मेरी मम्मा को नहीं आपको शर्मिंदा होना चाहिए !
मेरी मम्मा को नहीं आपको शर्मिंदा होना चाहिए !
"इसे ज़रा भी शर्म नहीं है। अपनी उम्र का तो लिहाज करना चाहिए" एक ने कहा।
"अच्छा है, अभी तक रेहान की शादी नहीं हुई, नहीं तो इसकी बहू तो मारे शर्म से ही मर जाती" दूसरी ने कहा।
"लगता है, इसकी जवानी अभी तक गयी नहीं" किसी ने दबी जुबान में कहा।
"बूढ़ी घोड़ी, लाल लगाम" किसी ने फब्ती कसी।
"आगे से इसे किसी भी फैमिली फंक्शन में बुलाने से पहले चार बार सोचना पड़ेगा" किसी ने बिना मांगे सलाह दे डाली।
24 वर्षीय रेहान की 50 वर्षीय मम्मी सीमा के ऊपर छींटाकशी की जा रही थी। सीमा और रेहान सीमा के भाई के बेटे की सगाई में सम्मिलित होने आये थे, सभी लोग लड़की वालों के आने का इंतज़ार कर रहे थे। उसी बीच नज़दीकी रिश्तेदारों ने सीमा पर फिकरे कसने शुरू कर दिए थे। रेहान के पापा अपनी जरूरी मीटिंग के कारण फंक्शन में नहीं आ पाए थे, शहर से बाहर टूर पर गए थे।
रेहान के कानों तक भी यह बातें पहुँच रही थी, लेकिन रेहान उन पर ध्यान नहीं दे रहा था। लेकिन तब ही रेहान ने देखा कि उसकी मम्मा एकदम से उठकर वहां से बाहर चली गयी थी। रेहान भी उठकर अपनी मम्मा के पीछे -पीछे गया। उसने देखा कि बाहर निकलते हुए उसकी मम्मा अपने आंसू पोंछ रही थी।
"क्या हुआ मम्मा ?" रेहान ने पूछा।
"कुछ नहीं, बस घर चलो" सीमा ने अपने आंसू भरसक छुपाने की कोशिश करते हुए कहा।
"मम्मा, क्या हुआ? अभी सगाई तो हुई भी नहीं। आप बताओ तो सही" रेहान ने पूछा।
"कुछ नहीं, कहा न चलो। मुझे अपनी तबियत कुछ खराब लग रही है। ", सीमा ने चिल्लाते हुए कहा।
रेहान समझ गया था कि, मम्मा पर की गयी छींटाकशी के कारण, मम्मा यहाँ रुकना नहीं चाहती। एक बार तो उसने सोचा कि अभी की अभी जाकर फ़ालतू की बातें करने वाली रिश्तेदारों को कड़ा जवाब दे आऊं, लेकिन फिर मौके की नज़ाकत भांपकर वह चुपचाप अपनी मम्मी को लेकर घर की तरफ चल पड़ा।
वह अपने कजिन की सगाई में खलल नहीं डालना चाहता था। दूसरा कुछ औरतों की घटिया सोच की सजा उसके कजिन और कजिन की होने वाली मंगेतर को देना उसे ठीक नहीं लगा था।
घर पहुँचते ही सीमा बिना कुछ कहे सीधा अपने कमरे में चली गयी थी। रेहान भी चुपचाप अपने कमरे में चला गया था।
कपड़े बदलकर रेहान अपने बिस्तर पर लेट गया था। लेकिन रेहान सो नहीं पा रहा था। उसकी आँखों के आगे बार -बार उसकी मम्मा का उदास चेहरा आ रहा था। मम्मा ने किया ही क्या था ? एक रेड लिपस्टिक ही तो लगाई थी। उसके लिए उन्हें इतना अपमानित किया गया। मम्मा ने कैसे गाडी में बैठते ही, सबसे पहले अपनी लिपस्टिक पोंछी थी, मानो रेड लिपस्टिक लगाकर सही में उन्होंने कोई गलती की हो।
मम्मा किसी भी कलर की लिपस्टिक लगाए, इससे किसी को क्या फर्क पड़ता है और क्यों पड़े ?क्या उम्र बढ़ने पर इंसान को जीना छोड़ देना चाहिए। क्या माँ बनने के बाद स्त्री को अपना स्त्रीत्व भूल जाना चाहिए। मम्मा को नहीं ऐसे लोगों को अपनी घटिया सोच पर शर्मिंदा होना चाहिए।
मैं मम्मा को दूसरों के नज़रिये अनुसार खुद को गुनहगार नहीं मानने दूंगा। मुझे मम्मा को बताना ही होगा कि मम्मा सही हैं,उन्हें अपनी इच्छाओं को कुचलने की कोई जरूरत नहीं है। हर बार बेटी, माँ, बहिन, पत्नी और सारी नारी जाति ही अपनी इच्छाओं को इस डरे हुए और खुद को असुरक्षित महसूस करने वाले समाज के लिए क्यों कुचले।
रेहान ने अपने होंठो पर रेड लिपस्टिक लगाई और अपनी एक सेल्फी खेंचकर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। साथ ही उसने अपने सभी रिश्तेदारों को टैग भी कर दिया। उसने फोटो के साथ एक सन्देश भी डाला, " आप सभी जल्दी से स्वस्थ हों जाएँ। आपको आपकी बीमार मानसिकता से मुक्ति मिले। मैं लाल लिपस्टिक लगाए हुए एक पुरुष हूँ, जो उन सभी माताओं, बहनों, बेटियों, गैर-पुरुषों और ट्रांसजेंडर के लिए खड़ा हूँ, जिन्हें इस असुरक्षित समाज की विषाक्तता के कारण अपनी इच्छाओं को दबाना पड़ा है। लिपस्टिक मेरी मर्दानगी पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगा सकती। लेकिन अगर आज मैं अपनी माँ के लिए नहीं खड़ा हुआ तो, जरूर नामर्द कहा जाऊँगा। "
"रेहान, बेटा उठो। ", सीमा ने सुबह -सुबह रेहान को उठाया।
"क्या हुआ मम्मा ?", रेहान ने आँखें मलते हुए पूछा।
"तुमने क्या किया ? आज सुबह से ही रिश्तेदारों का फ़ोन आ रहा है और सब मुझसे माफ़ी मांग रहे थे" सीमा ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा।
रेहान ने अपनी मम्मी को अपनी फोटो और सन्देश दिखाते हुए कहा, " मम्मा, अब आपको अपनी ख्वाहिशें दबाने की कोई ज़रुरत नहीं। "
"रेहान, तुम सही में He for She हो। आज मुझे तुम्हारी माँ होने पर गर्व है।" सीमा ने कहा।
