VIPIN KUMAR TYAGI

Inspirational

2  

VIPIN KUMAR TYAGI

Inspirational

मेरा पहला प्यार

मेरा पहला प्यार

2 mins
210


मेरा पहला प्यार बचपन के एक साथी के साथ था उसके साथ मैं पढ़ता था हम दोनों पास पास रहते थे पढ़ने साथ जाते थे स्कूल में भी एक ही कक्षा में पढ़ते थे जब तक हमें यह भी नहीं पता था कि प्यार क्या होता है तब से हम एक दूसरे के दोस्त थे एक दूसरे की सहायता करते थे बड़े होने पर हम दोनों कब एक दूसरे को प्यार करने लगे यह पता ही नहीं चला हम साथ पढ़ते रहे समय भी बीतता रहा कक्षा 12 तक हम एक साथ पढ़े फिर मैं उच्च शिक्षा के लिए शहर चला गया मेरे साथी ने उच्च शिक्षा के लिए प्राइवेट शिक्षा से करने का निर्णय लिया दोनों अलग अलग हो गए दोनों की मुलाकात सप्ताह भर में होने लगी उसके बाद जब मैंने उच्च शिक्षा प्राप्त कर ली तो मेरी नौकरी लग गई, लेकिन मेरे साथी की नौकरी नहीं लगी जिसके कारण हम दोनों अलग अलग हो गए फिर मुलाकात कभी कबार होने लगी लेकिन प्यार तो चलता रहा, लेकिन प्यार दिखावे के लिए नहीं था केवल मैं व मेरा दोस्त ही यह जानते थे अचानक मुझे एक दिन पता चला कि मेरे दोस्त की शादी तय हो गई उसके घर वालों ने उसकी शादी तय कर दी, हम दोनों को बड़ा झटका लगा लेकिन हम दोनों ने घरवालों की इच्छा को स्वीकार किया मैंने अपने दोस्त की इच्छा को भी स्वीकार किया फिर दोनों अपने अपने रास्ते तय करते गए उसके कुछ सालों बाद मेरी भी शादी तय हो गई शादी के बाद हम दोनों अलग-अलग अपने परिवारों को संभालते रहे, लेकिन प्यार हमेशा रहा। अब कभी भी जब हम याद करते हैं तो लगता है कि वह बीते दिनों की बात है लेकिन प्यार तो प्यार होता है और पहला प्यार बहुत ही अच्छा होता है यादों में होता है और सच्चा होता है इस कहानी से यह पता चलता है भले ही हम प्यार के मुकाम तक न पहुंचा पाए लेकिन सच्चा प्यार वास्तव में कुछ ही लोगों को मिलता है 



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational