only action हिंदी में

Horror Thriller

4  

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Horror Thriller

Horror portal (बचा लो मुझे)

Horror portal (बचा लो मुझे)

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हम देखते है, जंगलों में कुछ ईसाई प्रचारक नए नए बने ईसाइयों को जिन गरीब लोगों को हाल ही में मन परिवर्तन किया गया था उन सभी को अपने विस्वाश में लेकर एक जंगल की तरफ लेके जा रहे थे।

उनकी बातों से पता चलता है कि वो उन सभी को जीसस का दर्शन करवाने लेके जा रहे है।

तभी हम दूसरी जगह देखते है, कुछ ही दूर में मिलिट्री और नकल्स कि लड़ाई हो रही थी, जिससे नक्सल अब जंगल की तरफ भाग रहे थे।

वो ईसाई प्रचारक उन सभी लोगो को एक गुफा की ओर जाने के लिए कहता है,जहाँ बहुत से लोग मरे हुए थे और एक और लड़की को बंधा हुआ था,जिसका शरीर खून से लथपथ था,वो जैसे ही इन लोगो को देखती है,

जीसस के दर्शन करने आये लोग के दिमाग से जीसस का बुखार उतर जाता है,और वो वहाँ से भागने लगते है।

तभी वहाँ नक्सल आ जाते है,और चिल्ला चिल्ला कर भागते लोगो को पकड़ कर बंधक बना लेते है,और और तभी वो ईसाई प्रचारक गुफा के अंदर चला जाता है, जिसके बाद हमे दूर से ऐसा लगता है कि उसका शरीर किसी ने फाड़ दिया हो।

तभी वहां भारतीय जवानों की टुकड़ी आ जाती है, जो नक्सलियों से लड़ रहे थे। नक्सली जवानों को पीछे हटने के लिए कहते है,और इसी बीच एक बंधक को गोली भी मार देता है।

बंधक के मरते ही, वहाँ तेज हवाएं चलने लगती है, और वो हवाए आंधी बन जाती है, जिससे भारतीय जीवान बिखर जाते है,और वही नक्सली इससे बचने के लिए बंधकों को छोड़कर गुफा के अंदर चले जाते है। नक्सली तो बच जाते है लेकिन वे सभी लोग गुफा की तरफ ना जाकर जंगल की तरफ भागते है और सभी लोग मारे जाते है।

और उनके मरते ही अंधी शांत हो जाती है।

वही वो नक्सली आँधी से बचते हुए जैसे ही गुफा में जाते है, उनका सामना उसी लड़की से होता है, जिसके आगे उसी पास्टर का फटा हुआ शरीर पड़ा हुआ था, और बाकी के रिचुअल करने वाले लोग तेजी से कुछ बोलने लगते है, जिसके बाद नक्सली का लीडर सबको चुप रहने के लिए बोलता है, बंदूक दिखाने के बाद भी वो लोग चुप नही होते है।

अब भारतीय जवान के कुल 7 लोग इस गुफा तक आते है,और अब हम जवानों के नजर से देखते है, उसी लड़की को जिसके ऊपर नक्सली बंदूक ताने हुए थे। इतने में ही नक्सल वहां के सभी रिचुअल करने वाले इंसान को मार देते है, जिसके बाद दूसरी तरफ से जवानों में भी 4 नक्सल को वही ढेर कर देते है, जवानो और नक्सल की गोलीबारी में जो 2 नक्सल बचते है, वो उस लड़की को देखते है जो अब भी वही बैठी थी और काफी मासूमियत सा चेहरा लिए इन 2 नक्सलियों की तरफ देख रही थी।

तभी वहाँ भारतीय जवान भी पहुच जाते है, लेकिन जब वो गुफा की तरफ जा रहे थे तभी उनको अपने पीछे कुछ आभास होता है, जिसको एक जवान पीछे मुड़कर देखता भी है लेकिन कुछ ना दिखने पर वो आगे की ऒर बढ़ते है,और गुफा में पहुंच जाते है,जिसके बाद फिर से गोलीबारी में 1 और नक्सली मारा जाता है। इसी गोलीबारी में नक्सली और जवान सभी गुफा के बहुत अंदर तक आ जाते है,और नक्सलियो का लीडर जो बचा हुआ था वो उस लड़की को मार देता है। क्योंकि जब वो गुफा के अंदर जा रहा था, तभी बाहर से अंदर आ रहे जवानों के बीच वो (लड़की आ रही थी मतलब उसकी बैठने की पोजीशन थी, वो किसी को बचा नही रही थी।)

इसी चकर में वो नक्सली उसे पीछे से मार देता है,जिससे वो लड़की नीचे गिर जाती है।

(गुफा के अंदर काफी अंधेरा था,इसलिए जवानों ने अपने इमरजेंसी लाइटों के मद्त से उस आखिरी बचे नक्सली को खोज रहे थे।)

और बाद में जवानों के हाथों वो नक्सली भी मारा जाता है।

जैसे ही जवानों को पता चलता है,की नक्सलियों का लीडर मारा गया है,वो सभी अपने रेडियो से ये बात अपने सीनियर अफसर को बताते है,लेकिन लेकिन लेकिन उनका रेडियो काम नही करता, तभी वो सोचते है शायद गुफा के अंदर होने की वजह से ये सब हो रहा है, इसीलिए वो सब बाहर की तरफ जाने लगते है। 

वहाँ नक्सलियों की लाशें, और रिचुअल करने वाले 3 लोगो की लाशों के साथ उस लड़की की भी लाश थी। 

ये सब देखते हुए 

(यहाँ तक लिखने के बाद लिट्रेलि मैं भी थोड़ा सा डर गया था, सोचा ये भी लिख दु ।)

ये सब देखते हुए वो सभी गुफा से बाहर निकलने के लिए आगे बढ़ते है,लेकिन तभी एक जवान बोलता है,अपने साथी से हम इतने अंदर तो नही आये थे।

आगे जाते हुए उन्हें रोशनी दिखती है लेकिन जैसे ही वो वहाँ तक पहुचते है रोशनी धीरे धीरे खत्म हो रही थी और आगे और अंधेरा हो रहा था।

तभी एक जवान बोलता है कही हम रास्ता भटक तो नही गए, जिसपर दूसरा बोलता है, कैसे भटक सकते है गुफा में तो एक ही रास्ता था। 

सब चलते चलते थक जाते है,लेकिन तभी उन्हें उनके सामने उसी नक्सली लीडर की लाश मिलती है। जिसपर एक जवान बोलता है देखो अब आगे की तरफ कोई दो रास्ते तो नही है। वो आगे जाकर देखता है लेकिन वहाँ कोई दूसरा रास्ता नही होता।

तभी वहाँ का एक जवान बोलता है,यहाँ कुछ तो गड़बड़ है,तभी तीसरा जवान बोलता है, "अरे वो लड़की की लाश कहाँ है"?

सभी इधर उधर उस लड़की की लाश खोजने लगते है, इतने में ही जो जवान रास्ता देखने के लिए थोड़ा आगे चला गया था, वो जोर से चिल्लाता है,फिर सभी सैनिक उसकी तरफ बढ़ते है, तो देखते है उसका शरीर फटा हुआ था।

सभी हड़बड़ा जाते है,और भागने लगते है, रेडियो सिग्नल भी नही काम कर रहा था।

भागते भागते वो जंगल की उसी जगह आ जाते है जहाँ से वो उन 7 नक्सलियों को मारने के लिए आये थे।

