मैं एक नारी हूँ
मैं एक नारी हूँ
बालकनी में बैठी हूं और अपने प्यारे से मनी प्लांट को देख रही हूं ऐसे तो मेरे बगीचे में बहुत सारे फूल पौधे हैं पर मैंने थोड़े से पेड़ पौधे बालकनी पर भी रख लिए हैं। मुझे हमेशा से पेड़ पौधे आकर्षित करते रहे है पेड़ों की छाँव की बात ही अलग है। वैसे मेरी बालकनी में तुलसी का पौधा एरिका पाम ,धनिया पुदीना के साथ छोटे छोटे फूलों के पौधे और मेरे चार, पांच मनी प्लांट हैं। मनी प्लांट मुझे बहुत खूबसूरत लगते हैं मुझसे लोग मज़ाक में कहते हैं कि आपने तो इतने सारे मनी प्लांट लगा रखे हैं आपके घर में तो फिर बैंक भी होना चाहिए बहुत मनी आती होगी। पर मैं ऐसा नही सोचती हूँ। मेरा मानना है मनी आए या ना आए पर घर में प्लांट तो जरूर होना चाहिए। मैं मनी प्लांट को खुद से जोड़ कर देखती हूँ। हमारी अपनी जिंदगी भी तो मनी प्लांट जैसी होती है कभी पानी में लगा दिया कभी मिट्टी में लगा दिया कभी धूप नहीं मिली तो कभी खुली हवा नहीं मिली। पर फिर भी जीते रहते हैं बिना शिकायत के कभी किसी से कोई शिकायत नहीं करते।
हां कभी प्यार की धूप ना मिली तो हम भी पीले पड़ जाते हैं ठीक इसी मनी प्लांट की पत्ती की तरह। पर किसी ने प्यार से कुछ कहा तो फिर लहलहा जाते हैं। फिर हम भूल जाते हैं कि की हमे क्या मिला है क्या छोड़कर आये है हम। जैसे ये मनी प्लान्ट भूल जाते हैं कि पानी में हैं या मिट्टी में लगे हैं बड़े खूबसूरत गमले में लगे हैं या छोटी सी कांच की बोतल में लगे हैं। कहीं भी लगा दो इनको जहाँ भी रख दो वही जी उठते है। किसी कोने में रख दो वह कोना जीवन से भर जाता है। ऐसे ही तो होती है हम औरतें जिस जगह भी रहती है उसको हरा-भरा और खूबसूरत बनाए बिना रह नहीं सकते। घर का हर कोना हम औरतों के बिना हमेशा अधूरा रहता है। पूरे घर की सजावट में एक हिस्सा मनी प्लांट का भी होता है। जिसको हम सभी सजावट के लिए लगाते हैं। वह हर उस कोने को जिंदगी दे देता है जहां पर वह रख दिया गया हो। वहीं पर वह हरियाली बिखेर देता है। मुस्कुराता हुआ पौधा मानो यह कह रहा हो कि इन महंगी चीजों से ज्यादा खूबसूरत मैं हूँ और वो कोना भी उसके साथ पर मुस्कुरा जाता है। और यह सोचकर मैं भी मुस्कुराती हूं जैसे हम औरतों की कोई अहमियत समझे ना समझे पर हमारे बिना इस घर का भी हर एक कोना खाली है।