only action हिंदी में

Romance Action Thriller

3  

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Romance Action Thriller

मरजावा

मरजावा

5 mins
429


This story

inspired by bollywood movie "मरजावा"

                                         Part 1

एक मैदान था जिसके तीन तरफ से बिल्डिंग थी और एक तरफ मेन रोड था। उन बिल्डिंगों में स्कूल और कॉलेज दोनों था।

मतलब 5 साल से 16 साल तक के बचे खिड़की से अपने स्कूल/कॉलेज के मैदान की तरफ देख रहे थे।

छोटे बच्चे शांति से देख रहे थे और बड़े बच्चे काफी डरे हुए थे। कुछ बच्चे जो अपना पूरा शरीर ढक कर आते थे वो बहुत खुश हमें दिखाई दे रहे थे।

तो उनके मैदान में चल क्या रहा था ?

वहाँ एक लड़की को एक गुंडा कपड़े उतारने के लिए कह रहा था। उसके सारे गुंडे आस पास तलवार ले के आये थे।

और स्कूल के सारे रास्तों पर खड़े थे ताकि कोई गाड़ी उस स्कूल/कॉलेज के आस पास ना आ सके।

हम देखते है कि पुलिस स्टेशन जहाँ पुलिस वालों को ये सब पता था, लेकिन उन्हें उस स्कूल में आने से मना किया गया था गुंडों के द्वारा।


हम देखते है उस कॉलेज के मैदान में वो गुंडा उस लड़की को बहुत मार रहा था और उसको अपने कपड़े उतारने के लिए कह रहा था।

लड़की मना करती है, जिसपर उसके गुंडे उसके पापा को वहाँ ले आते है, और उसके हाथ पर तलवार रख कर कहते है अपने कपड़े खोलने के लिए।

लड़की के पापा जो बूढ़े हो चुके थे, वो अपनी बेटी को मना करते है ऐसा करने के लिए, तभी कुछ समय बाद तलवार से उसके बूढ़े बाप का हाथ काट दिया जाता है, सभी बच्चों के सामने, वो लड़की उसे छोड़ देने के लिए कहती है लेकिन गुंडे अब उसके पापा के दूसरे हाथ को काटने के लिए उलटी गिनती गिनना चालू करते है, जिसके बाद वो लड़की अपना कपड़ा उतारने लगती है।


गुंडों के डर से कोई ना पुलिस को फोन कर रहा था, पुलिस पुलिस तो मिली हुई है और ये बात सब जानते है। गुंडों ने सभी को वीडियो बनाने के लिए मना किया था। अगर कोई मिल गया तो उसके साथ भी यही होगा।

तभी हम ऊपर 12th क्लास के एक लड़की को जिसका नाम भावना था। जो ये कह रही थी, की ये सब मेरे वजह से ही हो रहा है ना मैं इसकी मदद करती और ना बात यहाँ तक पहुँचती। जब बीच भंवर में छोड़ना ही था तो सहारा दिया ही क्यों ? ये बोल बोल कर वो, अब ये सब नहीं देखती और रोने लगती है।

तो ये सब हो क्या रहा था ? आइए 2 साल पीछे जाते है।


हम देखते है 10th क्लास में 91% नम्बर लाने वाली भावना को जो टॉपर थी, उसे देखकर पीछे बैठी जन्नत अपने दोस्त सलमान को बोलती है,"पढ़ना तो मैं भी चाहती हूँ लेकिन !

तब सलमान बोलता है,"पढ़ लिख कर किसी का कुछ नहीं हुआ है ये लाइफ पार्टी करने के लिए ऐसे मौज करने के लिए खुदा ने हमें दिया। फिर जन्नत बोलती है, पार्टी के बाद सेक्स करने के लिए ये जिंदगी है क्यों ?

सलमान बोलता है क्यों नहीं, हमारे अल्लाह ताला ने आदम (आदमी) को खुश करने के लिए इव (औरत) को बनाया ताकि वो दोनों सेक्स कर सके, और आदम की जिंदगी कट सके मजे के साथ।

जिसपर जन्नत बोलती है आदम के लिए इव को बनाया इव के लिए क्या बनाया अल्लाह ने ?

जिसपर सलमान को गुस्सा आ जाता है, और कहता है बदतमीज अल्लाह पर सवाल करती हो बोल कर एक थप्पड़ जड़ देता है जन्नत के गाल पर।

इस घटना से हमें पता चलता है, की वे इस एरिया के गुंडे का भाई होता है, इसलिए सर भी इसे कुछ नहीं बोलते, और ऐसे रिएक्ट करते है मानो जैसे कुछ हुआ ही नहीं।

जन्नत भी थोड़ा सा हंस देती है, और दोनों हाथ से कान पकड़ कर सलमान से माफी माँगती है। जिसके बाद वो उसे समझाने लगता है, की अल्लाह पर कोई सवाल या सन्देह ना करने के लिए।

लगभग 20 दिन के अंदर ही जन्नत और भावना के बीच दोस्ती हो जाती है, जिससे हमें पता चलता है, की अब जन्नत को भी पढ़ना है क्योंकि जन्नत को गणित बहुत जल्दी समझ में आ जाता था। वही दूसरी तरफ भावना इस जन्नत से सिर्फ इसलिए अच्छे से बात कर रही थी क्योंकि ये इस इलाके के गुंडे की गर्लफ्रैंड थी।

भावना के पास जन्नत पढ़ती थी लेकिन जन्नत के बाकी के दोस्त उसे पढ़ने नहीं देते थे और पार्टी, ड्रग, सिगरेट और इन सभी के बाद बेहोशी के हाल में उसके साथ सेक्स करते थे। और ये सब जन्नत को पता था।


जन्नत एकदम बिगड़ी हुई लड़की थी हमारे लिए, लेकिन उसके साथ पहली जबरदस्ती उसके भाई ने ही किया था।

दरअसल जन्नत के पापा के 3 पत्नियां थी और तीनों पत्नियों से उनके 20 बच्चे थे। जन्नत के अब्बा ने जन्नत की माँ से लेट शादी की थी। और ये इतना अमीर भी नहीं थे इसलिए पैसा कमाने के लिए जन्नत के भाई ने ही अपनी खूबसूरत बहन का फायदा उठाना शुरू किया।

लेकिन जब अब्बा को ये सब पता चला तो अब्बा जन्नत और उसके माँ को लेकर अलग रहने लगे।


लेकिन ये सिलसिला रुका नहीं और गुंडों में अपना प्रभुत्व जमाने के लिए जन्नत का भाई उसे 9th क्लास से ही ड्रगिस्ट, नसेड़ी, बना दिया था। ताकि उसका फायदा आराम से उठा सके। और तो और इतना सब कुछ के बाद वो अपनी बहन से शादी भी करना चाहता था। उसे कहीं जाने नहीं देना चाहता था।


लेकिन अब जन्नत को भावना मिल गई थी, और उसे अपने सपना पूरा करने की छोटी सी किरण भी दिखने लगी थी। वो एक आस्ट्रोनॉट बनना चाहती थी, कहती थी ख़ुशी से ये पढ़ लूंगी तो आसमान में जा सकूंगी ना मुझे बहुत ऊपर जाना है।

                                        Part 2

11th क्लास के शुरू हुए एक महीना बीत जाता है,और अब एक नया लड़का एक महीना बाद कॉलेज ज्वाइन करता है। जिसका नाम राम होता है।

वो भी अपने इलाके का एक गुंडा टाइप का ही स्टूडेंट था। और यहाँ इस कॉलेज में अब दो इलाको के गुंडे आ चुके थे ।
ये बात राम को पता था इसलिए वो भी इस इलाके के गुंडो से दोस्ती कर लेता है ।

राम एक भक्त टाइप का लड़का होता है जो पूजा पाठ करता है और भगवान को बहुत ज्यादा मानता है, वही खुशी एक प्रैक्टिकल टाइप की लड़की होती है। जो सिर्फ अपने बारे में सोचती है । अपना सोचेगी बस।

राम को भावना से प्यार भी हो जाता है, राम भावना के हर प्रॉब्लमस को खत्म करते जाता है, और अब पूरे कालेज के लिए भावना सिर्फ राम की होती है। ना ना करते हुए भी दोनो दोस्त तो बन ही जाते है। और अब भावना राम को अपने इसारे पर चलाने लगती है,या दूसरे शब्दों में कहे तो उसका फायदा उठाने लगती है।
इसारो पर नचाती कैसी थी ?
भावना उसको हर किसी की कुछ ना कुछ प्रोम्बलम बताती थी और फिर राम को बोलती थी अब इसे ठीक करो।

एक बार की बात है, वे दोनों सड़क से चलते हुए कही जा रहे थे और उनके पीछे तभी कोई बाइक पर बैठे 2 चोरों ने एक महिला के मंगलसूत्र को स्नैच करके फरार हो गए ।
जिसपर भावना दौड़ कर गई उस औरत के पास और राम को कहा, खड़े क्यों हो जावो पकड़ो उन्हें। 5 घण्टे बाद राम आता है और भावना को वो मंगलसूत्र देता है। मंगलसूत्र देते हुए राम कहता है,इतनी मेहनत से आज ये मंगलसूत्र दिया है,देखना एक दिन पहना भी दूंगा। जिसपर भावना गुस्से से उसके हाथ से मंगल सूत्र लेती है और जाने लगती है तभी राम कहता है गुस्सा क्यों हो रही है दूसरे का नही अपना मंगलसूत्र दूंगा ।
हम देखते है अब राम को भी पता चलता है कि चाहे कुछ भी हो पर भावना इससे प्यार तो नही करती है,इसके लिए उसका माथा ठनकता है और उसे अपने जिम्मेदारियो का एहसास होता है।

इसी तरह से लगभग 1 साल बीत जाता है, और गर्मियों की छूटीं से पहले जन्नत भावना के पास आकर बोलती है, की तुम जहाँ भी पड़ती हो उस क्लासेस का नाम बतावो,क्योंकि मैं भी वही आऊंगी और तुम्हारे साथ पढूंगी।

                                            Part 3

हम देखते है जन्नत के इलाके के सभी लोग उसके पढ़ाई जो कि एक गैर मुस्लिम के कोचिंग में जाकर हो रही थी इसकी वजह से बहुत परेशान रहते है।
और एक दिन ऐसे ही एक मौलवी जन्नत के अब्बा के घर जाकर मौलवी खुद से जन्नत को एक कमरे में बंद कर देता है,जिसपर जन्नत के अब्बा बहुत गुस्सा करते है मौलवी पर लेकिन मौलवी उनके होठो पर उंगली रखकर बोलता है। बाहर रेडिकल लोगो की फौज है एक गलत कदम उस कोचिंग का और तुम्हारा इन दोनों का भविष्य खत्म हो जाएगा। इसतरह से वो मौलवी अब्बा को धमकी देता है, घर के बाहर बहुत से जालीदार टोपी पहने लोग हाथों में पथर लेके खड़े थे।

वही दूसरी तरफ कोचिंग क्लासेस का दाऊद के कटरवादी रेडिकल लोगो के ग्रुप द्वारा अल्लाह हु अकबर कर दिया जाता है।
ये तो एक तरफ की गुंडागर्दी वही लेकिन दूसरे तरफ के लोग कोचिंग के सर को ही बोलने लगते है, की तुमने एक मुस्लिम लड़की को पढ़ाया ही क्यों ? और सारा गलती उस कोचिंग के सर की ही निकाल दिया गया।

फिर हम देखते है जन्नत लगभग 2 हफ़्तों से कॉलेज नही आयी थी।
जिसपर भावना राम को बोलती है कि जावो जाकर पता करो जन्नत आयी क्यों नही ? जिसपर भावना के बाकी के दोस्त भावना को ये सब राम को बोलने के लिये मना करती है, क्योंकि वहाँ राम की जान भी जा सकती है।

लेकिन भावना तो कभी राम से प्यार करती ही नही थी क्योंकि वो एक प्रैक्टिकल लड़की थी। अपना काम बनता ------ में जाये जनता।


लेकिन राम बोलता है देख लो मैं तो चला जाऊंगा,  लेकिन क्या तुम पक्का कह रही हो मुझे वहाँ जाने के लिए ।
भावना बोलती है क्यों! डर गए क्या ? कम से कम अपने नाम का तो इज्जत रख लो।
और मार पीट की नोबत ना आये इसका ख्याल रखना।
(रेडिकल मुस्लिम इलाके में जाकर किसी नॉन मुस्लिम के द्वारा किसी मुस्लिम लड़की के बारे में पूछना कितना खतरनाक हो सकता है?🤔🤔🤔)

लेकिन चुकी राम के कॉलेज के कुछ मुस्लिम गुंडों से पहचान थी तो वो उनकी मदत से दूसरा बहाना बना कर उस लडक़ी के घर तक पहुचता है, और राम को देखकर जन्नत बहुत खुश हो जाती है,और अपने अब्बा के सामने उसके गले लग जाती है। जिसपर राम अब्बा को कहता है मैं सिर्फ एक लड़की से प्यार करता हु भावना बस।
जिसपर जन्नत गले से हटकर बोलती है क्यों ? दोस्त गले नही मिल सकते क्या ??
एक प्रोम्बलम हो गया यहाँ की इसकी एक फोटो वही मुसलमान दोस्त निकाल कर वहाँ से चला जाता है, और अपने रेडिकल लोगो के ग्रुप में शेयर कर देता है। ये भनक जन्नत के अब्बा को लग जाता है।
वो राम को फौरन वहाँ से चले जाने के लिए कहते है,राम जन्नत से पूछता है कॉलेज कब से आ रही हो? जन्नत अपना खराब मुह बनाकर बोलती है मेरा कालेज अब  खत्म हो चुका है, मौलवियों का फरमान है अब घर पर ही रहना है। और आदम के लिए ईव बनना है बस।
जन्नत के अब्बा राम को जाने के लिए बोल रहे थे लेकिन अब राम कहता है ये मौलवी होता कौन है ? अब मैं उस मौलवी से बात कर के ही जाऊँगा।
राम पुलिस को मैसेज कर देता की उसके जान को खतरा है, थाना अध्यक्ष 10 पुलिस की टीम फौरन उस पटे पर रवाना हो जाती है।

अब यहाँ राम को पकड़कर एक मस्जिद में ले जाया जाता हैं, जहाँ वही तालिबानी मौलाना था।वहाँ जन्नत में आयी थी और पूरा मस्जिद लबा लब मुसलमानो से भर जाता है।
राम कुछ बोलता मौलवी उसे रोककर इस्लाम कबूल करने के लिए कहता है, और उसके बाद ही यहाँ से जिंदा निकल पायेगा ये धमकी देता है।

अब चुकी पुलिस पहुँच तो गई थी लेकिन मुसलमानो के मैन इलाके में घुसने से पहले ही उन सभी को वहाँ के डॉन टाइप गुंडे के आदमियों द्वारा वही से वापस लौट जाने के लिए कहता है, खतरे को भांपते हुए पुलिस वहाँ से लौट जाती है।
और प्रोम्बलम कितना बड़ा है ये बात थाना अध्यक्ष को बताते है।
अब पुलिस स्टेसन आते वक्त राम को दो चोरों से लड़ते देखकर इसी पुलिस स्टेसन के थानाध्यक्ष  ने राम के काम की प्रसंसा करके राम को घर तक छोड़ा था।
इसलिए अब वो कैसे भी उस नरक से राम को निकालना चाहते थे।
लेकिन सबसे बड़ा गुंडा उसी एरिया का होता है इसलिए वो चाह कर भी कुछ नही कर पाते।

                                          Part 4

अब राम एक रेडिकल इलाके के तालिबानी मौलवी और उसके सैकंडो समर्थकों के बीच है इतना कम नही था कि दाऊद type गुंडे का वो इलाका था।

ये खबर जब भावना को लगती है, तब वो कहती है अच्छा है अब जाके उसका अक्ल ठिकाने में आएगा। मेरे भाइयो का काम वहां के मुस्लिम ही कर देंगे।
जिसे सुनकर उसकी दोस्त कहती है, "कितनी सेल्फिश है तू, वहाँ उसकी जान भी जा सकती है। और अगर जान गई तो उसकी जम्मेदार तू ही होगी।
थोड़ा सा इंगनोरेन्स 😏 वाला मुह बना कर भावना वहाँ से चली जाती है।

अब हम देखते है, उस मस्जिद में काटने वाले को बुलाया जाता है,और हमे पता चलता है, की राम ने इस्लाम को कबूल कर लिया था । अब राम का खतना होना था, जिसपर तालिबानी मौलवी कहता है ये खतना नही है, ये एक इस्लाम का ठप्पा है जो अब से मरने तक तुम्हारे साथ रहेगी, अगर भविष्य में तुमने इस्लाम से गदारी की और इस्लाम छोड़ दिया तो तुम्हारा हर्ष काफिरों से भी ज्यादा बुरा होगा आमीन बोलकर खतना करने के लिए राम को बोलता है।

जिसपर राम मना कर देता है, कहता है, "आज इस्लाम समझा में आया तो मुस्लिम बन रहा हु, क्या पता आगे कोई इससे भी अच्छी चीज मिल जाये ? मैं अपने आप को किसी जानवर की तरह एक खुठि मे कैद करके नही रह सकता ।
मेरा थिंकिंग तुम सब से बहुत अलग है बहुत बड़ी दुनिया है ये अपना पृथ्वी देखो कुवे से बाहर निकलने पर ही समुन्द्र दिखेगा।
समझ रहे हो मेरी बात या दिमाग पर क़ुरान का इस्लाम ताला लगा हुआ है। नही प्रैक्टिल तो कुछ करके देखना ही नही है, क्यों क्योंकि सारा प्रैक्टिल हमारे लिए मोहम्मद साहब कर के गए 1400 साल पहले।चपटी दुनिया से गोल दुनिया हो गई अब तो सुधर जावो आप सब।  मैं इस्लाम कबूल करता हूँ लेकिन इस्लाम का ठप्पा तो मैं अपने शरीर मे कही नही लगवाऊंगा। हिन्दू  हूँ लेकिन हिन्दू होने का कोई ठप्पा मेरे शरीर मे नही है। तो थोड़ा तो लिबरल की तरह सोचो ।

तभी भीड़ से कोई बोलता है," हमने इसे इस्लाम के बारे में बताया अब ये अल्लाह को भगवान नही मानेगा तो क़ुरान के अनुसार इसे मार दिया जाए अभी इसी वक्त, अल्लाह हु अकबर, काफिर का कत्ल करो काफिर का कत्ल करो।

जिसपर राम कहता है, अरे भाई ये क्या कह रहे हो अभी 2 घण्टे से आप सभी मोहम्मद और अल्लाह को न्याय का देवता, इंसानियत का इकलौता संरक्षक, स्वर्ग देने का 100% गारंटी ये बड़े बड़े बात बता दिया क़ुरान का। ये कौन से आयत है ?

तालिबानी मौलवी कहता है, "काफिरों को जान से मारना भी अल्लाह ने हम मुसलमानो को सिखाया है, वो मुसलमान जो 5 वक्त की नमाज पड़ता है।
वो मुसलमान जो पूरे 1 महीने रोजा रखता है।

राम बोलक्ट है अरे क्या फालतू है ये सब तो ये सब बाते उन दो घण्टो में नही बता सकते थे क्या ? और कोई भगवान अल्लाह होता कौन है इंसानो को मारने का हुक्म देने वाला।

अगर अल्लाह को खुद को भगवान अल्लाह कहलवाने का इतना शौक चढ़ा है, जिसे अगर मैंने पूरा नही किया तो मुझे जान से मार देगा तो आ जाये अल्लाह मेरे पास खड़ा हूँ मैं इस तालिबानी मस्जिद में दर्शन दे तो मैं इस तालिबानी से बड़ा तालिबानी मौलवी बन कर दिखाऊंगा ।

तभी तालिबानी मौलवी राम को काफिर घोषित कर देता है,और राम को भीड़ के हवाले कर देता है। मस्जिद के बाहर ही खून खराबा होना चाहिए इसलिए राम को जबर्दस्ती मस्जिद से बाहर निकाला जा रहा था।

राम के मस्जिद से बाहर निकलते ही कोई उसे नही मारता क्योंकि आज वहां दाऊद के जैसा आतंकी दाऊद के जैसा खतरनाक गुंडा अपने घर के तरफ जा रहा था। की इतनी भीड़ देखकर वही रुक गया था।

