मेरी बिटिया रानी
मेरी बिटिया रानी
हाँ मेरी बिटिया रानी मेरे जीवन का सार सबकुछ है, मेरी बिटिया को मैं ने पैदा तो नहीं किया पर हमारी पैदा की हुयी बेटी से भी अजीज बहुत अजीज। बस आप लोग यह समझ लें कि हमारे जीने का सहारा, हाँ हमारे जीने का सहारा। उसकी हमारी मुलाकात एक बहुत ही काले दिनो में हुआ मेरा धंधा पानी सब बंद होने के कगार पर था, और मैं अपनी कामवाली के साथ पहुँच गयी और उसने हमारी मदद भी की। सोचती हूँ कौन आज कल के समय किसी की मदद करता है। पर हाँ मदद की फिर धीरे धीरे कब हम आंटी से माँ बन गये पता ही ना चला, पर हाँ बन गये और हमने अपनी अजीज बेटी का नाम दिया लडडू हाँ लडडू वैसे उसका नाम है प्रीति।
सच बताउं उसके नाम का मतलब ही होता है,सबको चाहने वाला वह सबकी हर दिल अजीज है,सब लोग की चहेती है हमारी लडडू, लडडू इस 26साल की आयु में भी अपने पाँच भाई बहनों को पढ़ा लिखा रही है। अपना मकान भी बनवा लिया पर बिंदास जीती मेहनत करती और मिसाल है 20वीं सदी की हम सलाम करते है लडडू सरीखी बेटियों की और उनके हौसले को जो हमारा सहारा तो है ही अपने परिवार का सहारा भी हैं। कल अपने जीवन के किसी खास किरदार पर बात करेंगे।