मैं डरती हूं
मैं डरती हूं
मैं डरती हूं
या मुझे खुद से घिन्न सी आती है
इन 20 सालो के 7300 दिन
मैंने रोज खुद को हर तरह के
साबुन से धो लिया
लेकिन कुछ है, जो नहीं साफ होता
मै डरती हूं
उन आंखों से जो मेरे चेहरे की
जगह मेरी सीने पे होती है
मै डरती हूं,
बस की भीड़ में उन हाथों से,
जो मुझे पीछे से छूते हैं
सड़क पे मेरा पीछा करते
उन अनजान क़दमों से
मैं डरती हूं
अपने चाचा से,
अपने मौसा से,
अपने मामा से
अपने दादा जी से जो मुझे 4 साल की उम्र में
गोद में लेकर छत पर
चॉकलेट देने के बहाने
ना जाने कहां कहां छूते थे
मै डरती हूं तुमसे खुद से
अब मै 24 की हूँ
लेकिन ये डर शायद
मुझमें हमेशा जिन्दा रहेगा।