लेकिन तभी वो देखते है कि उनके आगे वो ही सात जवान गुफा के अंदर जा रहे थे उन 2 नक्सलियों को मारने के लिए। जैसे ही जा रहे जवान में से एक जवान पीछे घूम के देखता है, ये सभी 6 जवान छुप जाते है । और गुफा के अंदर से गोली बारी की आवाजें आती है । और जैसे ही आवाजे खत्म होती है। वो सभी जवान एका एक उसी जगह आ जाते है जहाँ उस लड़की की लाश थी । और इस वक्त उस जगह उस लड़की की लाश थी, गायब नही हुई थी।

वो आगे पीछे देखते है तो उन्हें वही सब लाशें दिखती है और अपना साथी भी दिखता है।

सभी जवान काफी डर जाते है, ये क्या हो रहा है किसी को नही समझ रहा था। तभी एक जवान उस लड़की के लाश को देखता है ।

जिसके बाद वो लड़की अपनी आँखें खोल देती है, जिसपर सभी डर जाते है, और वहाँ से भागने लगते है, लेकिन एक जवान नही भागता और अपने साथीयो को रुकने के लिए कहता है, लेकिन वे नही रुकते है लेकिन जैसे ही वो दोबारा इस लड़की की तरफ देखता है, तो वो अब वहाँ नही थी ।

वो जवान उस लड़की को आवाज लगाता है लेकिन भाग रहे 5 जवानों को उसकी चीखे सुनाई देती है।

सभी अब काफी डरे हुए थे। किसी को कुछ नही समझ रहा था, तभी एक जवान बोलता है कही ये सब कोई काला जादू तो नही, हो सकता है वो लड़की शैतान हो और वही ये सब कर रही हो।

उसे जान से मार देते है। तभी यहाँ से बाहर निकल पाएंगे।

ऐसा बोलकर वो आगे की तरफ भागता है, और बाकी के जवान उसे ऐसा नही करने के लिए कहते है, और वो सब भी उसके पीछे भागते है।

लेकिन ये क्या पहले की ही तरह सभी लाशें तो थी। लेकिन उस लड़की की लाश नही थी। उन्हें अपना वो साथी की भी लाश मिलता है,जिसमे थोड़ा सा जान बाकी था, वो उन सभी को कहता है, बचावो उसे इतना बोलकर वो मर जाता है।

और इतने में ही वो सभी लोग अपने एक और साथी की मौत का दुख मना ही रहे थे कि वो फिर से उसी जगह पहुच जाते है,ओर फिर से आगे जा रहे जवान के पीछे देखने पर वो सभी जवान छुप जाते है।

जैसी ही आगे जाने वाले सातों जवान गुफा के अंदर चले जाते है, तब ये सभी पाचो जवान सोचते है कि बचाना किसे है,व सभी इस पर बात कर ही रहे थे कि अंदर की गोलीबारी खत्म हो जाती है,

जैसे ही गोलीबारी खत्म होती है, सभी पाचो जवान बोलते बोलते एकाएक रुक जाते है,और गुफा की तरफ देखते है।

और फिर क्या था, सब फिर से उसी लडकी के लाश के सामने आ जाते है, इसबार लड़की के लाश को देखते ही सभी उस जगह से भागने लगते है।

जिसके बाद उन सभी को उनके सामने वही लड़की आ जाती है खून से लथपथ ओर डरावनी चेहरे के साथ सामने से भाग कर आ रहे एक जवान का गला एक हाथ से पकड़ कर अपने दूसरे हाथ से उसका शरीर फाड़ देती है, जिसे देखकर जिंदा बचे सभी 4 जवान भागते है,लेकिन तभी एक जवान रुक जाता है,जिसके बाद भाग रहे सभी जवान रुक जाते है और पीछे जाकर वो उस  लड़की पर गोली चालाता है, जिसके लगते ही, वो चुड़ैल उस जवान की तरफ देखती है, और मासूम चेहरा बना कर बोलती है, बचा लो मुझे! बोलकर गोली चलाने वाले  जवान के शरीर को भी फाड़ देती है।

जिसके बाद सभी बचे 3 जवान फिर से उसी नक्सली के लाश के पास आ जाते है, लेकिन इस बार फिर से सबकी लाश होती तो है लेकिन उस लड़की की नही होती है।

थोड़ी देर के बाद फिर से वो सभी उसी जगह आ जाते है जिसके आगे वही 7 जवान गुफा की ओर जा रहे थे।

इसपर वो सभी समझ जाते है कि उन्हें जाकर उस लड़की को बचाना है, लेकिन उनकी आवाज से ।

आगे जा रहे उन जवानों में से एक जवान पीछे घूमता है, लेकिन हमेशा की तरह फिर आगे चला जाता है।

इसबार बचे 3 जवान गुफा के बाहर से ही उस लड़की को बैठे हुए देखते है, और निशाना भी लगाते है, और अंदर चल रहे 7 जावन और 2 नक्सलियों की गोलीबारी में जैसे ही बाहर के 3 जवानों को आखिरी नक्सली दिखता है वो उसे मारते भी है जिससे वो घायल हो जाता है, और जब वो नक्सली गुफा के अंदर घुसे जवानों को मारता है तो बीच मे वही लड़की बैठी थी जिसके वजह से वो नक्सली उस लड़की को मार देता है।

जैसे पहले नक्सली के गोली के सामने लड़की आ गई थी उसी तरह अबकी बार इन 3 सैनिकों के गोली के सामने वो लड़की आ गई थी।

इसलिए ये 3 जवान गोली नही चलाते नक्सली को मारने के लिय।

लेकिन फिर से वो लड़की को नक्सली मार देता है। और फिर से वो सभी इस गुफा में आ जाते है। इस बार फिर से उस लड़की की लाश वहाँ पड़ी हुई थी और सभी इस बार समझ जाते है कि लड़की को बचाने के लिए उन्हें 3 जवानों को अपने ही पहले वाले 7 जवानों से लड़ना पड़ेगा।

लेकिन इस बार कोई गुफा के अंडर नही जाता, क्योंकि उन्हें लगता है कुछ देर बाद वो लोग उस जगह पर पहुंच जाएंगे।लेकिन एक जवान बोलता है नही हमे फिर से आगे जाकर आना होगा नही तो हम नही पहुंच पाएंगे।

जाए ना जाये ये सभी बातें कर ही रहे थे कि तभी वो चुड़ैल खड़ी हो जाती है जिसके बाद सभी भागने लगते है,और इसी बीच वो चुड़ैल एक और जवान को मार देती है।

फिर से भाग कर बचे 2 जवान वही पहुँच जाते है,जहाँ सभी लाशें थी लेकिन लड़की की नही थी।

फिर थोड़ी देर के बाद वो लोग उसी जगह गुफा के बाहर पहुच जाते है, इसबार वो दोनों  सैनिक समझ जाते है, की अगर लड़की को नही बचाया तो हम दोनों मारे जाएंगे, और वो एक प्लान बनाते है।

फिर से गुफा की तरफ जा रहे 7 जवान में से एक जवान जैसे ही पीछे पलटता है वैसे ही उसे खुद का ही दूसरा सैनिक दिखता है। 

वो सैनिक पीछे देखता रह जाता है, तभी उसके बाकी के जवान बोलते है चलो आगे बढ़ो गुफा की तरफ चलो। वो अपने बाकी के 6 सैनिकों को बताता है कि पीछे उसने खुद को देखा है।

जिसपर सब कहते है,क्या बोल रहा है,खुद को कैसे देखा होगा।

फिर पहले के 7 जवान में से 4 जवान पीछे की तरफ जाते है, और बचे हुए 2 जवान में से एक जवान उन चारों पर फायरिंग करता है, जिसमें उस 1 जवान को गोली लग जाती है, ठीक वैसा ही जख्म इन 7 जवानों के उसी जवान को हो जाता है। हैरान की बात तो के थी कि उसने तो अब तक पलटवार किया ही नही था। और वो गोलीबारी के उल्टे दिशा में था, मतलब गोली उसके पीठ के तरफ से लगनी चाहिए थी ना कि पेट की तरफ से।  जिसपर वो चारो जवान अपने बचे हुए 3 जवान को पोजीशन लेने के लिए कहते है। क्योंकि उन्हें लगता है,और नक्सली आ गए है और वो अब दोनों तरफ से अब फस गए है।

