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Anshu sharma

Tragedy Inspirational

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Anshu sharma

Tragedy Inspirational

बेबसी

बेबसी

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सुबह जल्दी उठ गई श्यामा, जल्दी से नहायी, पूजा की और सब्जी बनाने रख दी और रोटी बनाने लगी। कमर जवाब दे रही थी। पर अभी मजदूरी के लिए निकलना था। दिन भर काम के लिए जाना होता सड़क किनारे बैठ जाते सब। ठेकेदार आते और जहां मजदूरी का काम मिलता पति के साथ चली जाती दिन भर काम करती, थकान से शरीर टूटता पर दिन के जो रूपये हाथ में आते। तो थकान भूल जाती। 

रात को घर पहुंचते फिर खाना बनाती प्यार से खिलाती। कभी पति के पैरों पर तेल लगाती। अपने पैर, कमर का दर्द याद आता तो नजर अंदाज़ करती। सुबह फिर वही आस लिए चल देती कि काम मिलेगा। पति और बच्चों के सामने अपनी थकान दुख तकलीफ़ भूल जाती।

श्यामा का जीवन हर नारी की कहानी ।अपने दुख परिवार के सामने भूल जाती है। ये नारी


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