राम का हाथ बांधा हुआ था, उसे वो बड़ा गुंडा(दाउद)खुलवाता है ।
और कहता है, "तू है ना जिसने मेरे बच्चो को पुलिस के हाथों पकड़वाया था। 5 घण्टे से उसके पीछे पीछे दौड़ रहा था ।
(वो दाऊद उसके आगे पीछे घूमते हुए बात कर रहा था।)
वो गुंडा पूछता है, " किस लिए आया था यहाँ ?
राम बताता है, जन्नत वो 2 हफ़्तों से कालेज नही आयी थी, मैं बस उसका हाल समाचार पूछने आया था।
दाऊद बोलता है, " कौन जन्नत अबे वो तो एक रंडी है, उसके लिए मरने आया था यहाँ तुझे भी चाहिए क्या ?
राम बोलता है, "आपके इलाके में रंडिया भी रहती है । हमारे इलाके में तो बेटियां होती है सिर्फ।
            
                                            Part 5

दाऊद कहता है," मैं तो तुझे अपने गैंग में सामिल करना चाहता था लेकिन तू तो जरूरत से ज्यादा निडर निकला
गन निकालकर उसके सर पर रखता है,लेकिन  उसे मारता नही है पब्लिक के हवाले करके वहाँ से जाने वाला ही होता है,की जन्नत दाऊद के पैर पकड़ लेती है,और राम की जान की भीख माँगने लगती है, दाऊद गाड़ी में बैठता है और उसे आज रात आने के लिए कहता है।
जन्नत का दोगला भाई उसे पकड़ लेता है ।

और अब सारी रेडिकल मुसलमान तालिबानी मौलाना द्वारा घोषित किये गए काफिर यानी राम पर कूद पड़ते है।

पुलिस जो मदत करने के लिए आई भी होती है,अपने गुप्त इंटेलिजेंस के माध्यम से वो सभी पुलिस वाले अब तो कुछ कर ही नही सकते थे क्योंकि अब तो सीधे दाऊद ने राम को जान से मार देने के लिए कहा है।

एक हटा कटा फैजु अपने हाथ मे तलवार लेकर आता है, बाकी सभी
आसपास  के लोग अल्लाह हु अकबर जोर जोर से बोलने लगते है।

लेकिन होता उल्टा है राम जो कि मार्सल ला एक्सपर्ट होता है वो उसी तलवार से फैजु का अल्लाह हु अकबर कर देता है।

ये देखकर आस पास के सभी लोग एक साथ उसपर तलवार से हमला करने आते है।
हम देखते है राम को पीछे से अनवर पकड़ लेता है और सामने से एक मॉब आ रही थी जैसे ही राम को तलवार से मारा जाता है राम अनवर को आगे कर देता है और अनवर के शरीर के 10-12 टुकदे हो जाते है। इसके बाद राम वहाँ से भागता है और ठेले पर मसाला कोई बेच रहा था, राम उसमे से मिर्ची का पाउडर लेकर भीड़ पर फेकने वाला ही होता है वो ठेले वाले ने उससे पहले ही राम और ही मिर्ची पाउडर फेक देता है, जिससे राम बच जाता है तो इस तरह से राम पर वो पूरा इलाका पड़ा हुआ था जान से मारने के लिए ।

और अब तक  राम ने बहुत से मॉब को मार दिया था वो उस इलाके से निकलने वाला ही होता ।

लेकिन राम ने पूरे इलाके में जो तबाही मचाई उसके लिए इलाके से बाहर निकलने वाले हर रास्ते पर दाउद ने अपने गुंडों की फौज रखी हुई थी ।
और दुर्भाग्यवश उस रास्ते पर दाऊद का भाई खड़ा था राम का रास्ता रोकने के लिए ।

राम के वहाँ आते ही दाऊद के भाई के लोग राम पर ताबड़ तोड़ फायरिंग करने लगते है जिससे राम को 2 गोलियां लगती नही है बस छू कर निकल जाती है लेकिन जख्म बहुत ज्यादा था ।

अब राम को वो पकड़ने के लिए आगे बढ़ते है जिसके बाद उन गुंडों का सामना राम के तलवार से होता है और सभी को राम मार देता है, लेकिन तब तक राम के शरीर पर बहुत सारे जख्म लग जाते है, अंत मे दाऊद का भाई भागता है लेकिन राम तलवार इतने तेज से फेकता है कि वो तलवार पेड़ के आर पार  चला जाता है लेकिन उसके बीच मे दाऊद का भाई भी होता है,और राम दाऊद के इलाके से बाहर नही निकल पाता वही बेहोश होकर गिर जाता है।