जैसे ही बाकी के 3 जवान जंगल की तरफ आकर अपना पोजीशन लेते है,वैसे ही पहले वाला 1 जवान उस गुफा में चला जाता है, और वहाँ 2 नक्सली जिंदा है, लेकिन उसे लगता है, की नक्सली उस लड़की के पीछे है, लेकिन चुकी वो 7 जवान अभी गुफा में घुसे ही नही थे, इसलिये अभी नक्सली उस लड़की के पीछे नही होते।

और जैसे ही वो जवान उस गुफा में घुसता है उसी के बगल में ही वो 2 नक्सली होते है, अंधाधुंध फायरिंग के शुरुवात हो जाती है और जवान एक नक्सली को मार देता है,और जवान के साथ आख़िरी नक्सली भी घायल हो जाता है।

वही दूसरी तरफ एक जवान अपने ही 7 जवानों से लड़ रहा था, लेकिन गोली आ रही है, उसे चलाने वाला कौन है वो उन सातों जवानों में से सिर्फ वही देख पा रहा था, जो वो खुद था।

बाकी के 6 जवान को कुछ नही समझ रहा था कि गोली आ तो रही है लेकिन कहाँ से, क्योंकि उन 6 को कुछ नही दिख रहा था। लेकिन फायरिंग में वो जवान मारा जाता है, क्योंकि भले वो बाकी के के 6 जवानों को दिख नही रहा था लेकिन उनकी गोली उसको लग रही थी।

उस जवान के मरते ही, उनके 7 जवान में से वही सेम जवान मर जाता है, लेकिन गोली इसको कैसे लगी ये किसी को समझ नही रहा था।

और उन 7 जवानों में से एक वही जवान  मर जाता है, और वही   2 जवानो में से 1 वही जवान भी मारा जाता है।

अब जो आखिरी जवान गुफा में था उसकी और नक्सलियो के बीच गोलीबारी में आखिरी जवान बुरी तरह से घायल हो जाता है। और आखिरी जवान के गोली और उस नक्सली के गोली के बीच वो लड़की इस तरह से बैठी थी कि कोई एक दूसरे पर निशाना नही लगा पा रहे थे। 

वही वो 6 जवान देखते है कि अब कही से गोलियां नही चल रही है।

वो थोड़ा खुद को पेड़ से बाहर आते है लेकिन कही से गोली नही चलती। धीरे धीरे वो सभी गुफा की तरफ बढ़ रहे थे।

नक्सली इस बार फिर से उस लड़की को मारने के लिए बंदूक उठाता है, तभी वो चुड़ैल लड़की उस आखिरी सैनिक को अपना मासूम चेहरा दिखाकर बोलती है। बचा लो मुझे।।।।



The end.........

                                     (Ending सिन)

कुछ समय के बाद वहाँ जवानों और पुलिस की टुकड़ी अपने इन 7 जवानों को खोजने आते है।

लेकिन उन्हें वहाँ सिर्फ एक ही जवान मिलता है।

और जीसस का दर्शन करने आये 7 लोगो की लाशे मिलती है।

और वहाँ वो गुफा भी नही था, ना ही उन्हें नक्सली मिले और ना ही 6 जवान

(पोस्टमार्टम में उन्हें मालूम पड़ता है कि उस जवान की मौत सेना की गोलियों से हुआ है।)



अगर आपको ये कहानी अच्छी लगी और इस कहानी  का पार्ट 2 चाहिए तो कमेंट जरूर करे।


    


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