मोनोलॉग
मोनोलॉग


"क्या? कौन सी हद है मेरी,जरा बताओगे?और मेरी हद को तय करने वाले तुम कौन हो?
हम दोनो एक ही कॉलेज में साथ साथ पढ़े है। जिस IIT में तुम थे उसी में मैं भी थी।जिस IIM से तुमने pass out किया है उससे मैंने भी किया है।और तो और मेरा स्कोर तुमसे अच्छा था।क्या तुम भूल गए हो,या याद नही करना चाहते? आज तुम्हारे बराबर की मेरी पोजीशन और तनख्वाह है।और तुम मेरी हद बता रहे हो मुझे?
तुम ही तो थे जो मेरे पीछे पड़े थे IIT में।और मेरे लिए चाँद तारे तोड़कर लाने की बातें करते थकते नही थे।अब शादी के बाद तुम मुझे मेरी हद बता रहे हो?
DINC वाली बात तुम्हारे कारण मैंने मानी थी। तुम खुद जब तब आँख मारते हुए मुझे कहते थे हम दोनों 'डबल इनकम नो चाइल्ड' वाले कपल की तरह रहेंगे जिनका रोमांस कभी भी खत्म नही होगा।
औऱ आज मैं जब उम्र के पाँचवे दशक मे कदम रखने जा रही हुँ तब तुम बच्चे की बात करते हुए मुझ पर तंज कस रहे हो की औरत को सिर्फ इंटेलीजेंट होना ही काफी नहीं होता है बल्कि उसके पास माँ होने की शक्ति भी चाहिए होती है।
मुझे तब ही समझ जाना चाहिए था जब मैंने तुम्हें तुम्हारी प्रोजेक्ट फेलो के साथ तुम्हारे केबिन में देख लिया था।मुझे देखते ही वह प्रोजेक्ट फेलो कपड़े ठीक करते हुए केबिन से निकल गयी थी और तुम मेरे से नजरें चुराने लगे थे।
सही कहते हो तुम।हम औरतें दिलों के फैसलों को मानती है।और तुम मर्दों की जात दिलों के फ़ासले की।
क्यों तुम मर्दों के दिमाग की वायरिंग ऐसे होती है?"