मेरा काम
मेरा काम
कहते हैं कर्म ही पूजा है, हमें अपने काम को खुशी खुशी आनंद लेकर करना चाहिए। इसी राह पर चलती मैं भी अपने काम को खुशी खुशी करती हूं भले ही वह मुझे नहीं करना था।
इस संसार में सभी अपने अपने काम ईमानदारी से करते है तभी हमारी अर्थव्यवस्था सुचारू रूप से चलती है, किसी का काम छोटा बड़ा नहीं होता, कर्मनिष्टता में सभी समान रूप से खड़े होंगे फिर चाहे वह घर की गृहणी हो, फैक्ट्री का मजदूर हो या फिर कंपनी का मालिक हो।
यूं तो मैं एक लेखिका हूं पर व्यवसाय से फार्मासिस्ट हूं जो दवाओं के डाक्टर कहलाता है। जो अपने काम के साथ जरा भी लापरवाही नहीं कर सकता, हमारी एक गलती लाखों जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। दवाइयों को बनाने का काम हमें बहुत सतर्कता से करना होता है, जिसमें एक गलती की गुंजाइश नहीं होती।
यूं तो बचपन से मेरा इंजीनियरिंग की तरफ रूझान था पर कुछ कारणों वश फार्मेसी करनी पड़ी और आज मैं अपने इस काम को एंजॉय करती हूं।