अगली सुबह

राम के द्वरा फेका हुआ तलवार दाऊद के भाई के पीठ में घुस कर एक पेड़ के एक तरफ से घुसकर दूसरी तरफ निकल गया था ।
यानी दाऊद का भाई तलवार के जख्म से नही मरा था बल्कि तलवार को अपने शरीर से ना निकलपाने कि वजह से मरा था

जिसे देखकर दाऊद को बहुत गुस्सा आता है। वो राम के सीने के कपड़ो को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर कहता है तुझे तो मैं जिंदा करके सबके सामने मारूंगा
और अपने भाई के मृत शरीर को देखकर कहता है, तलवार से मारा है ना अब जब तक राम मरेगा नही हमारे हाथों से तलवार छूटना नही चाहिए। राम का बोटी बोटी करके उसका हर टुकङा सभी घरों में जायेगा । तलवार से मारेगा  बोलकर वो रोने लगता है।

हम देखते है राम को किसी भी कीमत पर डॉक्टरों को जिंदा करने के लिए दाऊद के गुंडों द्वारा धमकाया जाता है।
लेकिन राम को होश नही आता क्योंकि वो अब कोमा में चला गया था। दाऊद के फोन कॉल्स पर दूसरे शहर कोमा स्पेशलिस्ट को बुलाया जाता है, जो ये पुष्टि करता है कि यहाँ के डॉक्टर झूठ नही बोल रहे राम सचमुच में कौमा में चला गया है। लेकिन दाऊद को दिलासा देने के लिए वो डॉक्टर कहता है कि ये मेरे ख्याल से ज्यादा समय तक कौमा में नही रहेगा, ये जल्द कौमा से बाहर आ जायेगा

राम कोमा से बाहर आ जायेगा ।

                                              Part 6


राम कौमा में था / दाऊद राम को जिंदा करके अपने हाथों से तलवार से राम को सबके सामने मारने का इंतज़ार कर रहा था।

वही एक लड़के ने दाऊद के इलाके में जा कर 100 से ज्यादा गुंडों को मार दिया था जिसमे दाऊद का भाई भी शामिल था। ये खबर आग की तरह फैल गया था। जिससे दाऊद का जो डर पहले लोगो के अंदर था वो अब डगमगा सा गया था ।

और इसी लिए दाऊद कुछ बड़ा करने की सोचता है, जिससे कि उसका डर लोगो मे बना रहे। वो तुरंत अपने तालिबानी मौलाना को मुजाहिदीनो को शहर में बम फोड़ने के लिए तैयार रहने के लिए कहता है, वो इन सभी चीजों का प्लान बना ही रहा होता है, की उसके दिमाग मे एक बात आता है, की जन्नत तो कल रात उसके पास आई ही नही।

जन्नत के इस बर्ताव से उसे बहुत ज्यादा गुस्सा आता है,और राम के हाथों उसके भाई के मरने का कारण कही न कही जन्नत भी थी।

दाऊद तुरन्त अपने गुंडों को कहता है इस पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दो,पुलिस मिनिस्टर कोई भी नेता यहाँ भटकने ना पाए।
और राम उस रंडी को कालेज ले जाने के लिए आया था ना जावो उसे बोलो की कल से वो कालेज जा सकती है।👹👹👹👹👹👹

अगली सुबह
जन्नत कॉलेज जाने के लिए अपने घर से निकलती है । वो देखती है पहले जितनी गाड़िया चलती थी आज तो कोई गाड़ी किसी रॉड पर चल ही नही रही एका दुक्का गाड़ी ही रॉड पर चल रही थी।

और अब वो अपने कॉलेज के कम्पाउंड में आती है जहाँ दाऊद उसका इंतजार कर रहा था ।

अब  इस कहानी के भाग 1 में जो घटना घटी उसकी पीछे की कहानी कुछ इस तरह से थी ।

जन्नत आती है तो दाऊद उसे अपने पास बुलाकर एक थपड़ मारता है। सभी छोटे बड़े बच्चे बालकनी में खड़े होकर ये सब देख रहे थे।

दाऊद कहता है तेरे कारण मेरा भाई मरा है, अपनी छाती दो बार पीटकर एकदम गुस्से से दाउद जन्नत से कहता है ये।
तू कल रात को कहाँ थी, बुलाया था ना मैंने तुझे। दाऊद अपने गुंडों से कहता है अरे मेरा कोई डर नही है क्या ?

