मेरी ज़मीं मेरे आसमां
मेरी ज़मीं मेरे आसमां
"तुम बिन मैं कुछ नहीं"
तुम ही हो मेरे आसमां
तुम ही हो मेरी जमी
मेरे प्यारे मां पापा ...
दुनिया इंसान के बनाए हुए मंदिरों में जाती है और अनदेखे हुए भगवान को पूजती है पर मेरी जिंदगी में तो मेरे भगवान आप ही हो।
जब से मैंने होश संभाला पल पल आपको अपने लिए संघर्ष करते हुए पाया सुबह से लेकर शाम तक सिर्फ और सिर्फ हर पल आपका अपने बच्चों के नाम था ।
जब मैं छोटी थी मेरी राइटिंग सुधरवाना ,एक एक अक्षर सौ सौ बार लिखवाना ...जब तक वह पूर्णतया सुंदर ना हो जाए कितनी सुंदर राइटिंग थी मेरी बचपन में और मुझे बेस्ट राइटिंग का अवार्ड भी मिला था वह आपकी ही मेहनत का फल तो था पापा...
जब लोग आपसे कहते कि... आपके दो दो बेटियां हैं आपने बेटे के विषय में नहीं सोचा???
और आप दोनों गर्व से कहते कि मेरी बेटियां ही 100 बेटों के बराबर है हमारी बेटी ही हमारे कुल और खानदान का नाम रोशन करेगी । आपके इस कथन में मेरे उज्जवल भविष्य की चमक... मेरे हौसलों को सदैव उड़ान देती थी।
हर एक पल कैसे संवारने में लगे रहते
थे आप दोनों ..... मुझे आज भी याद है मां मुझे रसोई का कोई काम नहीं करने देती थी और आप थोड़ा थोड़ा वक्त चुराकर मुझे घंटों रियाज करवाते।और जब सितार बजाते बजाते मेरी उंगलियां कट जाती तो प्यार से मेरी कटी हुई उंगलियों पर टेप लगाकर जब आप उत्साह से भर के बोलते कि बहुत अच्छा और प्रयास करो...... आपके द्वारा बोले गए शब्द मुझे कितनी ऊर्जा से भर जाते
तथा मेरा मन अनंत उत्साह से भर जाता।
आप दोनों के बगैर तो मैं कुछ भी नहीं
आज मैं जो कुछ भी हूं और जैसी भी हूं मुझे गढ़ने में पूरा श्रेय मेरे मां पापा को जाता है...
आपकी प्यारी बेटी
अनिका
अपनी बेटी का यह पत्र पढ़कर रागिनी और नीलेश की आंखों से अविरल आंसू बह निकले मन कितना तड़प उठा था बेटी को ह्रदय से लगाने के लिए ।पर वह तो सात समंदर पार गई थी अपने सपनों को पंख देने .....
जब उसकी पहली प्रस्तुति को नीलेश के द्वारा फेसबुक पर डाले गए वीडियो को देखकर हॉलैंड से उसके प्रोग्राम के लिए बुलावा आ गया था और वह चल पड़ी थी। अपने कुल और खानदान का नाम रोशन करने......।