नागिन की नयी कहानी
नागिन की नयी कहानी
आज पूरनमासी की रात है, बरसों से जिस दिन का इंतजार था, उसके पूरा होने का समय आ गया है, आज नागराज और नागरानी के एक होने की रात है, सहस्त्रों वर्षों से नागरानी, 'नयनी' ने अपने नागराज 'मोहित' को पाने के लिए तपस्या की थी, वो दोनों तो जन्म-जन्मातर से एक दूसरे के लिए ही बने थे, लेकिन एक खास समय पर ही उनका विवाह संभव है, और इस तपस्या के बाद दोनों इच्छाधारी भी बन गए हैं, दोनों मिलन की इच्छा लिए अपने इष्ट देव महादेव के मंदिर में पहुँचते हैं और पूजा कर महादेव को नमन करने के बाद खुशी के मारे नृत्य करने लगते हैं ।
अभी विवाह के मुहूर्त में एक घंटा बाकी था, तभी वहां नागराज मोहित का सौतेला भाई हर्षित आ जाता है वह भी नयनी को पाना चाहता है, इसीलिए बहुत दिनों से तंत्र साधना सीख रहा है। हर्षित ने तंत्र-मंत्र के द्वारा बेहोश मोहित को बाँधकर वहीं छोड़ दिया और धोखे से नयनी को बंदी बना लिया और अपने कंधे पर लाद कर उसे एक पुराने खंडहर में ले गया। वहाँ शादी करने का पूरा बंदोबस्त कर रखा है। बेबस नयनी कुछ भी नहीं कर पा रही है।
इधर बेहोश मोहित को होश आता है, वह इच्छाधारी है अतः अपनी शक्ति द्वारा जान लेता है कि हर्षित नयनी को कहाँ ले गया है, वह तुरंत ही उस पुराने खंडहर में पहुँच गया, जाते ही हर्षित के उपर हमला कर देता है, इस अचानक हमले से उसे संभलने का मौका नहीं मिलता और वह तुरंत ही ढेर हो जाता है।
हर्षित के गिरते ही उसके सम्मोहन से नयनी आजाद हो गई और मोहित के साथ विवाह करने के लिए पुनः शिवजी के मंदिर की ओर चल पड़ती है।
कुछ ही देर बाद जन्मों के साथियों का पुनर्मिलन हो गया और नागरानी अपने नागराज की हो गई।