जीवन के बारे में, अपने आस - पास के लोगों पर, घटनाओं पर लिखना पसंद है।
Share with friendsआज उसने एक दंभी पुरुषत्व से स्त्रीत्व की रक्षा की थी। अगर पुरुषत्व का अर्थ सिर्फ अपने अ
Submitted on 17 Feb, 2020 at 14:53 PM
उसने साबित के दिया था कि तपस्या करने के लिए मन्दिर नहीं मन की आवश्यकता होती है।
Submitted on 08 Jan, 2020 at 14:53 PM
" नहीं, मुझसे और नहीं होगा , ये वीभत्स चेहरा लेकर , मैं इतने सारे अभ्यर्थियों के साथ पर
Submitted on 23 Dec, 2019 at 15:51 PM
चालीस पार की महिलाओं के साथ ऐसा ही होता है। बच्चे आधे बड़े हो चुके होते हैं
Submitted on 22 Dec, 2019 at 10:58 AM
शराबखाना हो या तवायफ खाना, सिर्फ सबका दिल लगाते है। पर अंत में यही कहते है, अब अपने घर जाओ। बस वसुधा भी चल पड़ी, अपने पत...
Submitted on 20 Dec, 2019 at 11:33 AM