मेरी दोस्त

मेरी दोस्त

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हर किसी के जीवन में दोस्ती का रिश्ता खास होता है। हमारा दोस्त सिर्फ दोस्त नहीं होता है, वह हमारे सुख-दुख का साथी होता है, हमारे उन बातों का साथी होता है जिन्हें किसी से नहीं बता सकते, उसके साथ होने से कठिन से कठिन कामों में हिम्मत मिलती है। साथ हंसना, साथ रोना, डांट भी साथ पड़ती और शाबाशी भी साथ मिलती। हमारा बचपन दोस्ती का हसीन समय होता है, जब दोस्ती परवान चढ़ती है। बचपन की दोस्ती बड़े होते होते समय के साथ खोने लगती है, पर सच्चे दोस्त वहीं होते हैं जो अपनी दोस्त को नहीं भूलते और जिंदगी भर उनका साथ निभाते हैं।

  

मेरी जिंदगी में भी मेरे दोस्त अहम जगह रखतें हैं, जो मेरी खुशी और गम में मेरे साथ हैं। उनके साथ जिंदगी में रंग भर जाते है, जीने का अलग ही आनंद आता है। अपने दोस्तों का एक किस्सा याद आता है-

  

हमने यह लाइन तो जरूर पढ़ी सुनी होगी, 'मुसीबत में जो काम आए वहीं सच्चा मित्र होता है !!’


सही है, जो मुसीबत में हमारा साथ छोड़ दे वो हमारा दोस्त नहीं होता है, बल्कि जो मुसीबत पड़ने पर ढाल बनकर हमारे साथ खड़ा रहे वो ही हमारा सच्चा दोस्त होता है। इस बात का एहसास मुझे उस दिन हुआ, जब मैं बहुत दुखी थी और मेरी दोस्त ने मुझे खुश करने के लिए ना जाने क्या क्या किया।


बात कुछ ऐसी है, क्लास में मुझे बिना गलती के डांट पड़ी थी। हुआ यू था, मैम ने कल के लेसन के कुछ सवाल पूछे थे और मैं उस क्लास में अब्सेंट थी इसलिए उनका जवाब नहीं दे पाई और इस बात को लेकर उन्होंने पूरी क्लास के सामने डांटा।


क्लास की अच्छे स्टूडेंट्स में गिनी जाने वाली मैं, जब मुझे छोटी सी बात के लिए नालायक बच्चों की तरह डांट पड़ी तो पूरी क्लास मुझ पर हंस रही थी और मैं अपनी बेइज्जती बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैम के जाते ही मैं रोने लगी। मुझे रोते देख सभी मेरा मजाक उड़ाने लगे, जिन्हें अपना दोस्त समझती थी वो सब भी उनमें शामिल थे।


यह देखकर मैं क्लास से बाहर निकल गई और जीने पर बैठकर रोने लगी। थोड़ी देर में मेरी दोस्त मेरे पास आई और चुप कराती हुई बोली, 'दूसरो के हंसने पर क्यों रोती हो, जब तेरे साथ तेरी ये दोस्त है तो तुझे क्यों तकलीफ होती है। उन्हें तो रोज ही डांट पड़ती है, आज वो तुम पर हंस रहे हैं, कल हम दोनों उन पर हंसेंगे और जोर जोर से हंसेंगे !! हंसने दो जिसे हंसना है, वो चाहकर भी तेरी नहीं बन पाएंगे।’


उसने मुझे हंसाने के लिए ना जाने कहां कहां के जोक सुनाए और ना जाने क्या क्या बातें बताई। उसकी बातों से मेरा मूड बिल्कुल ठीक हो गया और मैं वापस क्लास में चली गई।


उस दिन मुझे एहसास हुआ कि एक सच्चा दोस्त आपके साथ हो तो, आप पूरी दुनिया से बहुत आसानी से लड़ सकते हैं।


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