मॉर्निंग वॉक
मॉर्निंग वॉक
रोज़ की तरह आज भी जब दूध वाले ने घण्टी बजाई, रोहिणी जी ने ही दरवाजा खोला, बहू, बेटे पोते सब सोए थे, उनने दूध लिया, गर्म करते करते अपनी चाय बनाई, और बालकनी में बैठ कर पीने लगीं, देखा तो सोसाइटी के गार्डन में कई लोग एक्सरसाइज कर रहे थे, कुछ मॉर्निंग वॉक तो कुछ ध्यान लगाये बैठे थे, पक्षियों का कलरव , हरी हरी घास, सब कुछ बहुत ही प्यारा था, उनने भी तय कर लिया कि कल से वो भी जाएंगी, दिन भर घर में बोर ही तो होती हैं,
जब फरमान सुनाया बहू को तो सब झल्ला गए, "अरे माँ कहां जाओगी सुबह सुबह, दूध कौन लेगा?मैं सुबह नहीं उठ सकती माँ"बहू ने बोला,
झट से उन्होंने उत्तर दिया "सोच लो बहू, या तो सुबह उठ कर दूध, चाय का काम कर लो या फिर सब का टिफिन कल से तुम बनाना, मैं मंदिर चली जाया करूँगी, "
सुन कर तो बहू के चेहरे पर सन्नाटा उतर आया, और वो मन ही मन कल से मॉर्निंग वॉक पर जाने की तैयारी करने लगीं।