Ila Jaiswal
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जीवन के बारे में, अपने आस - पास के लोगों पर, घटनाओं पर लिखना पसंद है।

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जो खुद नहीं कहते,वक्त उनका जवाब देता है हर बात का, हर चाल का हिसाब लेता है कब, कैसे , कहां, ये कौन जान पाया साहब वक्त वक्त की बात, बस वक्त बेहिसाब कर पाया है। इला श्री जायसवाल

मेरे हर भाव से  अपने  मन का संवाद कर लेना समझना मेरी बातों को , न तुम कोई विवाद कर लेना शब्दों की गलतियों को न दिल से तुम लगा लेना जो आए कोई मुश्किल तो , बस दिल से अनुवाद कर लेना

इश्क की रस्में निभाने की बात करते हो चढ़ा हो इश्क का सुरूर जिसपर, उससे संभल जाने की बात करते हो

सारी चिट्ठियां खो गईं , भागते वक्त की रफ़्तार में कह देते हैं हर बात अब दो टूक , कहते थे पहले जिन्हें तार में

तेरे अहसास की रवानगी देख ज़रा खुशबू बनकर बिखरे हुए हैं फ़िज़ाओं में

अरमां टूट जाते हैं, ख्वाहिशें अधूरी रह जाती हैं इस दुनिया में साहब , सिर्फ कोशिशें ही पूरी हो पाती हैं।

जज्बातों की तू बात ना कर, पत्थर के शहर में फूलों की बात ना कर ये शहर है शोर वाला यहां खामोशी की बात न कर । इला श्री जायसवाल नोएडा

जज्बातों की तू बात ना कर, पत्थर के शहर में फूलों की बात ना कर ये शहर है शोर वाला यहां खामोशी की बात न कर । इला श्री जायसवाल नोएडा

उसने तो ,तिरस्कार किया किन्तु ऐसा मुझे प्रेम हुआ परकीया भी न बनने दिया और अपना भी ना रहने दिया । इला श्री जायसवाल नोएडा


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