निशांत और उसकी दुबई यात्रा
निशांत और उसकी दुबई यात्रा
निशांत जो एक छोटे से गांव में रहने वाला लड़का था जिसकी उम्र तकरीबन 25 साल होगी घर मेंं न कोई कमाने वाला बस सब घर का बोझ निशांत के हाथ में था। निशांत को भारत के अंदर रहते हुए भी उसको किसी भी प्रकार की नौकरी नहीं मिली। उसके किसी दोस्त ने बताया कि दुबई मेंं अच्छी नौकरी और अच्छी ज़िन्दगी मिलती है।वहां जाने के लिए उसके पास न कोई पासपोर्ट था और न ही किसी तरह का पैसा। निशांत पढ़ा लिखा नौजवान था उसके दोस्त की सहायता से उसने दुबई जाने का पुरा बंदोबस्त कर दिया.
उसने ये बात अपने घर में बताई लेकिन घर वालो ने मना नहीं किया। दुबई की यात्रा मेंं निशांत को हवाई जहाज मेंं बैठने का डर भी सता रहा था और अकेले सफर मेंं निकलने का डर भी सता रहा था। निशांत दुबई के सफर पर निकल गया उसको वहाँ कंप्यूटर की नौकरी के लिए बोला था लेकिन वहाँ उसको किसी शेख़ अब्दुल्ला के घर में साफ सफाई का काम मिला . एक लाख रुपए लगा कर वह दुबई आया था और तीन साल का कॉन्ट्रैक्ट भी साइन कर दिया था शायद निशांत के साथ विश्वासघात हुआ था वहां वह पूरी तरह से फंस चुका था न पैसे ढंग से मिलते और न परिवार वालो से बात करने की इजाजत देते। निशांत तो केवल अपना भविष्य सुधारने गया था लेकिन उसका वहां जाकर उसका भविष्य बिगड़ गया।
शिक्षा - ऐसे ही कितने लोग विदेश जाते हैं वहां जाकर किसी न किसी कारण फंस जाते हैं।