जीवन के बारे में, अपने आस - पास के लोगों पर, घटनाओं पर लिखना पसंद है।
Share with friendsजो खुद नहीं कहते,वक्त उनका जवाब देता है हर बात का, हर चाल का हिसाब लेता है कब, कैसे , कहां, ये कौन जान पाया साहब वक्त वक्त की बात, बस वक्त बेहिसाब कर पाया है। इला श्री जायसवाल
मेरे हर भाव से अपने मन का संवाद कर लेना समझना मेरी बातों को , न तुम कोई विवाद कर लेना शब्दों की गलतियों को न दिल से तुम लगा लेना जो आए कोई मुश्किल तो , बस दिल से अनुवाद कर लेना
सारी चिट्ठियां खो गईं , भागते वक्त की रफ़्तार में कह देते हैं हर बात अब दो टूक , कहते थे पहले जिन्हें तार में
अरमां टूट जाते हैं, ख्वाहिशें अधूरी रह जाती हैं इस दुनिया में साहब , सिर्फ कोशिशें ही पूरी हो पाती हैं।
जज्बातों की तू बात ना कर, पत्थर के शहर में फूलों की बात ना कर ये शहर है शोर वाला यहां खामोशी की बात न कर । इला श्री जायसवाल नोएडा
जज्बातों की तू बात ना कर, पत्थर के शहर में फूलों की बात ना कर ये शहर है शोर वाला यहां खामोशी की बात न कर । इला श्री जायसवाल नोएडा