नाम
नाम
आज उसकी बेटी का नामकरण था। सब अपने अपने नाम सुझा रहे थे। कोई कहता खुशबू, कोई भूमि, कोई परी आदि - आदि। जितने मुंह उतने नाम...। तभी वसुधा ने हिम्मत करके कहा,"मैं अपनी बेटी का नाम आद्यशक्ति रखूंगी।”
सब हैरानी से देख रहे थे कि यह कैसा नाम है? आजकल तो सब छोटे और आधुनिक नाम रखते है तो फिर यह पुराना सा नाम क्यों?
वसुधा ने कहा,"मैंने पढ़ा था कि हम पर हमारे नाम का अक्स हमेशा प्रभावी रहता है। इसलिए यह नाम रख रही हूं। यह दुर्गा की शक्ति का प्रतीक है और नई शुरुआत का भी। उसका नाम ही जीवन की कठिन घड़ी में उसका संबल बनेगा।" यह सुनकर सब मन ही मन अपने नाम का अर्थ सोच रहे।