Dinesh Uniyal

Abstract Crime Inspirational

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Dinesh Uniyal

Abstract Crime Inspirational

मेरा क्या कसूर

मेरा क्या कसूर

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रीना एक मध्यम परिवार की लड़की थी। जो अपने पिता देवीलाल मां शांति देवी और उसका एक छोटा भाई विजय सभी एक नगर गांधीपुर में रहते थे।रीना अपने स्कूल की पढ़ाई खत्म करके कॉलेज की पढ़ाई कर रही थी। वह एक सीधी- साधी, भोली- भाली लड़की थी। उसकी मां कहती, हमारी बेटी गऊ है। वह चाहती थी कि उसकी बेटी थोड़ा चंट चालाक बने। उसे कॉलेज से घर, घर से कॉलेज बस इतना ही पता था। वह पढ़ाई में बहुत तेज थी। एक बार जो सुन ले वह उसे याद रहता। कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी। वह बहुत अच्छे नंबरों से पास हो गई थी। अब वह जॉब कर पिताजी की जिम्मेदारियों में उनका हाथ बटाना चाहती थी। उसके पिताजी ने भी उसे इजाजत दे दी थी। वह बहुत खुश हो गई।

वह एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करने लगी। सब कुछ अच्छा चलने लगा। कंपनी में काम करते हुए एक महीना पूरा हो चुका था। आज उसकी पहली कमाई उसके हाथ लगी थी। आज वह मन ही मन बहुत खुश थी। उस पहली कमाई से उसने अपनी मां के लिए एक साड़ी, अपने पिता के लिए एक शर्ट और एक पेंट, अपने भाई के लिए एक जोड़ी कपड़ा लिया और खुशी-खुशी घर लौटी। वह मन ही मन सोच रही थी, बाकी बचे रुपए वह अपनी मां के हाथों में सौंप देगी। इससे मां बड़ी खुश हो जाएगी।

घर आकर उसने सबके गिफ्ट सबको दे दिया। मां पिताजी उसकी खुशी महसूस कर रही थे। पिताजी ने कहा, "सब के लिए तु कुछ ना कुछ ले आई, और तेरे खुद के लिए क्या लाई ?"इस पर वह हंसने लगे। "अभी मेरे पास बहुत ड्रेस है जब वह खत्म हो जाएंगे तब ले लूंगी" ऐसा रीना ने कहा।

एक दिन वह ऑफिस जा रही थी उसे थोड़ा लेट हो गया था इसलिए वह थोड़ा जल्दबाजी में जा रही थी, तभी उसकी टक्कर एक सड़क छाप रोमियो से हो जाती है। वह नीचे गिर जाती है। सड़क छाप रोमियो उसे हाथ देकर उठाने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाता है, पर वह स्वयं उठ जाती है। वह उसे सॉरी कहते हुए आगे बढ़ जाती है। वह रोमियो उसे जाते हुए देखता रहता है।

वह मन ही मन कहता है!! वाह !! क्या लड़की है?... उसका मन उसे अपना बनाने की सोचता है। अब वह हमेशा उस की राहों में नजरें गड़ाए बैठा रहता है। उसके दिखते ही उसके पीछे- पीछे चल कर उसके ऑफिस के गेट तक पहुंचता है। रीना इस बात से बेखबर थी। एक शाम वह जब ऑफिस से छूट कर घर जा रही थी। वह रोमियो उसके सामने पहुंच जाता है, अपने प्यार का इजहार कर रीना को पूछता है "तुम्हारा क्या ख्याल है, मेरे बारे में?" रीना उसे देखकर घबरा जाती है। वह उससे बचकर आगे निकल जाती है, और दौड़ कर अपने घर पहुंच जाती है।

वह घबराई हुई अंदर जाती है उसकी मां उससे पूछती है "क्या हुआ बेटी ? तुम इतना घबराई हुई क्यों हो ?" वह आंखें बंद करके एक लंबी सांस लेकर कहती है " कुछ नहीं मां, बस ऐसे ही।" वह बात टाल जाती है कि कहीं मां चिंतित ना हो जाए। वह पूरी रात उसी के बारे में सोचती है। वह अंदर ही अंदर भयभीत हो जाती है। क्या करूं? वह पिताजी से भी कुछ नहीं कह पाती।

अगले दिन जब वह ऑफिस जा रही होती है वह रोमियो उससेशादी का प्रपोजल रखता है। उसे वह धमकी देता है "यदि मुझसे शादी नहीं होगी तो मैं तेरी खूबसूरती बिगाड़ दूंगा ताकि फिर तेरी शादी किसी से ना हो शाम को मैं फिर आऊंगा मुझे शाम तक बता देना।"ऑफिस में बैठकर सोचती रहती है कि क्या करूं ? इस रोमियो से कैसे छुटकारा पाऊं?

उसके साथ काम करने वाली उसकी सहेली 'अंजू' उसे परेशान देखकर परेशानी का कारण पूछती है। रीना को ऐसे महसूस होता है जैसे किसी ने उसकी दुखती रग को छू दिया हो। वह फफक- फफक कर रो पड़ी।मंजू को सब कुछ बता देती है उसे पूछती है " मैं क्या करूं?" अंजू उसे कहती है "तू शाम को उसे मना कर देना, और हम जाकर उसकी शिकायत पुलिस में कर देंगे।" रीना "पुलिस में जाने पर बदनामी होगी, बात बढ़ेगी" कहती है उसकी सहेली उसे आश्वासन देती है। अब उसका मन कुछ हल्का हो जाता है।

शाम को व अंजू के साथ ही घर के लिए निकलती है ऑफिस से थोड़ी दूरी पर ही रोमियो उसके सामने आकर पूछता है " क्या सोचा मेरे बारे में ?" रीना उसे ना कह देती है। उसकी ना सुनकर रोमियो बोखला जाता है, उसे बहुत गुस्सा आता है, वह उसे उंगली दिखाते हुए उस समय वहां से चला जाता है। रीना घर आ जाती है आज उसे थोड़ी शांति रहती है। परवाह आने वाले खतरे से भी जानती थी वह नहीं जानती थी कि उसके ऊपर कितनी बड़ी विपत्ति आने वाली है जो उसकी पूरी जिंदगी तबाह कर देगी।

अगले दिन वह घर से ऑफिस के लिए निकलती है रास्ते में रोमियो बाइक पर सवार उसके आने का इंतजार कर रहा था।रीना को देख वह उसके नजदीक पहुंचता है। उसके हाथों में एक कांच की बोतल थी, जिसमें तेजाब भरा हुआ था । वह उसके पास पहुंचकर वह तेजाब उसके मुंह में फेंक कर भाग जाता है। यहां वह बुरी तरह चीख पड़ती है। उसका पूरा चेहरा तेजाब से झुलस जाता है। आसपास के लोग उसे उठाकर अस्पताल पहुंचा देते हैं। उसकी एक इंकार ने उसके आने वाली जिंदगी बर्बाद कर दी।

उसके ऊपर हमला हुआ, वह भी ऐसा वैसा नहीं बल्कि वह हमला जो जिस्म के साथ-साथ उसकी आत्मा को भी जला दे, शरीर का घाव तो कुछ समय बाद सही हो जाएगा पर उसका दर्द पूरी जिंदगी दर्द देता रहेगा।उसके माता-पिता को जब पता चला तो वे अस्पताल पहुंचते हैं उसके चेहरे में पट्टियां लगी थी अब वह पहले से ठीक थी पर दर्द से कराह रही थी उसकी मां उसे देखते ही रो पड़ी। पिताजी को भी बड़ा दुख हुआ।कुछ दिनों बाद उसकी पट्टी खुलनी थी। डॉक्टर उसे इस पल के लिए उसका मनोबल बढ़ा रहे थे। उसे धैर्य दे रहे थे।

आज उसकी पट्टीया खुल गई डॉक्टर ने उसे दर्पण दिखाने से पहले उसे समझा दिया था तुम्हें धीरज से काम लेना होगा। उसने जैसे ही दर्पण देखा उसके मुंह से भयंकर चीख निकल पड़ी। उसकी शक्ल बिगड़ चुकी थी। रीना उस दर्दनाक सुबह की एक भयानक कहानी बनकर रह गई थी। उसके पिता ने उसे समझाने की बहुत कोशिश कीउसने अपने पिता से कहा भगवान ने मुझे यह कैसी सजा दे दी इसमें मेरा क्या कसूर था? मेरा तो इतना ही कसूर था, कि मैंने एक आवारा लड़के को शादी करने से मना कर दिया था। उसने मेरे इस ना के बदले मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी। रीना उस दर्दनाक पल को याद कर बुरी तरह कांप गई थी।

पुलिस ने उस रोमियो को पकड़ लिया और उसे जेल हो गई। रीना के माता-पिता उसे घर ले आए। अब वह इस हादसे से उबरने की कोशिश करने लगी। पर जब भी आईना देखती, यह हादसा उसके जहन में याद बनकर रह गया । वह इस हादसे को भुला ही नहीं पा रही।


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