"मीनू की शादी " Prompt 6
"मीनू की शादी " Prompt 6
"मीनू की शादी " शीर्षक पढ़कर आप यह कहानी पढ़ने का प्लान कैंसिल मत कर दीजियेगा। यह शादी "चमेली की शादी " से भी ज्यादा हैपनिंग और एकता कपूर के सीरियल से भी ज्यादा ड्रामेटिक थी। मीनू की शादी के लिए शुभ मुहूर्त आखा तीज का निकला था। और आप सभी को पता ही है कि कोरोना संकट के कारण कितने ही लोगों के मुँह में शादी का लड्डू जाते -जाते रह गया, कितनों के ही दिल के अरमान दिल में ही रह गए । मीनू के भी शादी को लेकर देखे गए सपने चकनाचूर हुए, कहाँ उसे प्री -वेडिंग, पोस्ट-वेडिंग और न जाने कौनसे -कौनसे फोटो शूट करवाने थे और कहाँ मोबाइल कैमरा से ही काम चलाना पड़ा। कहाँ मीनू स्मोकिंग, आँखों को हाईलाइट कभी लिप्स को हाईलाइट वाला मेक अप करवाना चाहती थी, कहाँ मास्क पहने हुए फेरे लेने पड़े। बेचारी मीनू को तो हनीमून तक पर मास्क पहने ही जाना पड़ा था।
अब आप सोचोगे, जब शादी को लेकर इतने ही ख़्वाब बना रखे थे, तो मीनू लॉक डाउन के बाद ही शादी कर लेती, कोरोना संकट के टल जाने तक का इंतज़ार ही कर लेती। शादी का मीठा लड्डू इतने से दिन में फीका थोड़े न हो जाता। इंतज़ार ही तो नहीं कर सकती थी, नहीं तो फीका -मीठा छोड़ो, लड्डू ही शायद हाथ से निकल जाता। इतनी मुश्किलों से घरवाले इस शादी के लिए तैयार जो हुए थे।
हमारी मीनू,चमेली से कम थोड़ी न थी। जिस अविनाश से इश्क़ किया था, उसी से तो शादी करनी थी। मीनू का इश्क़ भी मीनू जैसा ही ड्रामेटिक था। रोज ब्रेक अप होता था और रोज़ ही पैच अप होता था। अविनाश और मीनू तो शादी से पहले ही शादी शुदा जोड़ों जैसे झगड़ते रहते थे। ऐसे ही एक दिन झगड़े में मीनू ने अविनाश से सारे रिश्ते नाते तोड़ लिए थे। मीनू ने सोचा था कि अविनाश उसे मनाने आएगा, अविनाश ने सोचा यह तो हमारे रोज़ का ही काम है, अपना काम -धंधा छोड़कर उसे क्या मनाने जाऊं।
लेकिन इस बार मीनू ने गुस्से में घरवालों की पसंद के एक लड़के से शादी के लिए हाँ भर दी। उधर घरवालों को अविनाश के बारे में पता तो था ही और अविनाश मीनू के घरवालों को फूटी आँख नहीं सुहाता था, तो उन्होंने भी मौका हाथ से न निकल जाए यह सोचकर जल्द -से -जल्द मीनू की सगाई इस लड़के पंकज से कर दी। यह पंकज महाशय मीनू पर बुरी तरह लट्टू थे। मीनू ने आनन फानन में सगाई कर ली, उधर जब अविनाश को मीनू द्वारा फैलाये जा रहे रायते का पता चला तो, उसने सगाई से पहले मीनू को समझाने और मनाने की कोशिश भी की, लेकिन मीनू जी ने तो सगाई करके ही दम लिया।मीनू जी भी तो सलमान भाई कि बड़ी फैन जो ठहरी। एक बार कमिटमेंट कर लिया तो फिर अपने आप की भी नहीं सुनती थी।
मीनू ने पंकज को भी अविनाश के बारे में बता भी दिया था, मीनू ने यह भी बता दिया था कि वे दोनों भावनात्मक ही नहीं शारीरिक रूप से भी एक दूसरे के बड़े नजदीक थे। लेकिन मीनू की सुंदरता पर फ़िदा पंकज को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा। वैसे भी उस जैसे लंगूर को तो बैठे -बिठाये अंगूर जो मिल रहा था। उधर सगाई के बाद मीनू को फिर से एहसास हुआ कि उसे प्यार तो केवल अविनाश से ही है। उसने तो केवल अविनाश को जलाने के लिए सगाई का झूठा नाटक करने की कोशिश की थी। लेकिन सब कुछ इतनी जल्दबाज़ी में हुआ कि झूठ, सच बन गया। उसका पासा उसी पर उल्टा पड़ गया था।
इसी बीच मीनू के घरवालों को भी पता चला कि पंकज तो बेरोज़गार था, उसने अपनी नौकरी के बारे में भी झूठ बोला था। सगाई में आदान -प्रदान किये गए उपहारों को लेकर भी पंकज के घरवालों ने मीनू के घरवालों को खरी -खोटी सुनाई थी। जैसे ही मीनू के घरवालों ने सगाई तोड़ने की बात की; मीनू को तो मनचाही मुराद मिल गयी। पंकज ने मीनू को बार -बार अपने प्यार का वास्ता दिया और सगाई टूटने पर रोने धोने का तमाशा भी किया, लेकिन सगाई को तो टूटना ही था, पंकज और मीनू तो एक दूसरे के लिए बने ही नहीं थे। उधर पंकज सगाई टूटने के बाद भी लगातार मीनू को मैसेज करता रहता था; उसे उम्मीद थी कि शायद मीनू का मन फिर बदल जाए । फाइनली मीनू ने पंकज को पुलिस के पास जाने की धमकी दी और अपना मोबाइल नंबर भी बदला, तब जाकर उसका उस पंकज से पीछा छूटा।
अब मीनू ने वापस अविनाश से पैच अप कर लिया। अब दोनों ने इस रोज़-रोज़ के ब्रेक अप और पैच अप के नाटक को समाप्त करने के लिए शादी जल्द से जल्द करने का निर्णय लिया। दोनों ने जैसे तैसे अपने -अपने घरवालों को मना ही लिया। मीनू पर तो एक सगाई टूटने का समाज की नजरों में दाग लग ही चुका था तो उसके घरवाले थोड़े प्रयासों में ही मान गए थे।
अब शादी से पहले ही लॉक डाउन हो गया था। मीनू और अविनाश और ड्रामा नहीं चाहते थे, इसलिए शादी तो लॉक डाउन में ही करनी थी। लेकिन ड्रामा तो होना ही था। मीनू पर लट्टू, मीनू के पूर्व मंगेतर पंकज जी बिना बुलाये शादी में आ गए। वह अकेले नहीं आये, अपने साथ कुछ बाराती भी लाये जो कि अपने क्षेत्र के छंटे हुए गुण्डे बदमाश थे। अब लॉक डाउन तो में सब खाली ही बैठे थे तो मजे -मजे में बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाने आ भी गए। बड़ी मुश्किल से समझाइश के बाद उन बिन बुलाये मेहमानों को भेजा गया। और मीनू की शादी अविनाश के साथ संपन्न हुई और ड्रामेटिक मीनू नए ड्रामे का हिस्सा बनने के लिए चली गयी।

