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Ashutosh Shrivastwa

Drama

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Ashutosh Shrivastwa

Drama

अब हम तो सफ़र करते हैं

अब हम तो सफ़र करते हैं

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ये जो शहर दिल्ली है,एक अजीब सी कसक है इसमें, एकदम उस लड़की जैसी है जो हमारे दोस्त की शादी में मिली होती है, बस बारात के 4 घंटे में ही दिल लगा बैठते हैं ना उससे, एकदम उस जैसी है।

दो साल पहले जब आया था, तब लगा था जैसे मेरे पंख लग गए हो और मुझे उड़ने को पूरा आसमान(दिल्ली) मिला हो।

हर रंग के चेहरे, हर तरह की भाषा और हर चेहरे की हजार कहानियां, सैकड़ों सपने और उनको पूरा करने के लिए हुडा सिटी सेंटर मेट्रो के गेट पे लंबी कतार 

इसी भागती दिल्ली में नए दोस्त मिले, एक ' इश्क़ ' और एक फैन मिला। दोस्तो ने चलना सिखाया, इश्क़ ने जीना और फैन ने लिखना सिखाया।

लेकिन अब जो जाना पड़ रहा है, दिल बैठ सा गया है। जो अंदर तूफान था,शांत सा पड़ने लगा है। हर एक सेंकड में 100 बार दिल टूटने सा महसूस होता है। लेकिन क्या करें !

अब जाना है नई खुशी,जिंदगी, हंसी की तलाश में।

नई कहानियां लिखने,नए किरदारों के बीच। 

फिर मिलेंगे कभी,मुस्कुराते हुए " ऐ दिल्ली"।

अब हम तो सफ़र करते हैं। अलविदा।


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