STORYMIRROR

AVINASH KUMAR

Abstract Inspirational Children

4  

AVINASH KUMAR

Abstract Inspirational Children

मेरे पिता मेरे हीरो

मेरे पिता मेरे हीरो

2 mins
257

एक पिता ने अपने बेटे की बेहतरीन परवरिश की। बेटा एक सफल इंसान बना और एक मल्टीनेशनल कम्पनी का सी ई ओ बना। शादी हुई और एक सुन्दर सलीकेदार पत्नी उसे मिली।

बूढ़े हो चले पिता ने एक दिन शहर जाकर अपने बेटे से मिलने की सोचा। वह सीधे उसके ऑफिस गया। भव्य ऑफिस, ढेरों कर्मचारी, सब देख पिता गर्व से फूल गया।

बेटे के पर्सनल चेंबर में प्रवेश कर वह बेटे की चेयर के पीछे जाकर खड़ा हो गया और बेटे के कंधे पर हाँथ रखकर प्यार से पूछा---" इस दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान कौन है ? "

बेटे ने हँसते हुए जवाब दिया---" मेरे अलावा और कौन हो सकता है, पिताजी। "

पिता दुखी हो गया। उसने सोचा था कि, बेटा कहेगा कि, पिताजी सबसे शक्तिशाली आप हैं, जिन्होंने मुझे इतना शक्ति संपन्न बनाया।

पिता की आँखें भर आईं। चेंबर के द्वार से बाहर जाते हुए पिता ने मुड़कर बेटे से कहा---" क्या सच में तुम ही सर्वाधिक शक्तिशाली हो ? "

बेटा बोला---" नहीं पिताजी, मैं नहीं, आप हैं सर्वाधिक शक्तिशाली, जिसने मुझ जैसे को शक्ति संपन्न बना दिया। "

आश्चर्यचकित पिता ने कहा---" अभी अभी तुम शक्तिशाली थे और अब मुझे बता रहे हो। क्यों ? "

बेटा उन्हें अपने सामने बिठाते हुए बोला---" पिताजी उस समय आपका हाँथ मेरे कंधे पर था, तो जिस बेटे के कंधे या सर पर पिता का मजबूत हाँथ हो, वो तो दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान होगा ही। आप कहिए, क्या मैं सही नहीं ? "

पिता की आँखों से झर झर आँसू बह निकले। उन्होंने बेटे को गले लगा लिया और कहा---"तुम बिलकुल सही हो बेटा।"

पिता जी आप मेरे हीरो हो।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract