घूरे जा रहा था और तुमने उसे डांस के लिए हाँ क्यूँ कहा???
आकाश - ओह प्लीज नियति, ऐसा कुछ तो मुझे नहीं लगा और अयान जैसे रईसजादे को लड़कियों कोई कमी नहीं है, वो भला दूसरे की बीवी पर नज़र क्यूँ रखेगा??? और रही बात डांस की तो, बड़ी बड़ी पार्टियों में यह सब बहुत आम बात होती है। उसीकी पार्टी में उसे ही कैसे मना कर देता मैं??? तुम भी ना, ज़रा अपनी सोच को आधुनिक बनाओ!!
नियति - अच्छा, हो सकता है यह मेरा वहम हो। उस बात को जाने दो, लेकिन यह ड्रिंक करना कबसे स्टार्ट किया तुमने?? मैंने तुम्हें पहले तो कभी ड्रिंक करते हुए नहीं देखा!!
आकाश - फिर वही बात!!! अरे कहा तो सही की कभी-कभार किसी पार्टी में सबके साथ ले लेता हूँ, लेनी पड़ती है। हर रोज़ तो पीकर नहीं आता ना??
नियति - आकाश, थोड़ी, थोड़ी और कभी कभी के चक्कर में ही इंसान को पता नहीं चलता कि इसकी आदत कब लग जाती है। मुझे से वादा करो, तुम फिर कभी ड्रिंक नही करोगे!!!
आकाश - अच्छा, अच्छा, नहीं करूँगा। अब गाड़ी थोड़ा तेज़ चलाओ, मुझे बहुत नींद आ रही है, कल सुबह ऑफिस भी जाना है!!
इस तरह दोनों बातें करते हुए घर पहुँचे। उस रात देर तक नियति को नींद ही नहीं आ रही थी, उसे बार बार अयान की वो नज़रें याद आ रही थी, जो उसे घूर रही थी, जिन्हें वो दोबारा कभी भी नहीं देखना नहीं चाहती थी......
क्रमशः ....