चल रात का काम अभी इसी कालेज में तुझे पढ़ना है ना इसी जगह करूँगा, जिसके देखता हूं तुझे आसमान में जाएगी तू, तुझे सीधे सातवे आसमान में पहुँचाता हूँ मैं।

ये बोलकर दाऊद उसके कपडे खुद से उतारने के लिए कहता है, वो कहता है काहे का शर्म रे तेरा भाई तेरे को बेचता है तो बिकती है ना तू चल कपड़े उतार अपने।

लेकिन जन्नत अपने कपड़े नही उतारती है और कॉलेज के सभी स्टूडेंट्स से मदत माँगती है हाथ जोड़कर। लेकिन कोई मदत के लिए नाही आता है।

पुलिस सब जानकर भी कुछ नही कर पाती है । और दाऊद के गुंडे हरजगह तलवार लेकर खड़े थे ।
किसी की हिम्मत ही नही थी जन्नत को बचाना तो दूर उसके सपोर्ट में कोई कुछ बोल भी नही पा रहा था।

इसी बीच दाऊद के गुंडे जन्नत के अब्बा का हाथ काँट देते है, जिसके बाद जन्नत अपने कपड़े रो रोकर उतारने लगती है। (डिटेल में जानने के लिए मरजावा कहानी का 1st भाग जरूर पढ़ें)

इन सब का जिम्मेदार कही ना कहीं भावना भी थी, वो खुद को कोसने लगती है और वो अब अपने बारे में ना सोचकर पहली बार किसी और के बारे में सोचने का फैसला करती है। क्योंकि भावना को लगता था कि राम से दूसरों की मदत करवाकर वो कही ना कही अच्छा काम ही कर रही है। लेकिन काम तो अच्छा था लेकिन इसके पीछे का जो नियत (ईमान) था वो भावना का अच्छा नही था स्वार्थीपूर्ण था। वो ये सभी काम किसी का भला हो जाये ये सोचकर नही करती थी बल्कि इसलिए ताकि एक दिन राम खुद इसे छोड़कर चली जाए। क्योंकि इसको पता था राम है तो एक गुंडा तो ये लोगो की मदत तो कभी नही कर पायेगा। लेकिन होता इसके उल्टा है ।

इस परिस्थिति में भावना को पहली बार राम की कमी खलती है। क्योंकि कोई और उसके कहने पर कुछ भी नही कर सकता था।
वो बहुत रोती है।
और राम के द्वरा कभी उसे एक भगवान लक्ष्मी का लॉकेट दिया था उस लाकेट को वो आज पहली बार निकालती है।

और उसमें जो लक्ष्मी माता जी का फोटो होता है, उसे अपने हाथ मे पकड़कर रोने लगती है। क्योंकि आज उसने 2 जिंदगियाँ बर्बाद कर दी अपनी सेल्फनेस के चक्कर मे ओर दूसरी बर्बादी तो इसके सामने हो रही थी।

                                           Part 7

और तभी एक गोली सीधे दाऊद के सर पर लगती है और वो वही मर जाता है,दाऊद को गोली लगते ही सभी पुलिस वाले एक साइड होते है, और थाना अध्यक्ष दाऊद को देख ऐसे प्रतीत होते है जैसे इन्हें दाऊद की बहुत चिंता थी।


लेकिन दाऊद के सर में गोली लगते ही
इसारो में हमे समझ मे आता है कि पुलिस ने दूर से इसका इनकाउंटर किया है स्नाइपर से ताकि किसी को पता ना चले, स्नाइपर चलाने वाली एक लड़की थी।🤣🤣🤣

फिर हम देखते है भावना को जो राम के पास जाती है, जो कि मर चुका था उसे अपने गोद मे रखकर कर रोने लगती है।

पुलिस वहाँ बाकी के रेडिकल लोगो को अरेस्ट करने लगती है ।
और मरजावा की कहानी यही खत्म हो जाती है।


To be continued... (Alertnet ending)



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