ममता की छाँव में
ममता की छाँव में
मैं दिल्ली में रहता हूँ और मेंरा अपना बिज़नेस है। मेंरे दो बच्चे हैं एक लड़का और एक लड़की। बचपन से ही मुझे जानवरों से बहुत लगाव है। हम लोग अक्सर भारत में अलग अलग जगह में जंगल सफारी के लिए जाते रहते हैं। ज्यादातर इन सफारी में पक्षी,सांबर या हिरन ही ज्यादा तादाद में दिखते हैं। कभी कभार टाइगर या हाथी भी काफी दूर से देखने को मिल जाता है।
इस बार हमने अफ्रीका में जंगल सफारी का प्लान बनाया। सुना था के वहां पर भिन्न भिन्न तरह के जानवर बहुत तादाद में देखने को मिल जाते हैं। मैं, मेंरी पत्नी और बेटा-बेटी जंगल सफारी से पहले ही काफी उत्साहित थे।
हमें एक ओपन जीप में बैठा दिया गया। हमारे साथ एक गार्ड भी गन लेकर चल रहा था। जंगल में हमें बहुत तरह के जानवर देखने को मिल रहे थे और हम सब बहुत खुश थे। थोड़ी आगे जाने पर एक जगह ड्राइवर ने जीप रोक दी। हमारे सामने ही कुछ १०० मीटर की दूरी पर एक हाथी की तरफ इशारा करके हमें दिखाने लगा। हमने देखा एक हथिनी अपने एक बहुत छोटे बच्चे के साथ जा रही है। वो अपनी सूंड अपने बचे की सूंड में फंसा रही थी। मैंने अपने बेटे को कहा कि देखो हथिनी अपनी सूंड से खींच कर अपने बच्चे को चलना सीखा रही है। तो उसने कहा कि नहीं पापा ये तो अपने बेटे को प्यार कर रही है।
इतने में हथिनी की नजर भी हमारी जीप पर पड गयी और वो थोड़ा भयभीत हो गयी। शायद उस को अपने बच्चे की सुरक्षा का ख्याल था और वो हमें बच्चे के लिए खतरा मान रही थी। उसने सूंड ऊपर उठा कर जोर जोर से चिंघाड़ना शुरू कर दिया। एक बार तो ऐसा लगा के वो गार्ड की बंदूक की परवाह न करके हम पर धावा बोल देगी पर इतने में ही ड्राइवर ने जीप थोड़ी पीछे ले ली और हथिनी भी शांत होकर अपने बच्चे के साथ दूर चली गयी। हमारी भी जान में जान आई।
रास्ते में आते आते बारिश शुरू हो गयी और हमने अपनी गाडी एक शेड में लगा ली।
तभी मेंरी नजर सामने वाले एक पेड़ पर पड़ी। मैंने देखा एक पक्षी अपने पंख फैलाये अपने घोंसले को ढकने की कोशिश कर रहा है। शायद एक माँ अपने बच्चों को बारिश से बचाने की कोशिश कर रही थी।
हम सब अब काफी थक चुके थे। बारिश बंद होने पर हम बहार की तरफ चल दिए। रास्ते में एक जगह हिरन का बच्चा अपनी माँ के साथ सट के बैठा हुआ था। शायद वो बारिश में भीग गया था।
बारिश के कारण थोड़ी ठण्ड हो गयी थी और बच्चों को नींद भी आ रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने देखा के मेंरी पत्नी ने अपनी शाल दोनों बच्चों को ओढ़ा दी है और दोनों बच्चों को अपने अगल बगल सटा के सुलाया हुआ है ताकि उन्हें ठण्ड न लगे।
मैं ये सोच रहा था के माँ की ममता हर जगह एक सी होती है ,चाहे वो इंसान हो या जानवर।